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झारखंड : यह भी है एक बड़ी उपलब्धि रसूखदार राजनीतिक घराने की

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विजय कुमार राय
06 दिसम्बर 2024

Deoghar : आदिवासी समाज (Tribal society) में महिलाओं का स्थान और मान-सम्मान आम हिन्दुस्तानी परिवारों की तुलना में कहीं अधिक ऊंचा माना जाता है. वजह संभवतः यह कि पारिवारिक दायित्वों के निर्वहन के साथ धन उपार्जन में भी उनकी अहम भागीदारी होती है. इसके बावजूद आदिवासी महिलाओं के बीच से सत्ता (Power) और सियासत (politics) में कोई मजबूत नेतृत्व नहीं उभर पाता है. या यूं कहें कि उन्हें वैसा अवसर नहीं मिल पाता है. यदा-कदा सांसद-विधायक (MP-MLA) और मंत्री (Minister) बनने का सौभाग्य अवश्य प्राप्त हो जाता है, राजनीतिक नेतृत्व संभालने का नहीं.

छा गयी हैं राजनीतिक पटल पर
परन्तु, झारखंड विधानसभा (Jharkhand
Assembly) के इस बार के चुनाव में यह मिथक करीब-करीब टूट गया है. कल्पना सोरेन (Kalpana Soren) के रूप में ऐसी आदिवासी महिला नेता उभर कर राजनीतिक पटल पर छा गयी हैं, जिनमें परिपक्वता की सीमा तक नेतृत्व के तमाम गुण मौजूद हैं. झारखंड राज्य के सबसे बड़े रसूखदार घराने से आने वाली विधायक कल्पना सोरेन आदिवासियों के दिशोम गुरु झामुमो अध्यक्ष शिबू सोरेन (Shibu Soren) की पुत्रवधू और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) की पत्नी हैं.


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खुद को स्थापित कर लिया
कुछ लोग कह सकते हैं कि कल्पना सोरेन की नेतृत्व क्षमता में इस अकल्पित-अप्रत्याशित उभार के मूल में ‘रसूखदार राजनीतिक घराना’ है. ऐसे लोगों की इस समझ को अतार्किक नहीं कहा जा सकता. पर, सिर्फ इसी आधार पर उनकी नेतृत्व क्षमता को नजरअंदाज भी नहीं किया जा सकता है. परिस्थितिवश ही सही, साल भर पहले तक सघन राजनीतिक परिवेश में रहने के बाद भी राजनीति से तनिक भी सरोकार नहीं रखने वाली कल्पना सोरेन ने विधानसभा चुनाव के दरमियान खुद को सक्षम – समर्थ सर्वप्रिय जन नेता के तौर पर स्थापित कर लिया है, इसे हर कोई स्वीकार करता है.

अब जरूरत नहीं पड़ेगी
विधानसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) की बड़ी जीत और हेमंत सोरेन की सत्ता के इत्मीनान भरा दोहराव के साथ कल्पना सोरेन के नेतृत्व की जन स्वीकार्यता भी इस रसूखदार घराने के लिए बड़ी राजनीतिक उपलब्धि है. आदिवासी समाज की महिलाओं के लिए भी. इस उपलब्धि को इस नजरिये से भी देखा जा सकता है. अब भविष्य में कभी हेमंत सोरेन के समक्ष मुख्यमंत्री का पद त्यागने की नौबत आयी, तो रसूखदार घराने को चम्पई सोरेन (Champai Soren) सरीखे विकल्प तलाशने की जरूरत नहीं पड़ेगी. उस दायित्व को कल्पना सोरेन बखूबी संभाल लेंगी.
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