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असंख्य आंखें ढूंढ़ रही थीं उस दिन उनको उस भीड़ में

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विशेष संवाददाता
28 अगस्त 2021

पटना. जद(यू) में हाल फिलहाल एक ही किस्म के दो ‘उत्सव’ हुए. स्वागत-सम्मान के आवरण तले अघोषित जोर-आजमाइश का दलीय उत्सव. पहले पार्टी के नव मनोनीत राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह के इस रूप में प्रथम पटना आगमन पर नेताओं-कार्यकर्ताओं का समर्थन तौला गया, तो उसके कुछ ही दिनों बाद केन्द्रीय मंत्री के रूप में पार्टी के निवर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष रामचंद्र प्रसाद सिंह यानी आरसीपी सिंह का.

स्वागत अभियान में नेताओं-कार्यकर्ताओं की सहभागिता पर किसी तरह की कोई बंदिश या मनाही नहीं थी. इसके बावजूद जातीयता की अदृश्य लकीर खींच गयी थी. एक वर्ग ने ललन सिंह के लिए आसमान सिर पर उठा लिया तो दूसरे ने आरसीपी सिंह को कमतर महसूस नहीं होने दिया. ऐसे बहुत कम लोग थे जिनकी समान रूप से दोनों उत्सवों में मौजूदगी रही और समान ढंग से उन्होंने जयकारा भी की.

उत्सव के कई दिन हो गये. टुकड़े-टुकड़े में चर्चा अब भी होती है. वैसी ही एक चर्चा महिला नेताओं-कार्यकर्ताओं की अपेक्षाकृत अधिक सक्रियता को लेकर हो रही है. विशेष कर आरसीपी सिंह के कार्यक्रम में उनकी सहभागिता को लेकर. शायद सांगठनिक दायित्व के निर्वहन के क्रम में दल के अंदर महिला सशक्तीकरण पर उन्होंने जो जोर दिया था उसी का यह असर था. वैसे, जातीयता यहां भी झिलमिलाती दिखी.

पटना के स्वागत अभियान की कमान परिवहन मंत्री शीला मंडल ने संभाल रखी थी. समस्तीपुर जिला जद(यू) की अध्यक्ष पूर्व सांसद अश्वमेघ देवी मुख्य भूमिका में थीं. रूपौली की विधायक पूर्व मंत्री बीमा भारती, सीवान की सांसद कविता सिंह, निवर्तमान विधान पार्षद मनोरमा देवी, राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष अंजुम आरा आदि अनेक महिला नेता अभियान का हिस्सा बनी हुई थीं. पूर्व मंत्री रंजू गीता की मौजूदगी को महत्व भले नहीं मिला, पर खुद को महत्वपूर्ण साबित करने का वह हरसंभव प्रयास करती दिखीं. अपने प्रभुत्व काल में आरसीपी सिंह ने उन्हें प्रदेश जद(यू) की समाज सुधार वाहिनी की कमान सौंप रखी थी. कारण समझ से परे है, उन्हें इस जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया गया है. इसे दलीय पदोन्नति मानें या अवनति, फिलहाल रंजू गीता मूल संगठन में उपाध्यक्ष का पद संभाल रही हैं.

आरसीपी सिंह और रंजू गीता : हमसे क्या भूल हुई …!

समाज सुधार वाहिनी के अध्यक्ष पद पर डा. ललिता को आसीन करा दिया गया है. जो हो, उस दिन इन सब से अलग असंख्य आंखें आरसीपी सिंह के सांगठनिक अभियानों में कदमताल मिलाने वाली प्रदेश महिला जद(यू) की अध्यक्ष श्वेता विश्वास को ढूंढ रही थीं.  पर, पूर्व की तरह खुले रूप से वह नजर नहीं आयीं. हालांकि कुछ लोगों का कहना है कि वह एअरपोर्ट से लेकर जद(यू) कार्यालय के कर्पूरी सभागार तक मौजूद दिखीं. बातें कई तरह की हुईं. लेकिन, श्वेता विश्वास का कहना रहा कि कहीं कोई बात नहीं थी. पार्टी के नये राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर ललन सिंह और केन्द्रीय मंत्रिमंडल में जगह पाने के नाते आरसीपी सिंह के अलग-अलग तारीख में स्वागत का कार्यक्रम तय किया गया था. प्रदेश महिला जद(यू) ने इसकी त्रिस्तरीय व्यवस्था कर रखी थी. उसी व्यवस्था के तहत वह कार्यालय में डटी थीं. (संशोधित)

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