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झारखंड : नेता चयन में छूट रहा भाजपा को पसीना

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राजकिशोर सिंह
05 अगस्त 2023

Ranchi : पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी (Babulal Marandi) को झारखंड प्रदेश भाजपा का अध्यक्ष बनाये जाने के बाद भाजपा विधायक दल के नये नेता को लेकर कयासों का दौर चल रहा है. फिलहाल बाबूलाल मरांडी ही इस पद पर विराजमान हैं. ‘एक‌ व्यक्ति, एक‌ पद’ सूत्र का पालन हुआ तब उन्हें इस दायित्व से मुक्त हो जाना पड़ेगा. यहां जानने वाली बात है कि 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा में लौटे बाबूलाल मरांडी को सदन में नेता, प्रतिपक्ष का ओहदा दिलाने‌ के लिए भाजपा (BJP) विधायक दल का नेता बनाया गया था. पर, दलबदल कानून का लफड़ा ऐसा फंसा कि उन्हें तो‌ मौका‌ नहीं ही‌ मिला, तब से यह पद रिक्त ही पड़ा है.

कोई नतीजा नहीं निकला
दरअसल बाबूलाल मरांडी झाविमो से विधायक निर्वाचित हुए थे. भाजपा में शामिल हुए तो दलबदल कानून में घिर गये. यूं कहें कि सत्तारूढ़ दल ने घेर दिया. मामला लंबित‌ है. इधर भाजपा विधायक दल के नये नेता का चयन पार्टी नेतृत्व के‌‌ लिए आसान नहीं है. दावेदारों की संख्या अधिक होने के कारण परेशानी बनी हुई है. मगजमारी करनी पड़ रही है.हालांकि, इस बाबत कुछ दिन पहले प्रदेश कार्यालय में ‌ भाजपा विधायक दल की बैठक हुई थी. प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और झारखंड (Jharkhand) के पार्टी प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी (Laxmikant Vajpayee) तो मौजूद थे ही, केन्द्रीय पर्यवेक्षक के तौर पर केन्द्रीय राज्यमंत्री अश्विनी चौबे (Ashwini Choubey) भी उपस्थित थे. तीनों बड़े नेताओं ने खूब दिमाग खपाया, विधायकों‌ से रायशुमारी भी की. कोई नतीजा‌ नहीं निकला.


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चर्चा में हैं कई नाम
विधायकों की भावनाओं को‌ सहेज कर अश्विनी चौबे दिल्ली (Delhi) ले गये. अब फरमान राष्ट्रीय कार्यालय से जारी होगा. संभावित नये नेता के तौर पर जिन नामों की चर्चा है उनमें विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष सीपी सिंह (CP Singh) भी शामिल हैं. संसदीय राजनीति का लंबा अनुभव है , पर बढ़ी उम्र बाधक बन जा सकती है. कुर्मी मतों में आकर्षण पैदा करने के लिए जयप्रकाश पटेल (Jaiprakash Patel) को अवसर उपलब्ध कराया जा सकता है. भाजपा विधायक दल के मुख्य सचेतक विरंची नारायण , राजमहल के विधायक अनंत ओझा, अमर बाउरी, नीलकंठ मुंडा, राज सिन्हा आदि के नाम भी चर्चा में हैं. विश्लेषकों का मानना है कि 2024 में लोकसभा (Loksabha) और विधानसभा (Vidhansabha), दोनों के चुनाव होने हैं .इसके मद्देनजर विधायक दल के नेता चयन में सामाजिक समीकरण पर विशेष ध्यान दिया जा सकता है.

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