तापमान लाइव

ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल

बड़ी खबर : भंग हो गयी नीतीश कुमार की भूंजा पार्टी !

शेयर करें:

विशेष प्रतिनिधि

25 नवम्बर 2024

Patna : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की प्राइवेट भूंजा पार्टी (Bhunja party) के बारे में इन दिनों कई विरोधाभासी खबरें आ रही हैं. पहली खबर यह कि भूंजा पार्टी भंग हो गयी है. दूसरी यह कि पार्टी भंग नहीं हुई है. इसके कोर सदस्य बदल गये हैं. पुराने के बदले नये सदस्यों को जगह दी जा रही है. उसका प्रभाव बाजार में नजर आने लगा है. नये लोगों को बता देना जरूरी है कि भूंजा पार्टी है क्या? इसका नाम भूंजा पार्टी क्यों पड़ा? इस पार्टी में कुल चार सदस्य होते थे. विजय कुमार चौधरी (Vijay Kumar Chaudhary) , अशोक चौधरी (Ashok Chaudhary) , संजय झा (Sanjay Jha) और एक नीतीश कुमार खुद. पार्टी का नामकरण आरसीपी सिंह (RCP Singh) ने किया था. अच्छे दिनों में वह भी इस पार्टी के सदस्य हुआ करते थे.

हां में हां मिला करते थे गुणगान
उनके मुताबिक नीतीश कुमार की दिनचर्या सुबह में नित्य कर्म के बाद नाश्ता-पानी और फाइल देखने से शुरू होती थी. दोपहर में दिव्य शाकाहारी भोजन ग्रहण करने के बाद नीतीश कुमार आराम करने चले जाते थे. शाम में भूंजा पार्टी शुरू होती थी. इसमें कामकाज के बदले गपशप का दौर चलता था. नीतीश कुमार कुछ बोलते थे और बाकी मेम्बरान हां में हां मिलाकर उनका गुणगान करते थे. शाम से रात के भोजन तक यही सिलसिला चलता रहता था. क्योंकि यह दावा आरसीपी सिंह ने किया था, इसलिए सच मान लिया गया. भूंजा पार्टी चल निकली. लोकसभा (Lok Sabha) चुनाव  के बाद इस पार्टी के दो सदस्य अनियमित हो गये.


ये भी पढ़ें :

नौकरशाही में गुटबाजी: धीमी पड़ गयी दीपक की लौ!

झारखंड : झामुमो का अंधड़, धराशायी हो गये भाजपा के धुरंधर!

वक्फ बोर्ड : पर कतरने की जरूरत क्यों?

जीतनराम मांझी : ‘घरौना’ में सिमट गयी राजनीति !


बच गये इकलौते चौधरी जी
संजय झा राज्यसभा (Rajya Sabha) चले गये. अशोक चौधरी की बेटी सांसद बन गयी. नीतीश कुमार इस बात से भले ही खुश हुए हों कि एक सहयोगी की बेटी सांसद बन गयी, मगर यह बात उनके दिल को छू गयी कि सहयोगी की बेटी उस आदमी की पार्टी से सांसद बनी है, जिसने उन्हें अर्श से फर्श तक पहुंचा दिया था. लोकसभा चुनाव के बाद अशोक चौधरी की भूंजा पार्टी में आवाजाही कम हो गयी. कुल जमा दो मेम्बर अनियमित हो गये. कह सकते हैं कि उनकी मेम्बरी स्थायी से आमंत्रित सदस्य वाली हो गयी. पुराने मेम्बरों में एकमात्र विजय कुमार चौधरी रह गये हैं. उनसे नीतीश कुमार को कोई शिकायत नहीं है. वह कभी दायें-बायें नहीं करते हैं.

ऐसे की जाती है गणपूर्ति
खास बात यह है कि भूंजा पार्टी में राजनीतिक सदस्यों (political members) की नयी बहाली नहीं हो रही है. अफसरों की टीम हमेशा आवास में तैनात रहती है. उन्हीं में से किसी को गणपूर्ति के लिए बुलाकर बिठा दिया जाता है. इसमें भी यह ध्यान रखा जाता है कि अस्थायी सदस्य को लगातार दो दिन भूंजा फांकने का सुअवसर नहीं मिले. कहने को तो कुछ कहा जा सकता है. फिर भी यह मान लीजिये कि भूंजा पार्टी भंग ही हो गयी है. अशोक चौधरी की पहली वाली स्थिति में वापसी संभव नहीं है और संजय झा तो हजार किलोमीटर दूर ही चले गये हैं.
#tapmanlive

अपनी राय दें