अंधेरे पर विजय को थाम ली अक्षर की मशाल
अश्विनी कुमार आलोक
26 जुलाई 2024
Mohanpur (Samastipur) : अब अंधेरा जीत लेने की तैयारी हो चली है. इस गांव के लोगों ने मशालें थाम ली हैं. यह है अक्षर की मशाल. इस पर विश्वास की पूरी सहूलियत है, आशा की समूची इबारत है. परिश्रम और सामर्थ्य की ऊर्जा से सरकारी विद्यालयों (government schools) में नयी जीवंतता आ गयी है. बच्चों की भरपूर उपस्थिति रहती है, शिक्षक (Teacher) भी पूरी निष्ठा से पढ़ाते हैं. निरीक्षण को आनेवाले सरकारी कर्मी और अधिकारियों का भी सद्भाव मिलता है, वे उनके साथ रहकर काम करने में विश्वास करने लगे हैं.
उत्साहजनक नजारा
शुक्रवार को एक ऐसा ही उत्साहजनक नजारा दिखायी दिया. मोहनपुर प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय, भोगराजपुर (Upgraded Middle School, Bhograjpur) में प्रखंड शिक्षा कार्यालय (Block Education Office) से अनुश्रवण के लिए दो सरकारी कर्मी भेजे गये. लेखा सहायक योगेश कुमार और डाटा एंट्री आपरेटर सुदामा कुमार. उन्हें एक प्रकार से निरीक्षण भी करना था और निरीक्षण प्रतिवेदन ऊपर तक भेजना था. लेकिन, विद्यालय में अपेक्षा से अधिक उपयुक्त वातावरण था. बच्चों की उत्साहजनक उपस्थिति थी, सभी पोशाक में.
बच्चों के साथ पीछे बैठ गये
दोनों सरकारी कर्मियों ने घूमकर देखा. एक जगह ठहर गये. नयी शिक्षिका सना परवीन पढ़ा रही थीं . वह बीपीएससी परीक्षा पास करने के बाद नियुक्त की गयी हैं. हिन्दी व्याकरण पढ़ा रही थीं. पढ़ाने का ढंग इतना मनोरम था कि दोनों सरकारी कर्मी प्रधानाध्यापक अमित कुमार के साथ बच्चों के साथ पीछे बैठ गये. मुआयना का यह बेहतरीन तरीका माना जाता है.
मजबूत कर दिया विश्वास
योगेश कुमार और सुदामा कुमार ने भी सामान्य बच्चों के साथ पढ़ाई की, सना परवीन ने उनकी भी उत्तर पुस्तिका जांची, मूल्यांकन किया. मध्य विद्यालय, भोगराजपुर में किये गये ऐसे निरीक्षण की दाद दी जा रही है. बदले हुए शैक्षिक वातावरण ने लोगों का विश्वास सरकारी विद्यालयों के प्रति मजबूत कर दिया है.
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