उस दिन पांच लाख गांवों में भी होगा अयोध्या जैसा आनंदोत्सव
तापमान लाइव ब्यूरो
16 नवम्बर 2023
Lucknow : अयोध्या (Ayodhya) में श्रीराम जन्मभूमि पर बन रहे मंदिर में रामलला की प्रतिष्ठापना से पहले उनका ‘अक्षत प्रसाद’ उन बासठ करोड़ रामभक्तों तक पहुंचाया जायेगा जिन्होंने इस पुनीत अभियान में किसी न किसी रूप में सहयोग किया था. इसके लिए विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के 45 सांगठनिक प्रांतों के विशेष पदाधिकारी ‘अक्षत कलश’ लेकर संगठन की विभिन्न इकाइयों के माध्यम से पांच लाख गांवों के रामभक्तों के घरों तक जायेंगे, उन्हें रामलला की प्रतिष्ठापना के अनुष्ठान (Ritual) से पूजा-पाठ के जरिये जोड़ेंगे. मकसद इस ऐतिहासिक धार्मिक कार्य (Historical Religious Work) में सबकी सहभागिता सुनिश्चित करना है.
22 जनवरी को होगी प्राण-प्रतिष्ठा
श्रीराम जन्मभूमि (Shri Ram Janmabhoomi) पर बन रहे नवीन मंदिर के गर्भगृह में भगवान श्रीराम के बाल रूप के नूतन विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को होगी. उस समय देश के पांच लाख गांवों के मंदिरों में अयोध्या जैसा ही आनंदोत्सव मनाया जायेगा. प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi), राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत (Mohan Bhagwat), उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) आदि मौजूद रहेंगे. नरेन्द्र मोदी यजमान की भूमिका में होंगे.
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सभी को जायेगा बुलावा
देश के 127 संप्रदायों के आचार्य और 13 अखाड़ों के प्रतिनिधि भी आयोजन में शामिल होंगे. चार हजार संत-महात्माओं और समाज के विभिन्न वर्गों के ढाई हजार प्रतिष्ठित लोग आमंत्रित किये जायेंगे. सभी राजनीतिक दलों के राष्ट्रीय अध्यक्षों, सभी राज्यों के राज्यपालों और मुख्यमंत्रियों को भी बुलावा जायेगा. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के निर्णय के मुताबिक रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा वैष्णव साधुओं व संन्यासियों के रामानंदी संप्रदाय की पूजा-पद्धति से की जायेगी.
समिति बनायेगी पूजा पद्धति
प्राण-प्रतिष्ठा के बाद रामलला की दैनिक सेवाओं, निमित उत्सवों व अनुष्ठानों को भी रामानंदी पद्धति से कराना तय किया गया है. इसके लिए श्रीराम सेवा विधि- विधान समिति बनायी गयी है. इसमें श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, सदस्य नृपेन्द्र मिश्र और डा.अनिल मिश्र को रखा गया है. समिति अपनी देखरेख में पूजा पद्धति लिपिबद्ध करायेगी.
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