तापमान लाइव

ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल

जदयू जागीर है नीतीश कुमार की , नेता और कार्यकर्ता हैं कारिंदे…!

शेयर करें:

विजय शंकर पांडेय

15 मई 2023

DARBHANGA :  मिथिलांचल की अघोषित राजधानी दरभंगा की राजनीति पर 2024 के संसदीय चुनाव(Parliamentary Elections) का रंग चढ़ने लगा है. विशेष कर महागठबंधन (Mahagathbandhan) की राजनीति परण् हालांकि, उसके किस घटक दल के हिस्से में यह सीट जायेगी, इसके निर्धारण में अभी वक्त लगेगा. नैतिकता के आधार पर दावा राजद(RJD) का बनता है. पूर्व के चुनावों में इसके उम्मीदवार उतरते रहे हैं. जीतते . हारते रहे हैं. लेकिन अभी वह सुस्त है. वहां कोई अतिरिक्त हलचल‌ नजर नहीं आ रहा है. यह कहें कि लगातार तीन हार का अवसाद उत्साहहीनता के रूप में दिख रहा है तो वह कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी . पिछले चुनाव यानी 2019 में राजद के उम्मीदवार रहे अब्दुल बारी सिद्दीकी(Abdul Bari Siddiqui) भी ऐसे ही नैराश्य में घिरे हैं. मधुबनी संसदीय क्षेत्र की हार का पीड़ादायक क्रम तोड़ने के ख्याल से दरभंगा के मैदान में उतरे थे. वह क्रम नहीं टूटा.

संभावना नहीं दिखती

मिथिला क्षेत्र में एक काफी प्रचलित कहावत है. जइबे नेपाल साथ जईतउ कपार – अब्दुल बारी सिद्दीकी के साथ ऐसा ही कुछ हुआ. इसके मद्देनज़र दरभंगा संसदीय क्षेत्र से उन्हें दोबारा अवसर मिलने की संभावना क्षीण है. वैसे , भितरघातियों की बड़ी संख्या को देखते हुए वह खुद भी यहां से चुनाव नहीं लड़ना चाहेंगे. इसके उलट जीभ लपलपा रहे जदयू में अभी ही जंग जैसे हालात पैदा हो गये हैं. यह सीट जदयू के हिस्से में जायेगी भी या नहीं, यह वक्त के गर्भ में है. इसके बावजूद उम्मीदवारी के लिए अघोषित जंग छिड़ गयी है. चार जीत और चार हार  (2019 में मधुबनी की हार समेत) का तमगा लटका रखे पूर्व केन्द्रीय राज्यमंत्री अली अशरफ फातमी(Ali Ashraf Farmi) सबसे बड़े दावेदार हैं. खुद जदयू के राष्ट्रीय महासचिव हैं और पुत्र पूर्व विधायक डा. फराज फातमी (Ex MLA Dr. Faraz Fatmi) को प्रदेश महासचिव का पद मिला हुआ है.

बैठक में रोया दुखड़ा
पिता-पुत्र दोनों को सांगठनिक पद तो प्राप्त हैं, पर पार्टी में जिस सम्मान की अपेक्षा रखते हैं वह उनसे काफी दूर है. दोनों खुद को उपेक्षित व महत्वहीन महसूस कर रहे हैं. अपनी इस अकल्पित व्यथा को उन्होंने खुद व्यक्त किया. चोरी -छिपे ,इधर -उधर नहींए, दरभंगा में चार -पांच दिनों पूर्व आयोजित जदयू की बैठक में. बैठक जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह (Rajeev Ranjan singh Urf Lalan singh) के अभिनंदन के सिलसिले में बुलायी गयी थी. अली अशरफ फातमी, संजय कुमार झा समेत मिथिला क्षेत्र के प्रायः सभी वरिष्ठ दलीय नेता मौजूद थे. बैठक की शुरुआत अच्छी हुई, समापन तनाव भरे माहौल में हुआ. वजह संजय कुमार झा(Sanjay Kumar Jha) के समर्थन में नारेबाजी रही.

कार्यकर्ताओं को नसीहत देते ललन सिंह.

हतप्रभ रह गये‌ फातमी
नारे कुछ और लगाये जाते तो बात इतनी नहीं बिगड़ती. ‘दरभंगा का सांसद कैसा‌ हो, संजय झा जैसा हो’  सरीखे अप्रत्याशित(Unpredictable) नारे से अली अशरफ फातमी हतप्रभ रह गये. लेकिन, अपने संबोधन में इसका जवाब उन्होंने तल्ख़ तेवर में बड़ी सहजता व शिष्टता से दिया. जदयू नेतृत्व को सरल शब्दों(Simple Words)में बता दिया कि दल बदलने से ताकत खत्म नहीं हो जाती. मतलब कि वह दूसरे दल से जदयू में आये हैं तो उन्हेंं कमजोर समझने की भूल न की जाये. उस दिन बात वहीं खत्म हो गयी. लेकिन, अली अशरफ़ फातमी का यह तेवर जदयू नेतृत्वLeadership) को रास नहीं आया.


ये भी पढ़ें:

राजनीति: जदयू बना रहा हवाई किला!

बिहार: ऐसे ही निहारती है निर्बल सत्ता!

तो यह अंतर है लालू प्रसाद और नीतीश कुमार में!


पोलो मैदान में अभिनंदन
परिणाम इस रूप में सामने आया कि उस वाकये के बाद 10 मई 2023 को आनन – फानन में दरभंगा नगर निगम की महापौर अंजुम आरा(Anjum Ara) और उनके पति सिबगतुल्लाह खान उर्फ डब्बू खान (Dabboo Khan) को अली अशरफ फातमी के अघोषित विकल्प के तौर पर जदयू में शामिल करा दिया गया.  डब्बू खान कभी‌ अली अशरफ फातमी के खासमखास हुआ करते थे. इनके जदयू में शामिल होने के तीसरे दिन दरभंगा के बहुचर्चित पोलो मैदान (Polo Graund) में ललन सिंह का पार्टी की ओर से अभिनंदन हुआ. उसमें अली अशरफ फातमी और संजय झा के समर्थकों में जोर आजमाइश हुई. नारेबाजी के रूप में यह शक्तिपरीक्षण (Strength Test)ललन सिंह को नागवार गुजरा. यह गुटबाजी 2024 के संसदीय चुनाव में क्या गुल खिलायेगी, यह‌ वक्त बतायेगा.

सच निकल गया मुंह से
बहरहाल, शोरगुल शांत करने के लिए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने जो कहा उससे ‘इंदिरा इज इंडिया, इंडिया इज इदिरा’ याद आ गया. यह नारा किसी और का नही, कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष देवकांत बरुआ ने तब की प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी की शान में उछाला था. जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की शान में क्या कहा वह जानिये‌. ‘किसी का नारा मत लगाइये. यह पार्टी एक आदमी का है. उसका नाम है नीतीश कुमार जी. बाकी सब केयर टेकर है. पार्टी एक है. उसका नाम जनता दल युनाइटेड(JDU) है. नारा सिर्फ एक आदमी का लगाइये.’ उनके इस कथन का लोग जो निहितार्थ(Implication) निकाले, राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के मुंह से जाने – अनजाने सच निकल गया कि जदयू में नेताओं – कार्यकर्ताओं का कोई महत्व नहीं है सिवाय झोला ढ़ोने के. बाकी अभिनंदन समारोह में‌ जो‌ हुआ वह सब तो जानवे करते हैं.

अपनी राय दें