तापमान लाइव

ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल

अन्य की बात छोड़िये, खुद पर भी विश्वास नहीं उन्हें!

शेयर करें:

विशेष प्रतिनिधि
14 अक्तूबर 2023

Patna : राज्य भर के आम और खास लोगों को पता है कि असली सत्ता महागठबंधन के छह दलों और बहुत सारे नेताओं के हाथ में नहीं है, उन तीन-चार लोगों के हाथ में है जो सबसे बड़ी पार्टी यानी सुशासन बाबू की भूंजा पार्टी के मेंबर हैं. अगर आप भी ऐसा मान रहे हैं तो अपनी जानकारी को सुधार लीजिये. क्योंकि राजकाज के मामले में सुशासन (Good Governance) बाबू अपने अधिकारियों के अलावा किसी पर विश्वास (Faith) नहीं करते हैं. कई मामलों में तो स्वयं पर भी विश्वास नहीं करते हैं. स्वयं के मन में कोई विचार आया और अधिकारी ने काट दिया तो वह कटा का कटा रह जाता है. इतनी छोटी बात तो हर किसी को पता है कि सरकार (Government) मंत्री नहीं, अधिकारी चलाते हैं.


ये भी पढें :
इस औचक निरीक्षण में है सम्मान का भाव
कहां चरित्तर चाचा और कहां भतीजा बिहारी!
बिहारः दोहरा दंश झेल रहा यह समाज!


यही है उनकी औकात!
कहानी भूंजा पार्टी के तीन सदस्यों की जानिये. इनमें से एक ने उत्तर बिहार (Bihar) में डीएम रहे एक आईएएस (IAS) का नाम विभाग के सचिव के लिए प्रस्तावित किया था. अधिकारी अच्छे हैं. काम को लेकर कभी बदनामी नहीं हुई है. फिर भी उन्हें भूंजा पार्टी के सदस्य मंत्री के विभाग में पदस्थापित नहीं किया गया. सुशासन बाबू ने अपने भरोसेमंद को सचिव बना दिया. भूंजा पार्टी के दूसरे सदस्य मंत्री (Minister) के विभाग में तो नालंदा निवासी को ही सचिव बना कर रखा गया है. वह सीधे सुशासन बाबू को रिपोर्ट करते हैं. तीसरे सदस्य के पास दो-तीन विभाग हैं. किसी में उनकी पसंद के सचिव नहीं हैं. गुंजाइश वाले उनके विभाग में तो प्रधान सचिव (Secretary General) की मैडम को ही सचिव बना कर रखा गया है. वह लंबे समय से इस विभाग में हैं. उनका दूसरा-तीसरा विभाग सूखा हुआ है. कोई सचिव रहे फर्क नहीं पड़ेगा.

#Tapmanlive

अपनी राय दें