तो इस वजह से नहीं पच रहे पुलिस अधीक्षक
विष्णुकांत मिश्र
26.10.2022
SEIKHPURA: माफियागिरी पर प्रहार की प्रतिक्रिया ऐसी ही होनी थी. सीधे तौर पर तो नहीं, पुलिस (POLICE) हिरासत में युवक की कथित पिटाई को मुद्दा बना पुलिस अधीक्षक कार्तिकेय शर्मा (SP KARTIKEY SHARMA) की घेराबंदी शुरू हो गयी है. दीपावली से ठीक एक दिन पहले. 23 अक्तूबर 2022 को समाहरणालय के सामने हुआ उनका पुतला दहन उसी का एक हिस्सा है. पुलिस अधीक्षक कार्तिकेय शर्मा ने कथित रूप से सियासी सरपरस्ती में विस्तार पा रहे अवैध शराब(SHARAB) के कारोबार और साइबर क्राइम (CYBER CRIME)को जड़ से उखाड़ देने की जो मुहिम चला रखी है उससे ऐसे तत्वों को संरक्षण देने वाले नेताओं की नींद हराम हो गयी है.
पुतला दहन से हुई हैरानी
पुतला दहन का तात्कालिक कारण अवैध शराब के धंधे में शामिल युवक मुकुल राज की गिरफ्तारी और पिटाई का है. वह बंगाली पर मुहल्ला निवासी विनय प्रसाद का पुत्र है. राजद (RJD)के स्थानीय नेताओं का कहना है कि मुकुल राज बेकसूर है. गिरफ्तारी के बाद पुलिस अधीक्षक आवास पर उसकी निर्मम पिटाई की गयी. ऐसी ही यातना देकर जुर्म कबूल करवाना शेखपुरा पुलिस की आदत बन गयी है. इसी के विरोध में पुलिस अधीक्षक कार्तिकेय शर्मा का पुतला दहन किया गया. इसे शेखपुरा जिला राजद के पूर्व अध्यक्ष विजय कुमार यादव और रामनरेश यादव के नेतृत्व में अंजाम दिया गया. राजद नेताओं का आरोप अपनी जगह है, पुलिस अधीक्षक का पुतला दहन किया जाना, हर किसी को हैरान कर रहा है.
बदनाम करने का आरोप
राजद के इस कृत्य पर लोजपा (रामविलास) (LJP-RAMVILAS) के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष इमाम गजाली ने पुलिस अधीक्षक कार्तिकेय शर्मा को बदनाम करने का आरोप राजद के कुछ खास नेताआंे पर लगाया है. उनके मुताबिक कार्तिकेय शर्मा शराब और साइबर माफिया को संरक्षण देने वाले को पच नहीं रहे हैं. पुलिस अधीक्षक ने शराब के मामले में युवक को पकड़ने गयी पुलिस के डर से भागने के क्रम में उसके घायल होने की बात कही है. यहां गौर करने वाली बात है कि शेखपुरा जिले में पुलिस अधीक्षक की जिम्मेदारी संभालने के बाद कार्तिकेय शर्मा ने बेलगाम शराब माफियाओं पर न सिर्फ शिकंजा कसा बल्कि संदिग्ध भूमिका वाले पुलिसवालों का हिसाब भी किया. कार्तिकेय शर्मा ने शेखपुरा में चल रहे शराब और साइबर क्राइम के काले कारोबार में शामिल कुख्यात सिंडिकेट की कमर तोड़ दी. इसके साथ ही शराबबंदी अभियान के तहत जिले में अवैध रूप से चल रही शराब की बिक्री पर भी जबरदस्त रूप से नकेल कस दी है.
तोड़ दी कमर माफियाओं की
दर्जनों शराब और साइबर माफियाओं को सलाखों के पीछे भेजा है. इससे शराब और साइबर माफियाओं में जबर्दस्त खौफ है. फलतः जिले में शराब के अवैध कारोबार पर काफी हद तक लगाम लग गयी है. पदभार संभालते ही कार्तिकेय शर्मा को शहर में मनचलों की गंदी हरकतों की शिकायतें भी मिली थी. इसके बाद उन्होंने खुद सादी वर्दी में छापा मारकर कई मनचलों को हिरासत में लिया था. उनकी पहल और सख्ती से ही जिले के अधिकांश कोचिंग सेंटरों के बाहर और भीतर सीसीटीवी कैमरे लगाये गये. शेखपुरा में अपराध नियंत्रण के लिए उन्होंने कई नायाब कदम उठाये हैं. उनके बारे में जनता की आम राय है कि वह बिना राजनीति से प्रभावित हुए काम कर रहे हैं. मॉडर्न पुलिसिंग और क्राइम कंट्रोल में शानदार ट्रैक रिकार्ड के लिए जाने वाले 2014 बैच के आईपीएस कार्तिकेय शर्मा प्रयोगधर्मी पुलिस अधिकारी माने जाते हैं.
लीक से अलग कार्यशैली
उन्होंने शेखपुरा में कानून-व्यवस्था की बेहतरी और सामाजिक बुराइयों को खत्म करने के लिए जमीनी स्तर पर कई ऐसे कदम उठाये हैं जो शासन, समाज और सिस्टम में मिसाल के रूप में देखा जा रहा है. जानकारों का मानना है कि कार्तिकेय शर्मा चुनौतीपूर्ण पुलिस सेवा में परंपरागत तौर तरीके से अलग यानी लीक से हटकर कार्य करने वाले अधिकारी हैं. उन्होंने शेखपुरा में कानून व्यवस्था से लेकर सामाजिक समरसता कायम करने के लिए कई अहम कदम उठाये हैं. सृजनात्मक और साकारत्मक कार्यशैली से पब्लिक में पुलिस की छवि को दोस्ताना बनाया है.बिहार कैडर के 2014 बैच के मृदुभाषी आईपीएस अधिकारी कार्तिकेय शर्मा झारखंड की राजधानी रांची के निवासी हैं.
आम दिलों में भी है जगह
शेखपुरा के पुलिस अधीक्षक के रूप में न केवल कई बड़ी कार्रवाई की बल्कि उन्होंने आमजनता के दिलों में भी जगह बना रखी है. हर दिन इंसाफ दिलाने के लिए निष्पक्ष भाव से सैकड़ों लोगों से मिलना व उनकी समस्याओं को सुनना और समाधान करना ही इनकी दिनचर्या है. आमलोगों के एक कॉल पर घटनास्थल पर पहुंचना, न किसी से दोस्ती न किसी से बैर, न नेताओं की चाटुकारिता करना, यही स्वभाव है उनका. लेकिन, उनकी यही ईमानदारी कुछ खादी वालों की आंखों की किरकरी बन गयी है.