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सुरसंड और अबु दोजाना : तलाशना होगा नया ठिकाना

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मदनमोहन ठाकुर
26 अगस्त 2023

Sitamarhi : महागठबंधन 2025 के विधानसभा चुनाव के वक्त वर्तमान स्वरूप में ही रहा तो फिर बहुचर्चित पूर्व विधायक अबु दोजाना (Abu Dojana) का क्या होगा? यह सवाल सिर्फ सुरसंड विधानसभा क्षेत्र में ही नहीं, भाया सीतामढ़ी राजधानी के राजनीतिक गलियारों में भी घूम रहा है. अबु दोजाना 2015 में सुरसंड से राजद (RJD) के विधायक निर्वाचित हुए थे. उस वक्त महागठबंधन का लगभग ऐसा ही स्वरूप था. यानी जदयू (JDU) उसका हिस्सा था जैसा अभी है. लाभ अबु दोजाना को मिला. राजग (NDA) में यह सीट ‘हम’ के हिस्से में थी. पूर्व मंत्री शाहिद अली खान (Shahid Ali Khan) उम्मीदवार थे, मात खा गये. चुनाव के कुछ ही दिनों बाद उनका निधन हो गया. 2020 में अबु दोजाना धूल चाट गये. राजग के जदयू उम्मीदवार दिलीप राय (Dilip Rai) ने उनके दांत खट्टे कर दिये.

दिलीप राय भी कमतर नहीं
अबु दोजाना के पास पैसा और प्रभाव, सब कुछ है. राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद (Lalu Prasad) के परिवार से घनिष्ठता भी है. इसकी बदौलत वह 2025 के विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) में महागठबंधन में सुरसंड को राजद के कोटे में रखवा ले सकते हैं. लेकिन, जदयू विधायक दिलीप राय भी किसी रूप में कमतर नहीं हैं. ऐसा कहा जाता है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) का उन्हें बरदहस्त प्राप्त है. ऐसे में उम्मीदवारी की बाबत राजद का दावा शायद ही मंजूर हो पायेगा. विश्लेषकों की समझ है कि अबु दोजाना और राजद की ऐसी मंशा तभी फलीभूत हो पायेगी जब सीतामढ़ी संसदीय क्षेत्र से दिलीप राय को महागठबंधन में जदयू की उम्मीदवारी मिल जाये. दिलीप राय संसदीय चुनाव लड़ने की चाहत रखते भी हैं. हालांकि, जदयू में भी उनके कई मजबूत विकल्प हैं. इसके मद्देनजर दिलीप राय को संसदीय चुनाव में उम्मीदवारी मिलने की स्थिति में भी सुरसंड (Sursand) में अबु दोजाना की संभावना लगभग समाप्त ही मानी जा सकती है.

और भी हैं दावेदार
महागठबंधन चुनाव से पूर्व बिखर गया तब बात दूसरी हो जा सकती है. विधायक दिलीप राय को सीतामढ़ी संसदीय क्षेत्र (Sitamarhi Parliamentary Constituency) का संभावित उम्मीदवार मान जदयू के कई स्थानीय नेता 2025 के विधानसभा चुनाव की बाबत खुद की दावेदारी दुरुस्त कर रहे हैं. उनमें बलहा मकसूदन पंचायत के पूर्व मुखिया रामबाबू यादव भी हैं. वर्तमान में उनकी पत्नी उषा यादव मुखिया पद की जिम्मेवारी संभाल रही हैं. वह जिला पार्षद भी रह चुकी हैं. इनकी प्रभावशाली पारिवारिक पृष्ठभूमि है. हर दृष्टि से विधानसभा का चुनाव लड़ने में सक्षम-समर्थ हैं. रामबाबू यादव के चाचा रामलगन राय मुखिया एवं प्रखंड प्रमुख रह चुके हैं. सीताराम यादव, रामवृक्ष चौधरी और नवल राय को विधायक निर्वाचित कराने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रहती थी, ऐसा स्थानीय लोग बताते हैं. रामलगन राय (Ramlagan Rai) की ही राजनीतिक विरासत रामबाबू यादव संभाल रहे हैं. 2020 में दिलीप राय की जीत के लिए भी इन्होंने एड़ी चोटी एक कर दी थी. कतिपय अपवादों को छोड़ संपूर्ण यादव समाज राजद के साथ था. रामबाबू यादव (Rambabu Yadav) जदयू का झंडा बुलंद किये रहे. ओमप्रकाश यादव चोरौत के प्रखंड प्रमुख हैं.उनकी भी विधानसभा चुनाव लड़ने की आकांक्षा है. 2020 में यह भी दिलीप राय के साथ थे.

नवल किशोर राउत भी
भाजपा (BJP) में भी कई नेता अपनी संभावना संवार रहे हैं. पूर्व जिला पार्षद विश्वनाथ मिश्र की पहुंच प्रदेश के बड़े भाजपा नेताओं तक है. सामाजिक कार्यकर्त्ता की पहचान है. अवसर मिल जाये तो वह अचरज की कोई बात नहीं होगी. वैसे, मनीष गुप्ता की दावेदारी अपेक्षाकृत अधिक मजबूत मानी जाती है. वह सीतामढ़ी जिला भाजपा के उपाध्यक्ष और प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य रह चुके हैं. इनकी मां सुरसंड की प्रखंड प्रमुख रही हैं. मनीष गुप्ता व्यवसाय जगत से जुड़े हैं. शिष्टता और शालीनता स्वभाव में शामिल हैं. चुनाव लड़ने की चाहत जिला पार्षद नवल किशोर राउत की भी है. साम्यवादी राजनीतिक पृष्ठभूमि के नवल किशोर राउत (Naval Kishore Raut) विधानसभा के चुनाव में पहले भी किस्मत आजमा चुके हैं. कभी कामयाबी नहीं मिली.

पद्मराज भारद्वाज पिंटू
वैसे, पंचायत चुनाव की राजनीति में उनकी काफी मजबूत पकड़ है. 2001 में वह खुद और 2006 में उनकी पत्नी अनीता राउत (Anita Raut) जिला पार्षद निर्वाचित हुईं थीं. विधानसभा के चुनावों में कभी नवल किशोर राउत तो कभी अनीता राउत भाकपा की उम्मीदवार रहीं. 2025 की बाबत सबसे मजबूत दावेदारी बघारी ग्राम पंचायत के मुखिया पद्मराज भारद्वाज पिंटू (Padmraj Bhardwaj Pintu) की है. उन्होंने बघारी पंचायत को नानाजी देशमुख राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित कराया और खुद भी शोहरत हासिल की. मुखिया पद के चुनाव में दोबारा जीत से मनोबल काफी बढ़ा हुआ है. बघारी पंचायत का प्रवेश द्वार विकास के मामले में पूरे प्रदेश को नयी रोशनी दे रहा है. इसे ग्राम पंचायत बघारी का स्वाभिमान द्वार माना जा रहा है. नगर पंचायत, सुरसंड के सभापति ओमप्रकाश झा उर्फ राजू बाबू कांग्रेसी पृष्ठभूमि के संपन्न-सज्जन परिवार से आते हैं.अवसर मिलने पर परिणाम के रुख को मोड़ दे सकते हैं.

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