बिहार : किस्सा है यह दयावान रिश्वतखोर का!
विशेष प्रतिनिधि
03 अक्तूबर 2024
Patna : आप और हम लगभग हर कोई किसी एक घटना को देखकर धारणा बना लेते हैं. कोई सरकारी अधिकारी या कर्मचारी आपसे रिश्वत (Bribe) की मांग करता है. फिक्स रकम लेने पर अड़ जाता है. तुरंत उस गरीब के बारे में धारणा बना लेते हैं कि हृदयहीन (Heartless) है. दिल में दया माया का वास नहीं है. और भी बहुत कुछ कहते हैं. निर्दयी, लालची, पतित सब कुछ. उसके जीते जी नर्क में जाने की कामना भी करने लगते हैं. धर्म और पुनर्जन्म में जिनकी आस्था है, वे श्राप देने की मुद्रा में कहते हैं कि यह आदमी अगले जन्म में कीड़ा बनकर धरती पर आयेगा. बहुतेरे कष्ट झेलेगा. इस तरह के घोर कलियुग में अगर बतायें कि एक दयावान रिश्वतखोर भी है तो लोग सहसा भरोसा नहीं करेंगे. लेकिन, सच तो सच है.
देखा है, हमने देखा है…
आज भी दयावान रिश्वतखोर है. भरोसा न हो तो किसी जिले के दानापानी विभाग वाले अधिकारी (Officer) से पूछ लीजिये. वह नाम लेकर गवाही देगा. सीना ठोककर कहेगा-जी हमने देखा है. दयावान रिश्वतखोर को देखा है. वह आदमी चेयरमैन है. चेयर तो बहुत आदमी के पास रहता है लेकिन, उस पर बैठने वाला हर कोई चेयरमैन नहीं होता है. यह वाला चेयरमैन पक्का चेयरमैन है. बिना नागा वह हर महीने जिलों की सैर पर जाता है. डीलरों के यहां जाता है. मिड डे मिल की रसोई में जाता है. बिना किसी जांच के बता सकता है कि अनाज सड़ा है, इसलिए गला भी है. फिर वह दुहाई देता है.अपने बच्चों की दुहाई देता है. उस बच्चे की भी दुहाई देता है जो उसका अपना नहीं है.
रूलाई फूट पड़ी
बताता है कि उस पर दूसरों के बच्चों की परवरिश की भी जवाबदेही (Accountability) है. यह सब बताते हुए वह लाख टके की मांग कर देता है. अब रोने की बारी अगले की होती है. वह महंगाई (Costliness) का रोना रोता है. बच्चों का वास्ता देता है.चेयरमैन का दिल पसीजना शुरू कर देता है. उसका पूरा शरीर दया से कांपने लगता है. वह तुरंत लाख में फिफ्टी परसेंट रियायत का ऐलान करते हुए अगले के सामने हाथ पसार देता है-पचास ही निकाल. हम समझेंगे कि पचास दान कर दिया. एक बंदे के साथ यही हुआ. फिफ्टी परसेंट रियायत की घोषणा के बाद वह और जोर से रोने लगा. उसकी दशा देखकर चेयरमैन की भी रूलाई फूट पड़ी.
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वह भी नहीं दिया
वह रूंधे गले से बोला-भाई, चलो पच्चीस ही निकाल लो. बंदा वह भी नहीं दे सकता था. चेयरमैन ने इस बार बम्पर रियायत की घोषणा कर दी-पंद्रह और माफ किया.दस निकालो. जेब से पांच-पांच सौ के दो नोट निकले.चेयरमैन ने नोट पर झपट्टा मारा. कहा-सगुन का ख्याल कर भाई. सौ और निकाल दे. सौ मिलने के बाद दोनों गले मिले. कहिये. इतना दयावान रिश्वतखोर से आपका कभी पाला पड़ा है?
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