पवित्र सावन माह को जानिये, कुछ इस दृष्टि से …!
राघव झा
04 जुलाई 2023
Patna : पवित्र श्रावण मास इस साल 04 जुलाई 2023 को शुरु हो रहा है जो 31अगस्त 2023 तक चलेगा। आमतौर पर यह महीना 30 दिन का होता है. पर, मलमास के कारण इस वर्ष 59 दिन का होगा. ज्योतिष शास्त्र में मानसिक और आध्यात्मिक दृष्टि से इस माह का काफी महत्व है. सनातन धर्म (Sanatan Dharm) में सावन का महत्व मुखयतः दो संदर्भों को लेकर है. ऐसी मान्यता है कि देवशयनी एकादशी से देवोत्थान एकादशी यानी चार माह तक भगवान विष्णु (Lord Vishnu) योग मुद्रा में रहते हैं. उस दौरान सृष्टि का संचालन भगवान शिव करते हैं. इस वजह से सावन में उनकी विशेष पूजा की जाती है. दूसरी मान्यता यह है कि भगवान शिव (Lord Shiva) को पति के रूप में पाने के लिए मां पार्वती (Maa Parwati) ने इसी सावन माह में तपस्या की थी. इस कारण शिव और पार्वती दोनों को यह माह प्रिय है. ऐसा माना जाता है कि महिलाओं के सोमवारी व्रत का आधार यही है. वैसे सावमाह को इन तीन बातों के लिए खास तौर पर जाना जाता है : बारिश की मोहकता, पूजा -पाठ की आध्यात्मिकता और पर्व – त्योहारों की उत्सुकता – प्रफुल्लता को लेकर.
मानसून का महीना
श्रावण मास को मानसून का महीना भी कहा जाता है. आकाश स्वच्छ रहता है, धरती नवीनता और सुंदरता से भर जाती है. हरियाली भरा प्राकृतिक सौंदर्य मन मिजाज को तरोताजा कर देता है. मन को शांति एवं स्वास्थ्य और सुख प्राप्ति का अनुपम अवसर प्रदान करता है. यह महीना त्योहारों के लिए भी विशेष महत्व रखता है. लोग विभिन्न त्योहारों और व्रतों के अनुष्ठान का आनंद लेते हैं और पुण्य कमाते हैं हैं.
सोमवारी व्रत
श्रावण के सोमवार का शिव पूजा के लिए विशिष्ट है. इस दिन भक्त शिवलिंग (Shivling) की पूजा करते हैं, व्रत रखते हैं और भगवान शिव की कृपा की कामना करते हैं. कुछ लोग महामृत्युंजय मंत्र (Mahamrityunjaya Mantra) का भी जाप करते हैं. श्रावण मास में शिव की पूजा के संदर्भ ऐसी मान्यता है कि इससे भगवान अति प्रसन्न होते हैं और ऐसा करने वालों की मनोकामना पूरी होती है. शिव की पूजा से मन को शांति मिलती है, अन्तःकरण पवित्र होता है और आध्यात्मिक उन्नति होती है. श्रावण में अधिक मास होने की वज़ह से इस साल प्रथम सोमवारी 10 जुलाई, द्वितीय 17 जुलाई, तृतीय 21अगस्त व अंतिम सोमवारी 28 अगस्त 2023 को पड़ेगी.अधिक मास में सोमवार 24 एवं 31 जुलाई तथा 07 एवं 14 अगस्त को है.
हरियाली तीज
यह त्योहार श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाता है. इस साल यह 19 अगस्त 2023 को मनाया जायेगा. मुख्य रूप से महिलाएं इस दिन व्रत रखती हैं और शिव-पार्वती की पूजा करती हैं. यह त्योहार उत्तर भारत (North India) में मनाया जाता है. हरियाली तीज (Hariyali Teej) में महिलाएं हरे-भरे वातावरण में सज-संवरकर पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं. हरियाली तीज का अर्थ – हरियाली यानी हरा और तीज यानी तीन से जुड़ा होता है. इस दिन महिलाएं विशेष तरीके से शिव-पार्वती की पूजा करती हैं और बहुमूल्य मातृत्व को समर्पित करती है. जल, फूल, पत्ते आदि से भगवान शिव की मूर्ति सजाती हैं और भोग प्रसाद (Bhog Prasad) के रूप में सिंदूर, मिठाई, फल आदि चढ़ाती हैं.
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नाग पंचमी
श्रावण शुक्ल पक्ष पंचमी को नाग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है. 2023 में यह त्योहार 21 अगस्त को मनाया जायेगा. इस दिन नाग देवता की विशेष पूजा की जाती है. यह मुख्य रूप से भारतीय उपमहाद्वीप में मनाया जाता है। नाग पंचमी के दिन लोग नाग मूर्तियों को दूध, दूधी, मिठाई आदि के साथ चादर चढ़ाते हैं. कई स्थानों पर नागराजों की प्रतिमाओं को पवित्र नदियों में स्नान कराया जाता है. नाग पंचमी का उद्देश्य नाग देवता की कृपा, सुख- समृद्धि और प्राकृतिक आपूर्ति की कामना करना होता है. कहीं – कहीं नागपंचमी (Nagpanchami) श्रावण कृष्ण पक्ष पंचमी को मनाया जाती है.
मौना पंचमी और मधु श्रावणी
श्रावण मास की कृष्ण पक्ष पंचमी को मोना पंचमी व्रत के रूप में मनाया जाता है. बिहार (Bihar) के कुछ हिस्सों में उस तिथि को नागपंचमी मनायी जाती है. ऐसी मान्यता है कि मोना पंचमी के दिन मौन व्रत रखने से आरोग्य का वरदान मिलता है. मोना पंचमी इस बार 07 जुलाई 2023 को है. उस दिन से नवविवाहिता 15 दिनों तक व्रत रखती हैं. हर दिन नाग देवता की पूजा करती हैं. ऐसा कहा जाता है कि इससे सुहाग पर कभी संकट नहीं आता है. बिहार के मिथिलांचल में इसे मधु श्रावणी पर्व कहा जाता है.
रक्षाबंधन
श्रावण मास की पूर्णिमा को रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) का त्योहार मनाया जाता है. 2023 में यह त्योहार 30 अगस्त को मनाया जायेगा., इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं और भाई उन्हें उपहार देते हैं. राखी एक पवित्र धागा होता है, जिसे भाई- बहन के बीच प्रेम, स्नेह, सम्मान और सुरक्षा का प्रतीक माना जाता है है।
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