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मौत मिलनी थी शबनम को, मिल गयी बबली को

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मदन मोहन ठाकुर
28 अगस्त 2021

सीतामढ़ी. सब कुछ है. शोहरत, संपत्ति, सामाजिक स्वीकार्यता, प्रतिष्ठा. सब है. चिकित्सा का धंधा भी खूब चलता है. नहीं है तो पारिवारिक सुख-शांति. इसके लिए कोई और नहीं, उनकी रंगीनमिजाजी जिम्मेवार है, जिसने घर-परिवार में जहर घोल जिन्दगी को नरक-सा बना दिया है. अप्रत्यक्ष रूप से उनकी इसी अय्याशी से उपजा गुस्सा बेकसूर नर्स बबली पांडेय की बेवजह मौत का कारण बन गया. सामाजिक पाप और कानूनन गुनाह उन्होंने किया और जाने- अनजाने मौत के रूप में सजा बबली पांडेय को मिल गयी. मुकद्दर देखिये, कथित तौर पर सीमा सिन्हा ने पाप की भागीदार सौतन शबनम आरा की मौत मुकर्रर की थी, मिल गयी बबली पांडेय को. अंधाधुंध फायरिंग में शबनम आरा को खरोंच तक नहीं आयी. यही खौफनाक, पर शर्मनाक सारांश है सीतामढ़ी के बहुचर्चित चिकित्सक डा. शिवशंकर महतो पर प्राणलेवा हमले की कहानी का. सीमा सिन्हा ने पति डा. शिवशंकर महतो के पतितपना से उजाड़ बनी जिन्दगी को फिर से बसाने के आखिरी प्रयास के रूप में यह खूनी कदम उठाया या पति और तथाकथित सौतन को मौत के मुंह में डाल उनके खिलाफ सुलगी प्रतिशोध की आग को शांत करने के लिए, इसका मुकम्मल खुलासा होना अभी बाकी है. पुलिस के प्रारंभिक उद्भेदन में इसका जिक्र नहीं है, लेकिन इस आशंका को पूरी तरह से खारिज नहीं किया जा सकता कि बुधवार की देर रात क्लिनिक में हुई गोलीबारी के लक्ष्य में डा. शिवशंकर महतो भी थे. सांसें अवरुद्ध करने के लिए सिर्फ एक गोली काफी होती है, तीन गोलियां खाकर भी डा. शिवशंकर महतो सांस ले रहे हैं तो उसे संयोग ही कहा जायेगा.

मामले का खुलासा करते पुलिस अधीक्षक हरकिशोर राय.

डा. शिवशंकर महतो की जिस नर्सिंग होम में उनकी पत्नी सीमा सिन्हा से सुपारी लेने वाले शूटरों ने बेखौफ गोलीबारी की वह सर्किट हाउस के सामने है. पहले यह ताज होटल था. तब यह क्लिनिक मेहसौल चैक पर चलता था. पत्नी से विवाद पैदा होने पर उन्होंने इस होटल को किराये पर लेकर क्लिनिक खोल ली. आवास भी यहीं ले आये. मेहसौल चैक वाली क्लिनिक सीमा सिन्हा को दे दी. उन्होंने वहां होटल खोल दिया. लेकिन, पति-पत्नी के बीच झगड़ा कायम रहा. डा. शिवशंकर महतो के दो भतीजे संतोष कुमार और संदीप कुमार उनके ही क्लिनिक में दवा की दुकान चलाते हैं. उनसे विवाद हो गया. इस बीच क्लिनिक में ही काम करने वाली खूबसूरत नर्स शबनम आरा से डा. शिवशंकर महतो के संबंध कायम हुए और दोनों पति-पत्नी की तरह रहने लग गये. संभवतः एक संतान भी है. डा. शिवशंकर महतो से विवाद की बाबत भतीजों का मानना रहा कि उसमें शबनम आरा की ही खतरनाक भूमिका रही. सीमा सिन्हा के साथ मिलकर सबने शबनम आरा के खात्मे की योजना बनायी. इसमें सीमा सिन्हा के करीबी माने जाने वाले पेंटर टीपू उर्फ मुमशाद की भी संलिप्तता रही. सीमा सिन्हा के मायके के शूटरों को छह लाख की सुपारी दी गयी. दो लाख रुपये एडभांस के रूप में दिये गये. वैसे तो पुलिस का कहना है कि यह राशि सिर्फ शबनम आरा के कत्ल के लिए दी गयी. लेकिन, जिस तरह डा. शिवशंकर महतो पर गोलियां बरसायी गयी उससे लगता है कि उनका भी काम तमाम कर देने का सौदा हुआ था. हत्या शबनम आरा की होनी थी. लेकिन, भ्रम में बबली पांडेय शिकार हो गयीं. डा. शिवशंकर महतो ने डुमरा के शंकर चैक पर बहुत बड़ा अस्पताल बनाया है. एक सितम्बर 2021 को उसका उद्घाटन होना था. उस रात वह वहीं से लौटे थे. साथ में शबनम आरा और बबली पांडेय भी थी. बहरहाल, सीमा सिन्हा, डा. शिवशंकर महतो के आरोपित भतीजों संतोष कुमार और संदीप कुमार तथा टीपू उर्फ मुमशाद की गिरफ्तारी हो चुकी है.

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