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चुनावी राजनीति : मनोज तिवारी और रवि किशन की जोड़ी है कमाल की

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राजकिशोर सिंह
10 दिसम्बर 2023
New Delhi : भाजपा (B J P) में शामिल होने के बाद रवि किशन (Ravi Kishan) के जौनपुर (Jaunpur) से ही चुनाव लड़ने की चर्चा उठी थी. लेकिन, उत्तरप्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने उन्हें गोरखपुर (gorakhpur) संसदीय क्षेत्र की अपनी राजनीतिक विरासत संभालने का अवसर उपलब्ध करा दिया. उनके भरोसे पर वह पूरी तरह खरा उतरे भी. उन्होंने महागठबंधन के रामभाऊ निषाद को परास्त किया. गोरखपुर योगी आदित्यनाथ की कर्मभूमि है. पहले उनके गुरु महंत अवैद्यनाथ और फिर वह खुद इस क्षेत्र से सांसद निर्वाचित होते थे. 2014 में भी योगी आदित्यनाथ की जीत हुई थी.

सुकून मिला योगी को
2018 में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बन जाने के बाद हुए उपचुनाव में उनके इस अभेद्य किले पर समाजवादी पार्टी के प्रवीण निषाद ने कब्जा जमा लिया था. इस कारण 2019 के चुनाव में योगी आदित्यनाथ की प्रतिष्ठा दांव पर थी. रवि किशन की जीत से उन्हें सुकून मिला. नयी दिल्ली के उत्तर पूर्वी दिल्ली संसदीय क्षेत्र में मनोज तिवारी (Manoj Tiwari) का मुकाबला दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित से हुआ. शीला दीक्षित को मिले 4 लाख 21 हजार 697 मतों की तुलना में मनोज तिवारी को 7 लाख 87 हजार 799 मत प्राप्त हुए. शीला दीक्षित अब इस धरा पर नहीं हैं.

जीत ही गये निरहुआ
बिहार निवासी मनोज तिवारी दिल्ली प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष थे. पहले वह समाजवादी पार्टी में थे. 2014 में भाजपा से जुड़े. इस संसदीय क्षेत्र से उन्हें उम्मीदवारी मिली और वह सांसद बन गये. 2019 के चुनाव में सपा अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव  (Akhilesh Yadav) को शिकस्त देने के लिए भाजपा ने भोजपुरी फिल्मों के अभिनेता दिनेश लाल यादव निरहुआ ( Dinesh Lal Yadav Nirhua)  को आजमगढ़ (Azamgarh) के मैदान में उतारा, लेकिन कामयाबी नहीं मिल पायी. दिनेश लाल यादव निरहुआ चुनाव से कुछ ही दिनों पूर्व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हुए थे. अखिलेश यादव ने इस सीट को त्याग दिया तब जून 2022 के उपचुनाव में दिनेश लाल यादव निरहुआ काबिज हो गये.


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हंसराज हंस ने चौंकाया
प्रसिद्ध सूफी गायक हंसराज हंस (Hansraj Hans) ने उत्तर पश्चिम दिल्ली संसदीय क्षेत्र में 8 लाख 48 हजार 666 मतों के साथ भारी जीत हासिल की. हंसराज हंस की राजनीति की शुरुआत 2009 में शिरोमणि अकाली दल से जुड़ाव के रूप में हुई थी. फरवरी 2016 में वह कांग्रेस में शामिल हो गये थे. बाद में भाजपा से जुड़ गये. उन्हें पूर्व सांसद उदित राज को हाशिये पर डाल उत्तर पश्चिम दिल्ली से भाजपा की उम्मीदवारी मिली. इस खुन्नस में उदित राज कांग्रेस में शामिल हो गये, पर उसकी उम्मीदवारी उन्हें हासिल नहीं हो पायी.

नवनीत कौर राणा
कर्नाटक की मांड्या सीट से सुमालता अम्बरीश की जीत हुई. सुमालता अम्बरीश तमिल, तेलगू, मलयालम, कन्नड़ और हिन्दी की तकरीबन 220 फिल्मों में काम कर चुकी हैं. उनके पति कन्नड़ अभिनेता अम्बरीश थे जिनकी 2018 में मृत्यु हो गयी. वह भी राजनीति में सक्रिय थे. एक और चर्चित अभिनेत्री ने 2019 में लोकसभा में पांव रखा. दक्षिण के फिल्मों की यह अभिनेत्री नवनीत कौर राणा महाराष्ट्र के अमरावती से निर्वाचित हुईं. नवनीत कौर राणा मुम्बई में पली-बढ़ी हैं, पर मुख्य रूप से उन्होंने तेलगू फिल्मों में ही काम किया है.

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