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हड्डी एवं जोड़ों के रोगों के लिए पंचकर्म थैरेपी

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राजेश पाठक
25 जुलाई 2023

Siwan : दयानंद आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज एवं अस्पताल (Dayanand Ayurvedic Medical College & Hospital), सीवान में पंचकर्म के माध्यम से वात सहित सैकड़ों रोगों का बिना किसी चीर-फाड़ के इलाज का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. डा. सुधांशु शेखर त्रिपाठी (Dr. Sudhanshu Shekhar Tripathi) के मुताबिक आयुर्वेद में कई विधाओं से उपचार किया जाता है. उनमें पंचकर्म विधि सर्वोत्तम मानी जाती है. पंचकर्म के बारे में कहा गया है कि दीपन पाचन एवं शमन औषधियों से रोग कदाचित कुपित हो सकते हैं, लेकिन पंचकर्म चिकित्सा के द्वारा उपचारित रोग पुनः नहीं होते हैं. इसके माध्यम से शरीर की शुद्धि होकर नवीन ऊर्जा (New Energy) का संचरण होता है.

पंचकर्म  (Panchakarma) सर्वशरीरगत रोगों में फायदेमंद होता है. विशेषकर वात रोगों में बहुत ही लाभकारक होता है. वात रोगों में शरीर में कहीं भी पीड़ा, हड्डी एवं जोड़ों में दर्द भग्न (टूट-फूट) इत्यादि होते हैं. गर्दन, पीठ, कमर, घुटने आदि के दर्द सामान्य वात रोगों में शामिल हैं. इसमें मालिश, सिंकाई, ग्रीवावस्ति, कटिवस्ति, जानुवस्ति, हृदयवस्ति, नेत्रवस्ति, पत्रपिंड स्वेदन, षास्ठिक शाली पिंड स्वेदन, योगवस्ति, कालवस्ति, शिरोधारा इत्यादि विधियों से चिकित्सा की जाती है.


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इन सभी बीमारियों का इलाज दयानंद आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज एवं अस्पताल में किया जा रहा है. इस अवसर पर डा. एस एस त्रिपाठी, डा. पुष्कर राय, डा. विवेक शर्मा, डा. के के पांडेय आदि मौजूद रहते हैं. इन्टर्नशिप में शामिल प्रशिक्षुओं में प्रियंका कुमारी, अस्मिता उपाध्याय, प्रीति कुमारी, चंदन कुशवाहा, अमन कुमार आदि हैं.

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