लग गयी लंगड़ी : आ गये औकात में मनीष वर्मा !
राजकिशोर सिंह
07 दिसम्बर 2024
PATNA : सरसरी तौर पर देखें, तो यह वैसी कोई बड़ी कारवाई नहीं है जिससे कि सत्तारूढ़ जदयू (JDU) की सियासत में कोई बवंडर खड़ा हो जाये. लेकिन, थोड़ी गहराई से विश्लेषण करने पर इसमें सांगठनिक वर्चस्व की जंग तो नहीं, उसकी झलक अवश्य दिख जाती है. कार्रवाई मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के ‘आभासी उत्तराधिकारी’ मनीष कुमार वर्मा के खिलाफ हुई है. भारतीय प्रशासनिक सेवा के अवकाश प्राप्त अधिकारी मनीष कुमार वर्मा (Manish Kumar Verma) जदयू के राष्ट्रीय महासचिव हैं. लम्बे समय तक नीतीश कुमार के अति विश्वसनीय रहे हैं. कुछ लोग अब भी उन्हें ऐसा ही मानते हैं.
बड़े तामझाम से शामिल कराया गया
इसी मनीष कुमार वर्मा को जुलाई 2024 में बड़े तामझाम से जदयू में शामिल कराया गया था. याद कीजिये, जदयू की सदस्यता ग्रहण कर राजनीति (Politics) में कदम रखते ही उन्हें पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव का पद मिल गया था. ऐसा सौभाग्य बहुत कम ही लोगों को प्राप्त होता है. उनके इस सौभाग्य को नीतीश कुमार के उत्तराधिकार से जोड़ दिया गया. पार्टी के आम कार्यकर्ताओं की ऐसी धारणा को इससे बल मिला कि जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने उन्हें जिला-जिला घूम दलीय संगठन को दुरुस्त करने, मजबूत बनाने के लिए कह दिया.
आधी रात में जारी हुआ फरमान
राष्ट्रीय महासचिव (National General Secretary) का पद संभालने के कुछ समय बाद सितम्बर 2024 से मनीष कुमार वर्मा जिलों में घूम-घूम कर जदयू कार्यकर्ताओं से संवाद कायम करने लग गये. जिला स्तर के नेता-कार्यकर्ता भी उन्हें गंभीरता से ले महत्व देने लगे. उनके बीच संवाद गया कि पार्टी में नम्बर दो की हैसियत अब मनीष कुमार वर्मा ही रखते हैं. वह जदयू का आधिकारिक अभियान था या उनका निजी, नहीं मालूम. बहरहाल, बड़ी खबर यह है कि प्रदेश जदयू ने 06 दिसम्बर 2024 की आधी रात में पत्र निर्गत कर मनीष कुमार वर्मा के उक्त ‘कार्यकर्ता संवाद’ को स्थगित करने का फरमान जारी कर दिया.
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हैरान रह गये लोग
कार्यक्रम पर रोक का मुद्दा अपनी जगह है, हैरान करने वाली बात यह कि राष्ट्रीय महासचिव के कार्यक्रम पर रोक लगाने का पत्र प्रदेश अध्यक्ष के हस्ताक्षर से जारी हुआ. इस संदर्भ में विश्लेषकों की समझ है कि ऐसा मनीष कुमार वर्मा को जदयू में उनकी औकात बताने के लिए किया गया. थोड़ी बहुत इज्जत इस रूप में बचा ली गयी कि संबंधित पत्र में जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा (Sanjay Jha) के निर्देशानुसार कार्यक्रम स्थगित करने का जिक्र कर दिया गया. सामान्य समझ में संजय झा के निर्देश का मतलब नीतीश कुमार का आदेश होता है.
इसलिए हुई कारर्वाई
पत्र के मुताबिक सिर्फ मनीष कुमार वर्मा का कार्यक्रम स्थगित किया गया है. नीतीश कुमार की प्रस्तावित महिला संवाद यात्रा और एनडीए के घटक दलों के प्रदेश अध्यक्षों का संयुक्त जिला अभियान अपने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार होगा. अब यहां यह जिज्ञासा अवश्य जगी होगी कि आखिर मनीष कुमार वर्मा के जिला कार्यक्रम को स्थगित क्यों किया गया? कारण कुछ और भी हो सकते. पर, राजनीति की समझ है कि मनीष कुमार वर्मा के बेली रोड में बिहार लोकसेवा आयोग कार्यालय के सामने स्थित सरकारी आवास में लगने वाले दरबार का आकार इन दिनों बढ़ने लगा था. भला यह बर्दाश्त कैसे होता! पर कतर दिये गये. एको अहं द्वितीयो नास्ति!’
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