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मुकाबला : उभर रही तस्वीर विधानसभा चुनाव जैसी

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कृष्णमोहन सिंह
13 अगस्त, 2021

लखीसराय. लखीसराय जिला परिषद का निर्वाचन क्षेत्र संख्या एक कतिपय चर्चित व्यक्तियों के मैदान में उतरने की संभावनाओं के मद्देनजर चुनावी मुकाबले के मामले में भी क्रमांक के अनुरूप महत्वपूर्ण बनता जा रहा है. पंचायत चुनाव की तारीख हालांकि अभी घोषित नहीं हुई है. इसके बावजूद सरगर्मी परवान चढ़ने लगी है .चर्चा इस बात की कुछ अधिक है कि बाहुबली पति अरुण कुमार सिंह उर्फ खिखर सिंह के परलोक पहुंच जाने से खुद को कमजोर महसूस कर रहीं इस क्षेत्र की निवर्तमान जिला पार्षद चंदा देवी इस बार जिला परिषद में नहीं, मुखिया पद के चुनाव में ताकत आजमायेंगी. खुटहा पूर्वी पंचायत से , जहां से अभी स्थानीय स्तर के बाहुबली अवधी सिंह की पत्नी पिंकी देवी मुखिया हैं. हालांकि, इस संदर्भ में चंदा देवी का कोई अधिकृत बयान नहीं आया है. सब कुछ अनुमान में ही है. पर, ऐसी बातें उनके ही लोगों के मुंह से ज्यादा निकल रही हैं. कनफूसकियों में एक चैंकाने वाली चर्चा भी है. यह कि राजद के पूर्व विधायक फुलेना सिंह बदले राजनीतिक हालात का लाभ उठाने की कोशिश कर सकते हैं. विधानसभा के चुनावों में लगातार हार से समायी हताशा व निराशा से उबरने के लिए जिला परिषद का अध्यक्ष पद लक्षित कर अपनी पत्नी को चुनाव मैदान में उतार सकते हैं. हालांकि, फुलेना सिंह ऐसी किसी संभावना से इनकार करते हैं ,पर साथ में यह अवश्य जोड़ते हैं कि क्षेत्र के लोगों का दबाव पड़ रहा है. अभी निर्णय नहीं किया है.

मिक्की देवी और बेबी देवी.

बड़हिया प्रखण्ड की नौ पंचायतों वाला जिला परिषद का यह निर्वाचन क्षेत्र महिला ( सामान्य ) के लिए सुरक्षित है. 2011को छोड़ शेष सभी चुनावों में चंदा देवी की जीत हुई थी. यह निर्विवाद है कि उन जीतों में अपने जमाने में क्षेत्रीय आतंक का पर्याय रहे उनके पति अरुण कुमार सिंह उर्फ खिखर सिंह का बहुत बड़ा योगदान था. खुटहा के स्थानीय बाहुबली अवधी सिंह से अंदरुनी तालमेल का भी. इलाकाई अपराध सत्ता के खूनी संघर्ष में खिखर सिंह और अवधी सिंह कभी एक दूसरे के जानी दुश्मन थे. त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था लागू होने के बाद गांव की सत्ता पर काबिज होने की रणनीति के तहत एक दूसरे के करीब हो गये. कथित आपसी सहयोग से खुटहा पूर्वी पंचायत पर पिंकी देवी के रूप में अवधी सिंह का ‘आधिपत्य’ कायम हो गया , तो जिला परिषद निर्वाचन क्षेत्र संख्या एक पर चंदा देवी के रूप में खिखर सिंह का. इसी बल पर चंदा देवी एक बार जिला परिषद के अध्यक्ष पद पर भी काबिज हो गयी थीं. खिखर सिंह के असामयिक निधन का असर इस तालमेल पर भी पड़ने की आशंका को एक झटके में खारिज नहीं किया जा सकता. बहरहाल, पति के काल के गाल में समा जाने के बाद चंदा देवी को छुटभैये बाहुबली देवर मखरू सिंह से सहयोग की उम्मीद थी. मखरू सिंह भी साथ देने की बात करते हैं, पर धरातल पर वैसा कुछ दिख नहीं रहा है. वैसे भी अपराध जगत और स्थानीय राजनीति में दोनों भाइयों की राह अलग- अलग थी. कोई आपसी समन्वय नहीं था. कारण जो रहा हो, गांव की पुश्तैनी डीह छोड़ कर मखरू सिंह ससुराल के गांव बालगुदर में बस गये. बाहुबल के जोर पर अपने साला धर्मेन्द्र कुमार सिंह को उस पंचायत का मुखिया बनवा दिया. गांव के लोग बताते हैं कि धर्मेन्द्र कुमार सिंह तीन बार मुखिया निर्वाचित हुए और तीनों ही बार शादी की. यानी उनकी तीन शादियां हुईं. इधर मखरू सिंह और धर्मेन्द्र कुमार सिंह में खटपट होने की चर्चा पसरी हुई है. खटपट ऐसी कि मखरू सिंह ने गांव की सत्ता से उखाड़ फेंकने के लिए उनके खिलाफ अपनी पत्नी यानी धर्मेन्द्र कुमार सिंह की बहन को मुखिया पद का चुनाव लड़ाने का मन बना रखा है. ऐसा होता है तो चाह कर भी भाभी चंदा देवी के लिए समय निकाल पाना उनके लिए मुश्किल होगा.

2016 के चुनाव में चंदा देवी का मुकाबला विनीता देवी से हुआ था. बहुत कम मतों से चूक गयीं विनीता देवी बड़हिया के एक प्रतिष्ठित परिवार की बहू हैं. उनके ससुर शिवालक सिंह समाजवादी धारा के नेता रहे हैं. पति राजेश कुमार सिंह गंगासराय पंचायत के मुखिया रह चुके हैं.उस काल में वह लखीसराय जिला मुखिया संघ के अध्यक्ष भी रहे. विनीता देवी इस बार भी मैदान में उतरेंगी, पूरे दमखम के साथ. उनके अलावा मिक्की देवी, बेबी देवी, पिंकी देवी, तारिणी देवी आदि के भी चुनाव लड़ने की चर्चा है. मिक्की देवी वामपंथी नेता रहे श्रीनिवास सिंह के भतीजा धर्मवीर सिंह की पत्नी हैं. लक्ष्मीपुर पंचायत के पहाड़पुर निवासी धर्मवीर सिंह को जद(यू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह का करीबी माना जाता है. चुनाव में उनका कोई सहयोग मिलेगा, यह नहीं कहा जा सकता. पिछले चुनाव में इसी पंचायत क्षेत्र के मृत अपराधी सरगना सुधीर सिंह की भाभी सरस्वती देवी मैदान में थीं. मुखिया रमाकांत सिंह की पत्नी. उनके पुत्र नुनू बाबू की पत्नी अभी पैक्स अध्यक्ष हैं. रमाकांत सिंह का समर्थन इस बार विनीता देवी को मिलने की बात कही जा रही है. बेबी देवी केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह से निकटता की पहचान ओढ़ रखे खुटहा पश्चिम के रामशोभा सिंह की पत्नी हैं. पति की यह पहचान उनके लिए कितना कारगर साबित होगी इसका अनुमान लगाना कठिन नहीं है. पिंकी देवी गिरिधरपुर पंचायत के मनोहरपुर निवासी रामप्रसाद की पत्नी हैं .तारिणी देवी डुमरी पंचायत क्षेत्र की रहने वाली हैं. इस चुनाव में क्षेत्रीय विधायक और बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा की भी कुछ न कुछ भूमिका रहेगी ही. कयासों में यह बात है कि प्रत्यक्ष -अप्रत्यक्ष उनका सहयोग विनीता देवी को मिल सकता है. आधार यह कि उनके पति राजेश कुमार सिंह ने विधानसभा चुनाव में उनके लिए पसीना बहाया था. वैसे, विजय कुमार सिन्हा का मधुर संबंध पंचायत की राजनीति में राजेश कुमार सिंह के प्रतिद्वंद्वी मेघन महतो से है, जो अभी गंगासराय पंचायत के मुखिया हैं. 2016 के चुनाव में राजेश कुमार सिंह उन्हीं से पराजित हुए थे. इस बार भी मुकाबला इन्हीं दोनों के बीच होने की संभावना है.

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