नक्सलियों की थी खतरनाक योजना
रंजीत विद्यार्थी
28 जून, 2022
MUNGER : नक्सल प्रभावित धरहरा (Dharhara) प्रखंड के पैसरा (Paisara) जंगल में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) कैंप की स्थापना का असर अब दिखने लगा है. नक्सलियों के पांव उखड़ने लगे हैं. 26 जून 2022 की देर शाम इस जंगल में नक्सलियों के खिलाफ अभियान में मुंगेर पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली. हालांकि, छोटे-बड़े किसी नक्सली की गिरफ्तारी नहीं हुई. पर, हथियार के रूप में जो बरामदगी हुई वह भी कम महत्व नहीं रखती है.
पैसरा जंगल को नक्सलियों की मांद माना जाता है. मुंगेर के पुलिस अधीक्षक जे जे रेड्डी (SP J J Reddi) तथा अपर पुलिस अधीक्षक (अभियान) कुणाल कुमार (Kunal Kumar) के नेतृत्व में एसटीएफ (STF) जमालपुर (Jamalpur) तथा कोबरा बटालियल (Kobra Bataliyan) की टीम ने वहां 315 बोर के 179 और इंसास राइफल के 788 कारतूस बरामद किये. साथ में कई आईडी बम और ढेर सारे आपत्तिजनक सामान भी.
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बताया जाता है कि पुलिस की पूर्व की कार्रवाई से बौखलाये नक्सलियों के बड़ी वारदात को अंजाम देने की मंशा से पैसरा जंगल में एकत्रित होने की सूचना पुलिस (Police) को मिली थी. उसी सूचना के आधार पर पुलिस ने वहां अभियान चलाया था. सूचना पैसरा के पास सुगी (Suggi) पहाड़ी में जोनल कमांडर प्रवेश दा (Zonal Commander Pravesh Da) सहित कई नक्सलियों के होने की भी थी. प्रवेश दा के नेतृत्व में वे सब किसी बड़ी घटना को अंजाम देने वाले थे.
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