मिलिये इस ‘लौकिक हनुमान’ से!
एस एन श्याम
03 सितम्बर, 2022
PATNA : विज्ञान (Science) और अनास्थावान लोगों को यह भले स्वीकार्य नहीं हो, लेकिन आस्थावानों की ऐसी मान्यता है कि रामभक्त हनुमान (Hanuman) आज भी जीवित हैं. उस मान्यता के मुताबिक इस संसार में सूर्य और चन्द्रमा के बाद हनुमान ही ऐसे देवता हैं जो पृथ्वीलोक में सूक्ष्म रूप से सदा वहां विराजमान रहते हैं जहां भगवान राम (RAM) की कथा होती है या रामायण (RAMAYAN) का पाठ होता है. सूर्य और चन्द्रमा तो दृश्यमान हैं, पर कलियुग में रामभक्त हनुमान को किसी ने नहीं देखा. वह कहां हैं, किस अवस्था में हैं? धरती पर विराजमान हैं तो किसी को दिखायी क्यों नहीं पड़ते हैं? खैर, ये तमाम सवाल अपनी जगह है. इस ‘अलौकिक हनुमान’ का दर्शन हम नहीं करा सकते हैं. लेकिन, उस ‘लौकिक हनुमान’ का दर्शन जरूर करा रहे हैं जो विध्यांचल (Vindhyachal) के अष्टभुजा मंदिर (Astbhuja Mandir) परिसर में कालि खोह (Kali Khoh) के सामने एक पुराने पेड़ की खोह में ‘विराजमान’ हैं. उस खोह में उन्होंने 31 वर्षों से लगातार आसन जमा रखा है.
श्रद्धालुओं से मिलने वाले दान ही इस ‘हनुमान’ (Hanuman) की आजीविका के साधन हैं. गौर करने वाली बात यह कि इन 31 वर्षों के दौरान उन्होंने कभी स्नान नहीं किया है. इस संदर्भ में उनका कहना रहा कि जब आत्मा शरीर को छोड़ देगी तभी अंतिम स्नान होगा. साल में एक बार गंगा दशहरा (Ganga Dushahara) के दिन वह भगवान श्रीराम (Shree Ram) की बानर सेना के लिए भंडारा आयोजित करते हैं. पहाड़ों पर घूम-घूमकर निमंत्रण देते हैं और फिर सैकड़ों की संख्या में जुटे बंदरों को स्वादिष्ट भोजन कराते हैं. उनकी और क्या सब खासियत है वह इस वीडियो में है.
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