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शारदीय नवरात्र : सुख – समृद्धि लिये हाथी पर आयेंगी, पर …!

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विष्णुकांत मिश्र
29 सितम्बर 2023
Patna : सनातन धर्म  (Sanatan Dharm) में  शारदीय नवरात्र (Sharadiya Navratra) में शक्ति स्वरूपा मां दुर्गा की नियम – निष्ठा से पूजा का कुछ खास धार्मिक महत्व है. आश्विन शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से नवरात्र की शुरुआत होती है. इस दौरान कलश स्थापना के साथ और शुद्ध अंतर्मन से नौ दिनों तक सिद्धिदात्रि मां दुर्गा (Maa Durga) के नौ रूपों की पूजा-अर्चना एवं उपासना से मनोकामना (Desire) पूर्ण होती. सुख-समृद्धि एवं ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है. शेर की सवारी करने वाली देवी दुर्गा शारदीय नवरात्र में देवलोक से पृथ्वीलोक पर किस ‘वाहन’ से आती हैं और किससे लौटती हैं , इसका भी महत्व हुआ करता है. मां दुर्गा की अलग-अलग सवारी शुभ और अशुभ का संकेत देती है. जिस साल मां अम्बे हाथी (Elephant) पर सवार होकर आती हैं, उस साल अधिक वर्षा होती है. खेती के लिहाज से इसे बहुत अच्छा माना जाता है. वैसे भी ज्योतिष शास्त्र (Astrology) में हाथी को खुशहाली और संपन्नता का प्रतीक माना गया है.

आयेंगी हाथी पर, जायेंगी मुर्गा पर
धर्मशास्त्रियों  के मुताबिक इस बार मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आयेंगी और मुर्गा (Cock)  पर लौटेंगी. देवी भागवत पुराण के अनुसार दुर्गा जी का हाथी पर विराजमान होकर आगमन शुभ संकेत है. शारदीय नवरात्र की शुरुआत 15 अक्टूबर 2023 से होगी. उस दिन रविवार है. समापन 23 अक्टूबर 2023 यानी सोमवार के दिन होगा. अगले दिन 24 अक्टूबर 2023 को मंगलवार के दिन दशहरा और विजयादशमी मनायी जायेगी. देवी भागवत पुराण में मां दुर्गा की सवारियों के बारे में एक श्लोक है
शशिसूर्ये गजारूढ़ा शनिभौमे तुरंगमे।
गुरौ शुक्रे दोलायां बुधे नौका प्रकीर्तिता
मतलब कि नवरात्र की शुरुआत जब सोमवार और रविवार को होती है तो मां दुर्गा का वाहन हाथी होता है.


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शुभ और अशुभ के संकेत
मंगलवार और शनिवार को नवरात्र आयेंगी हाथी पर, शुरू होने पर मां का वाहन घोड़ा होता है. इसकी शुरुआत गुरुवार या शुक्रवार से होती है तो मां दुर्गा डोली (Doolie) में बैठकर आती हैं. बुधवार के दिन कलश स्थापना होने की स्थिति में मां दुर्गा नाव पर सवार होकर आती हैं. इसी तरह शारदीय नवरात्र का समापन शनिवार और मंगलवार के दिन होता है, तो मां दुर्गा मुर्गे पर प्रस्थान करती हैं. यह वाहन दुख और कष्ट का संकेत देता है. नवरात्र का समापन सोमवार के दिन होने पर मां अम्बे भैंस पर प्रस्थान करती हैं. इसे और भी अधिक अशुभ माना जाता है. ऐसी मान्यता (Recognition) है कि बुधवार और शुक्रवार के दिन समापन होने पर वह हाथी पर जाती हैं, जो ज्यादा वर्षा का संकेत देता है. शास्त्र बताता है कि गुरुवार के दिन नवरात्र के समापन पर मां दुर्गा मनुष्य के ऊपर सवार होकर जाती हैं. इसे सुख-समृद्धि में वृद्धि का संकेत माना जाता है.

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