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विपक्षी एकता: किस मुकाम ले जायेगा ‘गुरु चांडाल’… !

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विष्णुकांत मिश्र
28 जून 2023

Patna : नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) विरोधी नेताओं का पांच दिन पहले पटना में ‘सियासी मजमा’ लगा. नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के खूब जोर लगाने के बाद भी कुल पंद्रह विपक्षी दलों के ही नेता शामिल हुए. उनमें कुछ मुंह फुला कर लौटे. जो हो, इस बहुप्रचारित व बहुप्रतीक्षित ‘एकजुटता बैठक’ में उपस्थिति से यह पूरी तरह साफ हो गया कि गिन-चुन कर देश के सिर्फ पंद्रह राजनीतिक दल ही खुले रूप में नरेन्द्र मोदी के खिलाफ हैं. शेष सभी उनके साथ हैं ऐसी बात भी नहीं. विरोध में और दल भी हैं, पर उन्हें ऐसी किसी एकजुटता पर फिलहाल भरोसा नहीं है. बैठक में मुख्य रूप से वही दल शामिल हुए जिनके कुछ नेताओं और उनके करीबियों को केन्द्रीय जांच एजेंसियों ने कार्रवाई की जद में ले रखा है. कुछ को ऐसी कार्रवाई होने की आशंका है जिसका सार्वजनिक इजहार वे बार- बार कर रहे हैं. कुछ की नजरें प्रधानमंत्री पद पर जमी है.

मुस्कान खिलेगी या…
बहरहाल, इस सियासी मजमे से मुस्कान खिलेगी या मायूसी मिलेगी, आकलन के सब के अपने-अपने नजरिये हैं. वैसे, देश का भविष्य तय करने वाली बैठक की बाबत पटना के संबद्ध राजनीतिक गलियारे में जो प्रफुल्लता दिखनी चाहिए थी वह औपचारिकताओं में सिमटी नजर आ रही है. क्या होगा क्या नहीं, यह वक्त के गर्भ में है. नीतीश कुमार के इस ‘एकजुटता प्रयास’ के संदर्भ में ज्योतिष शास्त्र का क्या आकलन है, यहां हम उसे प्रस्तुत कर रहे हैं. विशेष कर जिस लग्न और नक्षत्र में शुक्रवार को बैठक हुई उसके फलाफल को.

गुरु चांडाल योग. चित्र : सोशल मीडिया

बिगड़ जायेगा बनते-बनते
पंडित रवीन्द्र नाथ तिवारी (Pandit Rabindra Nath Tiwari) पटना के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य हैं. इस बैठक के ज्योतिषीय फल पर एबीपी न्यूज ने उनसे बातचीत की. उसी खबर को हम रख रहे हैं. पंडित रवीन्द्र नाथ तिवारी का कहना रहा कि जिस समय बैठक हुई उसका मुहूर्त ठीक नहीं है. इस योग के कारण काम बनते-बनते रूक जाने की आशंका है. शुक्रवार को आसाढ़ शुक्ल पक्ष की पंचमी थी. वैसे तो यह दिन शुभ माना जाता है. परन्तु, उस दिन विपक्षी एकता (opposition unity) की बैठक सुबह साढ़े ग्यारह बजे से शुरू होकर अपराह्न चार बजे तक चली. जिस वक्त यह बैठक हुई उस वक्त ‘गुरु चांडाल योग’ (Guru Chandal Yoga) था.


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बढ़िया संयोग नहीं
गुरु और राहु (Guru and Rahu) के एक साथ प्रवेश से गुरु चांडाल योग बनता है. इसे शुभ फल देने वाला नहीं माना जाता है. इस योग में किया गया कोई भी कार्य शुरू में तो लगता है कि सफल हो जायेगा, लेकिन अंत में काम होते-होते बिगड़ जाता है. पंडित रवीन्द्र नाथ तिवारी ने एबीपी न्यूज को जो जानकारी दी उसके अनुसार शुक्रवार को पूर्वाह्न 11 बजकर 28 मिनट पर कन्या लग्न ने प्रवेश किया. अपराह्न में 1 बजकर 41 मिनट पर यह लग्न समाप्त हो गया. 1 बजकर 42 मिनट से तीन बजकर 58 मिनट तक तुला लग्न रहा. जिस वक्त विपक्षी एकता की बैठक हुई उस समय दोनों लग्नों में गुरु और राहु रहे. उनके मुताबिक कन्या लग्न में सामान्य स्थिति बनी रही, लेकिन, गुरु कन्या लग्न में है. वहीं तुला लग्न में राहु है. यही बढ़िया संयोग नहीं बनाता है.

राजनीति के लिए शुभ नहीं
कन्या लग्न में गुरु अष्टम में बैठा है, राहु सप्तम में है. इस कारण उत्तम योग नहीं दिख रहा है. कन्या में मंगल और पंचम शनि है. फलतः मुहूर्त बढ़िया रहते हुए भी कुछ चूक हो गयी है. कन्या अष्टम स्थान पर है जो आयु के लिए शुभ होता है. इसी तरह तुला सप्तम में है जो व्यवसाय के लिए शुभ होता है. लेकिन, यह राजनीति (Politics) से जुड़े मामले में लागू नहीं होता है. यह तो हुई ज्योतिषीय गणना (astrological calculations) . राजनीति के विश्लेषकों की गणना भी शायद इससे अलग कुछ नहीं होगी.

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