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फंस गये मंत्री जी… ईमानदारी के फेर में

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विशेष प्रतिनिधि
31 मार्च, 2022

PATNA : ईमानदारी का संकट बताकर रोना रोते हैं. यहां मामला एकदम से उल्टा है. सरकार के एक मंत्री इस समय ईमानदारी से संकट झेल रहे हैं. ऐसा उनके साथ पहले कभी नहीं हुआ था. उस दिन भी वह इतने परेशान नहीं थे, जब उनपर प्रतिबंधित शराब (Liquor) की तस्करी में मदद करने का आरोप लगा था. याद होगा कि पिछले ही साल विधानसभा (Assembly) में विपक्ष ने इस आरोप को खूब उछाला था.

आरोप यह कि मंत्रीजी ने जिस स्कूल का उद्घाटन किया था, उसमें तस्करी वाली शराब का गोदाम पकड़ा गया था. पता नहीं, उस मामले में क्या हुआ. लोग उस मामले को भूल भी गये हैं. इधर, मंत्रीजी ईमानदारी के नये फेर में फंस गये हैं. जिले के ही एक पूर्व मंत्री ने उन पर बेईमानी का आरोप लगा दिया. मंत्रीजी ने भी पूर्व मंत्री पर जवाबी आरोप लगा दिया. यह उनके जिले में हुआ.


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विवाद जिला में ही रह गया. उस दिन मंत्रीजी विधानसभा पहुंचे. विधायकों ने सहानुभूति दिखाते हुए कहा कि आप बहुत ईमानदार मंत्री हैं. आप जैसा ईमानदार मंत्री खोजना मुश्किल है. एक विधायक बोले तो मंत्रीजी के चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ गयी. लेकिन, कई विधायक जब एक साथ उन्हें ईमानदार बताने लगे तो मंत्रीजी को लगा कि अब हूटिंग हो रही है. क्योंकि इनमें कुछ ऐसे भी थे, जिन्होंने मंत्रीजी के पास क्लाइंट को पहुंचाया था.

कुल मिलाकर बेचारे ईमानदार कहे जाने से इतने बोर हो गये कि विधायकों को बिना धन्यवाद कहे आहिस्ते से निकल गये. बुरी बात यह कि उनकी घनघोर ईमानदारी की खबर सुशासन बाबू तक पहुंच गयी. उन्होंने अपने स्टाइल में आपरेशन शुरू कर दिया. विभाग में एक ऐसे आईएएस अधिकारी को बिठा दिया, जिन्हें फाइल का पुराना अनुभव है.

मंत्रीजी के पहले वाले जो इस विभाग के मंत्री थे, बेचारे इन्हीं अफसर के मारे हुए हैं. उस समय अफसर ने विभाग के तबादले की फाइल मुख्यमंत्री तक पहुंचा दी थी. तबादले पर रोक लग गयी. मुख्य सचिव को जांच का जिम्मा दिया गया. मंत्रीजी की इस कदर बदनामी हुई कि बेचारे को दूसरी बार मंत्री बनने का मौका नहीं मिला.

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