वास्तु शास्त्र : कलह-क्लेश और खराब सेहत से मुक्ति के उपाय
तापमान लाइव डेस्क
14 सितम्बर, 2021
घर की परेशानियां खत्म नहीं होती हैं, कलह-क्लेश या पैसों की किल्लत रहती है तो इसका कारण वास्तुदोष हो सकता है. वास्तुदोष के कारण घर में रहने वाला व्यक्ति तमाम तरह के रोग, तनाव, कलह और कर्ज से घिर जाता है. घर के वास्तुदोष को पहचानने और इसे दूर करने के कुछ उपाय इस प्रकार हैं :-
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परिवार में अचानक और बेवजह झगड़े होने लग जाये तो समझ लें घर में वास्तुदोष है. इस वास्तुदोष को दूर करने के लिए दक्षिण-पूर्व दिशा में पानी नहीं रखें. रसोईघर भी नहीं बनवायें.
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घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा नीची होने से परिवार के सदस्यों की सेहत खराब रहती है. दक्षिण-पश्चिम दिशा को कभी खाली न छोड़ें. पानी की टंकी को भी साफ रखें.
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बचत के बाद भी फिजूल खर्च बढ़ गये हैं तो यह वास्तुदोष का संकेत हो सकता है. उत्तर दिशा में गंदगी होने के कारण फिजूलखर्ची बढ़ती है. इस दिशा को साफ रखें और वहां श्रीयंत्र रखें. घर के सामने बेलदार पत्तियां लगाने से भी पैसों की किल्लत दूर होती है.
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घर की पूर्व दिशा का वास्तुदोष संतान प्राप्ति में बाधा बन सकता है. इस दिशा में टायलेट, बाथरूम या घर के सामने कोई बड़ा पेड़ नहीं होना चाहिये. इस दिशा में रोशनी पर्याप्त नहीं होने से भी वास्तु दोष उत्पन्न होता है. इसे दूर करने के लिए मुख्य द्वार पर सिंदूर से ऊं लिखें.
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उत्तर-पूर्व दिशा में वास्तुदोष होने पर घर के सदस्य उदास और परेशान रहने लगते हैं. यह दिशा ज्ञान, मान-सम्मान और तेज प्रदान करती है. ऐसे में ईशान कोण में पूजा-पाठ करवाते रहना चाहिये. घर के मुख्य द्वार को सुंदर और दोषरहित रखें.