तैर रहा सवाल… भट्टी गये तब कौन?
विष्णुकांत मिश्र
02 अगस्त 2024
Patna : विधि-व्यवस्था (Order of Law) की कमोबेश ऐसी ही अराजक स्थिति के बीच आईपीएस (IPS) अधिकारी आर एस भट्टी (R S Bhatti) को केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति से बुला बिहार पुलिस की कमान सौंपी गयी थी. अपराध नियंत्रित रखने की उनकी काबिलियत पर राज्य सरकार (state Government) को भरोसा था. उसी आधार पर पूर्व की कड़कमिजाजी के निराशा भरे अनुभवों को भूल लोगों ने उनसे नयी उम्मीदें बांध ली. बिहार के ‘जंगलराज’ (Jangalaraj) की राह बढ़ रहे कदम के ठिठक जाने और ‘सुशासन’ (sushasan) के पटरी पर लौट आने की संभावना में फिर से जग गयी. लेकिन, सब भ्रम साबित हुआ. अनुभव पूर्व जैसा ही रहा. जनता को इसका तनिक भी अहसास नहीं हुआ कि बिहार पुलिस (Bihar Police) की कमान आर एस भट्टी जैसे सख्तमिजाज आईपीएस अधिकारी के हाथ में है. ऐसा क्यों हुआ, चर्चा का एक अलग विषय है.
वरीयता को नजरंदाज कर…
बिहार में पुलिस महानिदेशक (Director General of police) का पद संभालने से पहले आर एस भट्टी सीमा सुरक्षा बल में पूर्वी कमांड के अपर महानिदेशक थे. कोलकाता (Kolkata) में पदस्थापित थे.19 दिसम्बर 2022 को बिहार कैडर के पांच आईपीएस अधिकारियों की वरीयता को लांघ इन्हें पुलिस महानिदेशक बना दिया गया .1986 बैच के उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) निवासी शीलबर्द्धन सिंह,1987 बैच के तमिलनाडु (Tamil Nadu) निवासी ए सीमा राजन, 1988 बैच के उत्तरप्रदेश निवासी अरविन्द पांडेय,1988 बैच के मनमोहन सिंह और 1989 बैच के आलोक राज की वरीयता को नजरअंदाज कर. वैसे, इनमें से कुछ अनिक्षुक भी थे. आलोक राज (Alok Raj) को छोड़ सबकी सेवानिवृत्ति हो गयी है.
हैरान करने वाली बात नहीं होगी
उस वक्त संभावना तीन पुलिस अधिकारियों की बनी थी.1989 बैच के आलोक राज और 1990 बैच के आर एस भट्टी एवं शोभा अहोतकर (Shobha Ahotkar) की. संघ लोक सेवा आयोग ने भी संभवतः इन तीन नामों का पैनल भेजा था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने चयन आर एस भट्टी का किया. तब महागठबंधन (grand alliance) की सरकार थी. राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद (Lalu Prasad) को आलोक राज पर कुछ अधिक भरोसा था. यही भरोसा उनकी राह का रोड़ा बन गया. वह संकट उनके लिए अब भी बना हुआ है. कानून के अनुसार चलने वाली शोभा अहोतकर के नाम पर न विचार होना था न हुआ. लेकिन, आर एस भट्टी की विदाई के बाद कड़कमिजाजी पर एक और प्रयोग के तहत अवसर उपलब्ध हो जाये तो वह हैरान करने वाली बात नहीं होगी.
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कुछ और आ गये हैं कतार में
आर एस भट्टी की पदस्थापना ‘अगले आदेश’ तक के लिए हुई है. वैसे, उनकी सेवानिवृत्ति 30 सितम्बर 2025 को होगी. आलोक राज की सेवानिवृत्ति 31 दिसम्बर 2025 को. शोभा अहोतकर 30 जून 2026 तक सेवा में रहेंगी. आर एस भट्टी को शेष सेवाकाल तक पुलिस महानिदेशक बनाये रखा गया तब आलोक राज को यह सौभाग्य प्राप्त नहीं हो पायेगा. संभवतः शोभा अहोतकर को भी नहीं. बीच में फिर से केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति (Centraldeputation) पर चले गये या राज्य सरकार ने बदलने का मन बना लिया तब वरीयता का लाभ मिल जा सकता है. लेकिन, दावेदार अब यही दोनों नहीं हैं, कुछ और भी कतार में आ गये हैं. 1991 बैच के विनय कुमार, प्रवीण वशिष्ठ और प्रीता वर्मा तथा 1992 बैच के ए के अम्बेदकर भी महानिदेशक स्तर के पुलिस अधिकारी हैं.
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