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बेगूसराय : जयमंगला महोत्सव पर ‘पाप दृष्टि’ क्यों?

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शिवकुमार राय
29 जनवरी, 2023

BEGUSARAI : मंझौल में लगभग छह साल पूर्व 18 मई 2017 को जयमंगला महोत्सव (Jayamangala Mahotsav) आयोजित हुआ तो उसकी ख्याति दूर-दूर तक हुई. इस नयी पहल की तुलना बहुचर्चित वैशाली महोत्सव (Vaishali Mahotsav) और राजगीर महोत्सव (Rajgir Mahotsav) से की जाने लगी. आयोजन की भव्यता और अप्रत्याशित सफलता के रूप में तुलना का मजबूत आधार भी था. लेकिन, इसे बेगूसराय जिलावासियों का दुर्भाग्य कहें या बिहार (Bihar) का, दो आयोजनों के बाद से इस पर ग्रहण लगा हुआ है. ऐसा नहीं कि यह ग्रहण दो वर्षीय कोरोना (Corona) संक्रमण काल की देन है. 29 और 30 मार्च 2018 को हुए द्वितीय जयमंगला महोत्सव के बाद से ही यह लगा हुआ है. जबकि बिहार सरकार (Bihar Government) के कला और संस्कृति विभाग के कैलेण्डर में इसे राजकीय महोत्सव का दर्जा हासिल है.

लोकगायिका शारदा सिन्हा की प्रस्तुति.

इस साल भी नहीं!
कला और संस्कृति विभाग (Department of Art and Culture) की उदासीनता के चलते ऐसा है या बेगूसराय जिला प्रशासन (District Administration) की अकर्मण्यता के चलते, यह नहीं कहा जा सकता. वैसे, सामान्य लोग जिला प्रशासन को ही कटघरे में लाते हैं. दिलचस्प बात यह कि राजकीय महोत्सव घोषित होने के बाद मंझौल (Manjhaul) में जयमंगला महोत्सव के आयोजन के लिए सरकार के स्तर पर हर साल 15 लाख रुपये आवंटित होते हैं. सवाल उठना स्वाभाविक है कि उन रुपयों का क्या हुआ? कोरोना संक्रमण काल के बाद 2022 से बिहार में धार्मिक एवं सांस्कृतिक आयोजनों का सिलसिला बना हुआ है. लेकिन, जयमंगला महोत्सव के मुतल्लिक जिला प्रशासन का जो रुख दिख रहा है वह किसी भी रूप में इस साल भी इसके आयोजन की उम्मीद नहीं जगाता है.

नेताओं से भी मिल रही निराशा
हैरानी की बात यह कि बेगूसराय के राजनीतिक दलों (Political Parties) के नेता भी जयमंगला महोत्सव के मामले में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं. राज्य में अभी महागठबंधन (Mahagathbandhan) की सरकार है. राजद (RJD) उसका महत्वपूर्ण घटक है. क्षेत्रीय विधायक राजवंशी महतो (Rajvanshi Mahto) राजद के ही हैं. इस महोत्सव के आयोजन के लिए उनका भी कोई प्रयास नहीं हो रहा है. क्षेत्रीय लोगों में जयमंगला महोत्सव के अल्पकाल में ही काल के गाल में समा जाने की आशंका गहरा गयी है. जयमंगला महोत्सव के आयोजन की शुरुआत जयमंगला काबर फाउंडेशन (Jayamangala Kabar Foundation) ने की थी. प्रथम आयोजन में राज्य के तत्कालीन राज्यपाल रामनाथ कोविंद (Ramnath Kovind) मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए थे. बिहार कोकिला पद्म भूषण डा शारदा सिन्हा (Sharda Sinha) की सुरमई प्रस्तुति से इलाके में सांस्कृतिक पुनर्जागरण हुआ था. उसमें मशहूर पार्श्व गायिका तृप्ति शाक्या (Tripti Shakya) ने भी मनमोहक प्रस्तुति दी थी.


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पहल करे जिला प्रशासन
2018 के द्वितीय आयोजन में तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) और बिहार विधानसभा के तब के अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी (Vijay Kumar Chaudhary) ने शिरकत की थी. चर्चित गायिका मैथिली ठाकुर (Maithili Thakur) और मालिनी अवस्थी (Malini Awasthi) की मनमोहक प्रस्तुति से लोग आनंदित हुए थे. कोरोना संक्रमण काल के बाद 2021 में तत्कालीन कला एवं संस्कृति मंत्री प्रमोद कुमार (Pramod Kumar) ने इसके आयोजन की पहल की थी. लेकिन, प्रशासनिक लापरवाही की वजह से वैसा हो नहीं पाया. जयमंगला काबर फाउंडेशन के अध्यक्ष राजेश राज (Rajesh Raj) का कहना है कि जयमंगला इस क्षेत्र की अधिष्ठात्री हैं. उनकी शान में चार चांद लगाने के लिए जयमंगला महोत्सव (Jayamangala Mahotsav) का आयोजन सुनिश्चित किया जाना चाहिये. बेगूसराय जिला प्रशासन से उनकी अपेक्षा है कि वह इसके लिए कारगर कदम उठाये. सरकार (Government) की जो प्रक्रिया है उसमें पहल जिलाधिकारी (District Magistrate) को ही करनी होगी.

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