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पीएम क्या, अब सीएम लायक भी नहीं रहा मेटेरियल!

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विशेष प्रतिनिधि
28 अक्तूबर 2023

Patna : मेटेरिरयल मतलब सामग्री. मेटल मतलब धातु. राजनीति में किसी बड़े पद के लिए योग्यतम व्यक्ति के बारे में कहा जाता है कि अमुकजी फलां पद के लायक हैं. किसी के बारे में मेटल कह दिया जाता है. किसी के बारे में मेटेरियल कह दिया जाता है. अपने सुशासन बाबू जब राजकाज के ऊफान पर थे, दरबारियों ने उन्हें पीएम मेटेरियल (PM Material) कहना शुरू कर दिया. उस समय के अनुसार वह सही भी था. क्योंकि पांच साल के शुरुआती शासन में राज्य की काया बदल गयी थी.

इसलिए कहा गया था पीएम मेटेरियल
सचमुच राज्य का नाम सम्मान से लिया जाने लगा था. सड़क, बिजली, अपराध पर काबू, ये सब ऐसे विषय थे, जिनकी बदहाली के कारण राज्य की बदनामी होती थी. राज्य को बेलीक से लीक पर लाने के कारण उन्हें पीएम मेटेरियल कहा जाने लगा. तब सुशासन (Good Governance) बाबू भी पीएम मेटेरियल कहने पर नाराज नहीं होते थे. मंद-मंद मुस्कुरा कर समर्थन करते थे.

खूब मलाई काटी
इस नाम पर दरबारियों ने खूब मलाई काटी. कुछ राज्यसभा चले गये. किसी को मंत्री (Minister) पद मिल गया. उस प्रकरण के दस-बारह साल बाद सुशासन बाबू पीएम मेटेरियल नहीं रह गये. शायद अन्य मेटेरियल की तरह उनके पीएम वाले मेटेरियल में भी खराबी आ गयी. इस समय देश के कई मीडिया घराने पीएम मेटेरियल की खोज में लगे हुए हैं. जनता के बीच सर्वे हो रहा है.


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और किन लोगों में है…
पूछा जा रहा है कि नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) के अलावा और किन लोगों में पीएम मेटेरियल है. चार-पांच नाम दिये जाते हैं. उनमें सुशासन बाबू का नाम नहीं रहता है. एकाध बार नाम दिया गया था. अच्छा रिस्पांस नहीं मिला. इसलिए विकल्प के रूप में नाम देना ही बंद कर दिया. यह बात अच्छी है या बुरी, दरबारी ही बता सकते हैं.

इच्छा नहीं रही
दरबारियों का नया नारा यह है कि सुशासन बाबू में तो पीएम बनने वाला मेटेरियल कूट पीस कर भरा हुआ है, बस, पीएम बनने की इच्छा नहीं रही. दूसरी तरफ उन बदमाशों को क्या कहा जाये जो कहने लगे हैं कि पीएम क्या, अब उनमें सीएम पद पर बने रहने लायक भी मेटेरियल नहीं बचा है. जनता ने तो तीन साल पहले घर बिठा दिया था. यह तो सहयोगी हैं कि खींचे जा रहे हैं.

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