सीतामढ़ी : महिला महाविद्यालय…नहीं दे रहा ध्यान विश्वविद्यालय
मदनमोहन ठाकुर
25 अक्तूबर 2024
Sitamarhi : सीतामढ़ी में 1970 से संचालित रामसेवक सिंह महिला महाविद्यालय भीमराव अम्बेदकर बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर की एक महत्वपूर्ण अंगीभूत इकाई है. इसका महत्व इस रूप में भी है कि सीतामढ़ी (Sitamarhi) जिले का यह इकलौता महिला महाविद्यालय (Womens Collage) है. यहां विज्ञान और कला संकायों (Scince & Art) में प्रायः सभी महत्वपूर्ण विषयों (Subjects) की गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई होती है. तदनुरूप आधारभूत संरचनाएं और योग्य शिक्षक भी हैं. लेकिन, शैक्षणिक दृष्टि से एक कमी है जो क्षेत्र के लोगों को काफी खल रही है. वह है स्नाकोत्तर स्तर की पढ़ाई (Post Graduate) न होना. इससे महाविद्यालय की छात्राएं और अभिभावक सभी क्षुब्ध हैं.
एक कारण यह भी
क्षुब्ध होने का एक कारण यह भी है कि इस बावत विश्वविद्यालय (Univercity) से लेकर कुलाधिपति (Chancellor) कार्यालय तक कई बार अनुरोध-आग्रह और पत्राचार किये जाने के बावजूद इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. ऐसा कहा जाता है कि भीमराव अम्बेदकर बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर की उपेक्षा नीति के कारण ही इस महाविद्यालय को यह सुविधा नहीं मिल पा रही है.
मिलती है सिर्फ निराशा
डा. रेणु ठाकुर रामसेवक सिंह महिला महाविद्यालय की प्राचार्य (Principal) हैं. उनके मुताबिक सीतामढ़ी जिले में एकमात्र महिला महाविद्यालय होने के कारण छात्राओं के अलावा इलाके के अन्य लोगों को भी स्नाकोत्तर की शिक्षा हासिल करने की अभिलाषा रहती है. नामांकन के लिए वे महाविद्यालय आते भी हैं पर उन्हें निराशा के अलावा कुछ हासिल नहीं होता है. डा. रेणु ठाकुर का यह भी कहना है कि सीतामढ़ी के जदयू (JDU) सांसद (MP) देवेश चन्द्र ठाकुर (Devesh Chandra Thakur) समेत कई प्रभावशाली व्यक्तियों ने इसके लिए पहल की, परंतु सफलता सिफर है.
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विश्वविद्यालय को मिला निर्देश
इधर, रामसेवक सिंह महिला महाविद्यालय द्वारा प्रेषित 28 जून 2024 के अनुरोध-पत्र के संदर्भ में कुलाधिपति कार्यालय ने 20 सितंबर 2024 को भीमराव अम्बेदकर बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर के कुलसचिव को इस महाविद्यालय में स्नाकोत्तर की पढ़ाई आरंभ करने से संबंधित प्रस्ताव शिक्षा विभाग को भेजने को कहा है. बताया जाता है कि अभी तक उस पर कोई अग्रेतर कार्रवाई नहीं हुई है.
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