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नज़र लागी… : नहीं छोड़ रहा पीछा भष्टाचार का भूत !

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विष्णुकांत मिश्र
04 अगस्त 2023

Patna : लगता है भ्रष्टाचार (Corruption) का भूत लालू-राबड़ी परिवार का पीछा नहीं छोड़ रहा है. शायद जल्दी छोड़ेगा भी नहीं. अद्यतन कार्रवाई में प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत इस परिवार से जुड़ी छह करोड़ दो लाख की छह संपत्ति जब्त (अटैच) कर ली है. हालांकि, उसके लिए यह कोई पहला अनुभव नहीं है. पूर्व में इस परिवार के खिलाफ दो बार ऐसी कार्रवाई हो चुकी है. इसमें बड़ी बात यह है कि ईडी में दिल्ली की न्यू फ्रेंड्स कालोनी स्थित तेजस्वी प्रसाद यादव (Tejashwi Prasad Yadav) के चार मंजिला आलीशान बंगले को भी अटैच कर लिया है. इसके अलावा राबड़ी देवी (Rabri Devi) , उनकी बड़ी पुत्री मीसा भारती और पांचवीं पुत्री हेमा यादव के पति विनीत यादव एवं ससुर शिव कमार यादव की संपत्ति भी जब्त हुई है.

आरोप-पत्र दाखिल
इिससे पूर्व सीबीआई ने दिल्ली की एक अदालत में इसी सबसे जुड़े एक मामले में लालू प्रसाद (Lalu Prasad), राबड़ी देवी एवं तेजस्वी प्रसाद यादव के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था. सीबीआई (CBI) और ईडी की हाल की दूसरी बड़ी कार्रवाई में पटना में राबड़ी देवी, नयी दिल्ली  (New Delhi) में मीसा भारती (Misa Bharti) और तेजस्वी प्रसाद यादव के आवासों समेत परिवार से संबद्ध 24 परिसरों पर छापे पड़े. लालू प्रसाद, राबड़ी देवी, मीसा भारती, तेजस्वी प्रसाद यादव आदि से लंबी पूछताछ हुई. राजद (RJD) के पूर्व विधायक अबु दोजाना से भी. आधिकारिक तौर पर जानकारी सार्वजनिक की गयी कि नौकरी के बदले जमीन के मामले में हुई इस छापेमारी में ईडी ने 01 करोड़ रुपये नगद के अलावा 01 हजार 900 डालर की अमेरिकी करेंसी, तकरीबन 540 ग्राम सोना और डेढ़ किलोग्राम से ज्यादा स्वर्णाभूषण (कीमत लगभग 01 करोड़ 25 लाख) जब्त किये.

अवैध संपत्ति के सबूत मिले
ईडी का कहना रहा कि लालू परिवार (Lalu Family) के सदस्यों एवं बेेनामीदारों के नाम पर कई जमीन-जायदाद के कागजात जब्त हुए. अवैध तरीके से अर्जित करीब 600 करोड़ रुपये की संपत्ति के सबूत मिले हैं, जो 350 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति के और 250 करोड़ रुपये कई बेनामीदारों के जरिये लेन-देन के हैं. ईडी का मानना है कि जमीन के बदले नौकरी घोटाले (Job scams) के प्रमुख लाभार्थी तेजस्वी प्रसाद यादव हैं. उसके मुताबिक रेलवे में नौकरी के बदले बाजार दर से कम कीमत पर 07 लाख 50 हजार रुपये में लिये गये चार भूखंडों को राबड़ी देवी ने बाद के दिनों में राजद के पूर्व विधायक अबु दोजाना (Abu Dojana) को 03 करोड़ 50 लाख रुपये में बेच दिये. इस राशि का बड़ा हिस्सा तेजस्वी प्रसाद यादव के खाते में गया.

घुटने नहीं टेके हैं
दूसरी तरफ तेजस्वी प्रसाद यादव का कहना रहा कि यह सब झूठ है. उनके आवास पर ईडी के छापे में कुछ नहीं मिला. उन्होंने बड़ा आरोप मढ़ा कि सीबीआई और ईडी जैसी एजेंसियों का गलत इस्तेमाल कर भाजपा (BJP) उनके परिवार को परेशान कर रही है. बयान लालू प्रसाद का भी आया-‘संघ और भाजपा के विरुद्ध मेरी वैचारिक लड़ाई रही है और रहेगी. मैंने कभी भी घुटने नहीं टेके हैं. मेरे परिवार और पार्टी का कोई भी व्यक्ति भाजपा की राजनीति के सामने झुकेगा नहीं.’ यहां गौर करने वाली बात है कि लालू प्रसाद और तेजस्वी प्रसाद यादव जांच एजेंसियों के दुरुपयोग की बात कह भाजपा पर भरदम प्रहार कर रहे हैं, पर खुद पर लगे ‘धन दोहन’ के आरोपों में सच्चाई है भी या नहीं, इस पर कुछ नहीं बोल रहे हैं. ऐसा क्यों? क्या इससे आरोपों के आधार को मजबूती नहीं मिल रही है?

यही है वह बंगला
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई दिल्ली की न्यू फ्रेंडस कालोनी स्थित तेजस्वी प्रसाद यादव के कथित आवास (बंगला नं. डी-1088) पर भी हुई. वैसे, इस चार मंजिला मकान को एबी एक्सपोर्ट्स प्रा.लि. के कार्यालय के रूप में दर्शाया गया है. एके इंफोसिस्टम का पता भी यही है. ईडी ने इस बंगला को भी जब्त किया है. एबी एक्सपोर्ट्स कंपनी (AB Exports Company) में तेजस्वी प्रसाद यादव के 98 प्रतिशत शेयर हैं. लालू प्रसाद की दो पुत्रियां – चंदा यादव एवं रागिनी लालू कंपनी की निदेशक रही हैं. सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) द्वारा उपलब्ध करायी गयी जानकारी के अनुसार 2007-2008 में इस कंपनी को मुम्बई के पांच हीरा व स्वर्ण व्यवसायियों ने एक-एक करोड़ रुपये के ब्याज-मुक्त कर्ज दिये थे. उन व्यवसायियों के नाम भी सार्वजनिक हुए हैं. परन्तु, नाम असली हैं या फर्जी, यह नहीं कहा जा सकता.


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एबी एक्सपोटर््स कंपनी
जो हो, उक्त राशि में से 04 लाख रुपये में आठ सौ वर्ग मीटर की उक्त जमीन खरीदी गयी. दिल्ली की मौजूदा दर के हिसाब से ईडी ने इसकी कीमत 150 करोड़ रुपये आंकी है. उसका मानना है कि एबी एक्सपोर्ट्स कंपनी लालू परिवार की है, लिहाजा कोई 150 करोड़ रुपये की यह संपत्ति उसी की है. यह समझने की बात है कि जिन दिनों एबी एक्सपोर्ट्स प्रा.लि. कंपनी बनी थी और इसके लिए जमीन खरीदने के वास्ते मुम्बई (Mumbai) के हीरा एवं सोने के कारोबारियों ने बिना सूद कर्ज दिये थे, उन वर्षों में लालू प्रसाद रेल मंत्री हुआ करते थे.

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