शाही आयोजन : पप्पू यादव का दिखा उतरा हुआ चेहरा!
विष्णुकांत मिश्र
10 अप्रैल, 2023
PATNA : इफ्तार (Iftar) पर राजनीति को रविवार 09 अप्रैल को विस्तार मिला. पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी (Rabri Devi) के सरकारी आवास 10, सर्कुलर रोड में हुए राजद (RJD) के ‘शाही आयोजन’ में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी (Jitan Ram Manjhi) की स्वाभाविक मौजूदगी रही. चूंकि दोनों महागठबंधन में हैं इसलिए इस मौजूदगी का कोई खास मायने-मतलब नहीं रहा. गैर मौजूदगी सियासत के लिए बड़ी बात होती. राजनीति (Politics) का ध्यान इस शाही आयोजन में लोजपा (रामविलास) सुप्रीमो चिराग पासवान (Chirag Paswan) और जन अधिकार पार्टी के ‘भारी भरकम’ अध्यक्ष पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव (Rajesh Ranjan urf Pappu Yadav) की उपस्थिति ने खींचा. आगे कुछ हो या नहीं, तात्कालिक तौर पर इससे नये राजनीतिक समीकरण के सूत्रपात का भ्रम जरूर पैदा हो गया है.
चिराग को मिला लाड़-प्यार!
आयोजन के मेजबान उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव (Tejaswi Prasad Yadav) ने जिस गर्मजोशी से चिराग पासवान (Chirag Paswan) का स्वागत-सत्कार किया, राबड़ी देवी ने जो लाड़-प्यार दिया, उससे इसे मजबूती मिली. ऐसे ही भ्रम से खुद को अलग रखने के लिए रालोजद सुप्रीमो उपेन्द्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) और वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी (Mukesh Sahani) ने इससे दूर रहना मुनासिब समझा. विस्मयकारी बात यह रही कि चिराग पासवान को तो सिर आंखों पर बैठा लिया गया, पप्पू यादव (Pappu Yadav) को उस अनुरूप महत्व नहीं मिलना उनके समर्थकों को अखर गया. आमलोग भी हैरान रह गये कि सोशल मीडिया (Social Media) के एक तबके ने पप्पू यादव के राबड़ी आवास में पहुंचने की खबर को जिस अपूर्व अंदाज में परोसा, उसका अंश मात्र भी उन्हें महत्व नहीं मिला.
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देखते रह गये पप्पू यादव
राजद की राजनीति में कभी लालू प्रसाद (Lalu Prasad) के करीबी रहे पप्पू यादव को इफ्तार के बहाने ही सही, नौ वर्षों के लंबे अंतराल के बाद ‘दरबार’ से बुलावा आया था. सहज भाव से वह राबड़ी आवास पर गये तो स्वागत का सामान्य शिष्टाचार निभाया जाना था. तेजस्वी प्रसाद यादव ने निभाया. चादर भी ओढ़ाया. परन्तु, उस दौरान उनकी जो भंगिमा थी, उसमें स्वागत की मुस्कुराहट से परिहास की जगह उपहास झलकता नजर आया. ऐसा क्यों, यह बताने की शायद जरूरत नहीं. हालांकि, आयोजन इफ्तार (Iftar) का था. राजनीति को इससे दूर रहना और रखना चाहिये. लेकिन, दृश्यों-परिदृश्यों से आंखें भी तो नहीं मूंदी जा सकतीं. स्थानीय समाचार-पत्र (News Paper) में प्रकाशित एक खबर के मुताबिक आयोजन स्थल पर मौजूद तमाम महत्त्वपूर्ण व्यक्तियों को तेजस्वी प्रसाद यादव ने इफ्तार वाली टोपी और साफा पहनाया. पर, पप्पू यादव पर ध्यान नहीं दिया. पप्पू यादव के बगल में बैठे पूर्व मंत्री जीतनराम मांझी को इस रूप में सम्मानित किया गया. पप्पू यादव देखते रह गये. तेजस्वी प्रसाद यादव से चूक हो गयी या ऐसा जानबूझ कर किया गया, यह तो वही बता सकते हैं. राजनीति का ध्यान राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह (Jagdanand Singh), सांसद मीसा भारती (Misa Bharti) और तेजप्रताप यादव (Tejpratap Yadav) की गैरमौजूदगी की तरफ भी गया. इसके पीछे कोई विवशता थी या अंदरूनी विवाद, यह नहीं कहा जा सकता.
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