बेगूसराय : कहीं पे निगाहें, कही पे निशाना …!
विनोद कर्ण
24 जून 2023
BEGUSARAI : अजय कुमार सिंह उर्फ कारू सिंह के यहां छापा…! उस सुबह सूर्य की फूटती किरणों के साथ खबर फैली तो शहर सन्न रह गया. सन्न रह जाना स्वाभाविक था. वैसे तो आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी सामान्य बात है. यहां-वहां यह होती ही रहती है. पर, मटिहानी (Matihani) निवासी अजय कुमार सिंह उर्फ कारू सिंह (Ajay Kumar Singh urf Karu Singh) के यहां छापा बेगूसराय के लिए बड़ी बात थी. शहर के श्रीकृष्णनगर (Srikrishna Nagar) में रहने वाले कारू सिंह बहुत बड़े उद्योगपति एवं ठेकेदार (Thekedar) हैं. इतने बड़े कि राजनीतिक (Politics) और सामाजिक सरोकारों से कोई खास लगाव-जुड़ाव नहीं रहने के बावजूद पहचान का संकट नहीं है. इसलिए नहीं कि नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के अति करीबी संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी (Vijay Kumar Chaudhary) उनके बहनोई हैं और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह (Rajiv Ranjan Singh urf Lalan Singh) से सामान्य से कहीं अधिक गहरायी वाली नजदीकी है.
कारू सिंह का आवास.
अलग है पहचान
बेगूसराय जिले के अन्य बड़े ठेकेदारों से अलग विवादरहित छवि उनकी पहचान व प्रतिष्ठा का आधार है और इसमें विजय कुमार चौधरी और ललन सिंह (Lalan Singh) का किसी भी रूप में कोई योगदान नहीं है. गौर करने वाली बात यह भी है कि विजय कुमार चौधरी से रिश्तेदारी और ललन सिंह से ‘यारी’ तो है ही, अन्य चर्चित सियासी शख्सियतों से भी उनके करीब-करीब इतने ही मधुर संबंध हैं. इस परिप्रेक्ष्य में यह माना जा सकता है कि है कि छापेमारी से जितना गुस्सा विजय कुमार चौधरी (Vijay Kumar Chaudhary) और ललन सिंह को आया होगा उससे तनिक भी कम केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) को नहीं आया होगा. भाजपा (BJP) सांसद राकेश सिन्हा (Rakesh Sinha) में वैसा कोई भाव जगा होगा, यह नहीं कहा जा सकता.
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सामान्य प्रक्रिया है यह
जहां तक उनके स्तर के उद्योग-व्यापार और कारोबार की बात है तो संपूर्ण पारदर्शिता शायद ही कहीं रहती होगी. कारू सिंह (Karu Singh) भी अपवाद नहीं होंगे. तीन दिनों की छापेमारी में आयकर विभाग (Income Tax Department) और ईडी (ED) को प्रथम द्रष्टया कुछ गड़बड़ियां दिखी. आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) की छापेमारी एक सामान्य प्रक्रिया है. आमतौर पर उस पर अंगुली नहीं उठायी जा सकती. लेकिन, इन दिनों ऐसी कार्रवाई को राजनीति (Politics) के नजरिये से भी देखा जाने लगा है. कारू सिंह के मामले में भी वैसा ही कुछ हो रहा है.
कारण वह नहीं
संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी का कहना है कि अजय कुमार सिंह उर्फ कारू सिंह उनके काफी नजदीकी रिश्तेदार हैं इसलिए लक्षित किया गया है. मकसद 23 जून 2023 को पटना (Patna) में आयोजित विपक्षी दलों की ‘एकता बैठक’ में अवरोध पैदा करना था. विजय कुमार चौधरी जो कहें, छापेमारी के पीछे का राजनीतिक (Political) रहस्य यह नहीं है. विश्लेषकों की मानें तो कारू सिंह (Karu Singh) के यहां छापेमारी ललन सिंह (Lalan Singh) से उनके गहरे ताल्लुकात को लेकर हुई है. दरअसल, ललन सिंह के खिलाफ किसी ऐसे सबूत की तलाश की जा रही है जो उन्हें ‘सबक’ सिखाने का ठोस आधार बन सके.
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