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अधूरा रह गया ख्वाब : धीरे से लगा जोर का झटका

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विशेष प्रतिनिधि

04 दिसम्बर 2024

Patna : हर कोई वाकिफ है कि नोटबंदी (Notbandi) के बाद हजार के नोट बंद हो गये. इन्हें रखना गैर कानूनी हो गया. लेकिन, नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के पास एक रह गया है.यह नोट नहीं है. ये हजारी नाम के माननीय हैं, महेश्वर हजारी (Maheshwar Hazari) . लोकसभा (Lok Sabha) चुनाव के ठीक पहले नीतीश कुमार की नजर में इनका कोई भाव नहीं था. कारण कि महेश्वर हजारी के पुत्र सन्नी हजारी (Sunny Hazari) चुनाव लड़ रहे थे. समस्तीपुर संसदीय क्षेत्र (Samastipur parliamentary constituency) से महागठबंधन (grand alliance) के कांग्रेस (Congress) उम्मीदवार के तौर पर. राजनीति के गलियारों में तब यह मान लिया गया कि चुनाव परिणाम के बाद हजार के नोट की तरह हजारी भी चलन से बाहर हो जायेंगे. यानी जदयू (JDU) से बाहर कर दिये जायेंगे. नीतीश कुमार की प्राईवेट भूंजा पार्टी वाले अशोक चौधरी (Ashok Chaudhary) खूब खुश थे. बेटी शांभवी चौधरी (Shambhavi Chaudhary) समस्तीपुर से सांसद बन गयी. महेश्वर हजारी भी जदयू में लद जायेंगे. मजा आ जायेगा.


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बढ़ा रहे हैं कई का रक्तचाप

मजा तो अब भी है. मगर यह किरकिरा करने वाला मजा है. नीतीश कुमार महेश्वर हजारी को भाव देकर कई लोगों का बीपी बढ़ा रहे हैं. इन दिनों जन्मदिन, पुण्यतिथि जैसे समारोहों में उन्हें सम्मान के साथ बिठा रहे हैं. कहां तो पार्टी से हटाने की बात चल रही थी, महेश्वर हजारी मंत्री बना दिये गये. अशोक चौधरी का माथा उस दिन जो ठनका, वह आज तक ठनक ही रहा है. मजे की बात यह कि नीतीश कुमार मंत्री महेश्वर हजारी के माध्यम से चिराग पासवान (Chirag Paswan) को भी औकात में रखने का प्रयास कर रहे हैं.

याद करा रहे हैं पारिवारिक हैसियत

याद कीजिये, महेश्वर हजारी के पिता रामसेवक हजारी (Ramsevak Hazari) बड़े समाजवादी नेता थे. सांसद-विधायक थे. हर किसी को मालूम है कि उन्हीं के प्रभाव में आकर दिवंगत रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) भी समाजवादी राजनीति से जुड़े थे. अब महेश्वर हजारी को बताया जा रहा है कि वह अपने अतीत को याद करें सोचें कि पासवान समाज में उनके परिवार से अधिक प्रभावशाली कौन परिवार है. ऐसा माना जा रहा है कि महेश्वर हजारी अपने परिवार की राजनीतिक हैसियत को याद कर रहे हैं. वह जोश से लबरेज हो रहे हैं. क्या पता इसी नाम पर विधानसभा चुनाव (Assembly Elections)  में उनका भाव और बढ़ जाये! लेकिन, नीतीश कुमार ने इधर चिराग पासवान की पीठ सहला उन्हें भी चिंता में डाल दिया है.

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