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सीमांचल : बन जायेगा केन्द्र शासित प्रदेश ? ‌

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शिवकुमार राय
 09 अगस्त 2024

Patna : बिहार के उत्तर-पूर्व हिस्से के चार जिलों अररिया, किशनगंज, कटिहार और पूर्णिया को मिलाकर अलग सीमांचल राज्य (Seemanchal State) बनाने की मांग बहुत पुरानी है. मुख्य रूप से दिवंगत पूर्व केन्द्रीय मंत्री तसलीम उद्दीन (Tasleem Uddin) इस मुद्दे को उठाते रहे हैं. ‌ पूर्णिया से सांसद निर्वाचित होने के बाद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव (Rajesh Ranjan urf Pappu Yadav)उठाने लगे हैं.‌ इधर, कांग्रेस के बहादुरगंज के पूर्व विधायक तौसीफ आलम ने इन चार जिलों के साथ सुपौल को जोड़ कर अलग सुरजापुरांचल राज्य के गठन की मांग उठायी है.

निशिकांत दूबे ने उठाया मामले को

इन मांगों के बीच अररिया, किशनगंज, कटिहार और पूर्णिया को मिलाकर केन्द्र शासित प्रदेश बनाने की मांग भी अक्सर उठ जा रही है. गोड्डा के भाजपा सांसद निशिकांत दूबे (Nishikant Dubey) ने हाल में लोकसभा में इस मुद्दे को उठाया. उनकी मांग में बिहार के यही चार जिले नहीं हैं. ‌‌‌पश्चिम बंगाल (West Bengal) और झारखंड (Jharkhand) के वे तमाम जिले भी हैं जहां उनकी नजर में ‘हिंदू गायब हो रहे हैं.’ निशिकांत दूबे ने 25 जुलाई 2024 को लोकसभा को बताया कि झारखंड के संताल परगना क्षेत्र में ‘बांग्लादेशी घुसपैठियों’ की बढ़ती आमद के कारण आदिवासियों की आबादी (Tribal Population) कम हो रही है.

किशनगंज का मामला

अवैध अप्रवासियों से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने के लिए उन्होंने पश्चिम बंगाल के मालदा, मुर्शिदाबाद, बिहार के अररिया, किशनगंज और कटिहार तथा झारखंड के संताल परगना क्षेत्र को केंद्र शासित प्रदेश घोषित कर वहां राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (National Register of Citizens) लागू करने की मांग की है. निशिकांत दूबे की तरह बिहार के ठाकुरगंज के पूर्व विधायक गोपाल कुमार अग्रवाल भी बिहार के सीमांचल में अवैध अप्रवासियों के कारण आमजनों को हो रही परेशानियों पर चिंता जताते रहते हैं.

सिर्फ हिन्दू ही नहीं

गोपाल कुमार अग्रवाल (Gopal Kumar Agarwal) के मुताबिक सीमांचल में दो अलग – अलग मानसिकता वाली मुस्लिम आबादी है. ‌एक शांत व‌ सरल स्वभाव वाला मूल सुरजापुरी है तो दूसरी पश्चिम बंगाल के रास्ते बंगलादेश से आकर बस गयी बड़ी आबादी है‌. समस्या कट्टरवादी सोच (Fundamentalist Thinking) वाली दूसरी आबादी ही बनी हुई है. उसकी अवांछित हरकतों का शिकार सिर्फ हिन्दू ही नहीं हो रहे हैं, सुरजापुरी मुसलमानों को भी वह लक्षित करने लगी है.


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कट्टरवादियों का कहर

किशनगंज जिले के ठाकुरगंज, पौवाखाली, पोठिया, दिघलबैंक आदि में कट्टरवादियों का कहर कुछ अधिक टूट रहा है. चिंता उन्हें इस बात की भी है कि सत्ता और सियासत की तुष्टिकरण (Appeasement) की नीति से ऐसे तत्वों का मनोबल हमेशा आसमान चढ़ा रहता है. ‌उनके मुताबिक सीमांचल में कुछ ऐसी संदिग्ध संस्थाएं भी हैं जो कट्टरवादिता को संरक्षित- पोषित करती हैं. ‌गोपाल कुमार अग्रवाल का कहना है कि अवैध अप्रवासियों की हरकतों पर अंकुश नहीं लगाया गया, तो आने वाले दिनों में वे देश की अखंडता के लिए गंभीर खतरा बन जा सकते हैं.

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