चल रहा है पितृपक्ष, रखें इन बातों का ध्यान
तापमान लाइव डेस्क
30 सितम्बर, 2021
20 सितंबर से पितृपक्ष चल रहा है. 6 अक्तूबर 2021 तक चलेगा. इस दौरान सावधानियां बरतने की जरूरत है. अन्यथा पितृ-दोष लग सकते हैं. कंगाली या कई बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है.
शास्त्रों के अनुसार पितृपक्ष के दौरान पितृलोक के द्वार खुलते हैं और सभी पितर धरती पर आते हैं. इसलिए इस समय उनके लिए तर्पण या श्राद्ध किया जाता है, जिससे उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है. पितृपक्ष में किया गया श्राद्ध ब्रह्मांड में विचरण कर रहे सभी पितरों के लिए मोक्ष प्राप्ति के द्वार खोलता है.
पितृपक्ष में खाने से लेकर कपड़े पहनने तक में कई सावधानियां बरतनी पड़ती हैं. कई लोग इन नियमों से अंजान रहते हैं और कुछ ऐसा कर देते हैं जिसे शास्त्रों में निषेध माना गया है. पितृपक्ष में निम्न सावधानी बरतने की जरूरत है:
- पितरों के लिए श्राद्ध और तर्पण करना इसलिए अनिवार्य बताया गया है क्योंकि इससे उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है. पिता की मृत्यु की तिथि याद नहीं रहने पर सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या (पितृपक्ष का आखिरी दिन) के दिन भी तर्पण कर सकते हैं. आप रोजाना भी तर्पण और ब्राह्मण भोजन करा सकते हैं.
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पितृपक्ष के दौरान किसी अतिथि का अनादर नहीं करें. इन 16 दिनों में हो सकता है आपके पितर कोई रूप धारण कर आपके द्वार पर खड़े हो जायें. इसलिए इस दौरान किसी भी भिक्षुक, अतिथि या आगंतुक का अपमान नहीं करें.
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इस दौरान पशु-पक्षी को भी भोजन और जल देना चाहिये. साथ ही किसी भी जीव को परेशान नहीं करना चाहिये, अन्यथा पितृजन नाराज हो सकते हैं. इसका विशेष ध्यान रखें कि गाय और ब्राह्मण का अपमान नहीं हो. गाय को न तो परेशान करें और न ही किसी प्रकार की चोट पहुंचायें.
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कई लोगों को बासी भोजन खाने की आदत होती है. पितृपक्ष के दिनों में किसी भी प्रकार का बासी खाना नहीं खायें. संभव हो तो मांस या शराब का सेवन भी नहीं करें.
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पितृपक्ष के दौरान पेड़-पौधे भी नहीं काटें क्योंकि वे भी सजीव हैं. ऐसा करने से भी पितृ-दोष का सामना करना पड़ता है, जो कई संकट ला सकता है.