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शोध हो रहा है अभी ‘ऑपरेशन अध्यक्षजी’ पर

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विशेष प्रतिनिधि
07 दिसम्बर 2023

Patna : उस दौरान मीडिया में खबरें आ रही थीं. सुप्रीमो सपरिवार दिल्ली की राऊज एवेंन्यू कोर्ट में हाजिरी लगाने जायेंगे. यह पूर्व प्रसारित और प्रचारित सूचना थी. राजनीति में मामूली दिलचस्पी रखने वालों को भी पता था कि अमुक तारीख को सुप्रीमो परिवार पटना नहीं, दिल्ली में रहेंगा. इसके बावजूद अध्यक्षजी सुप्रीमो से मिलने उनके सरकारी आवास (Official Residence) पर चले गये. गार्ड का कोई लफड़ा नहीं. खुद और ड्राइवर के साथ निकल गये. सुप्रीमो दरबार के द्वार पर उनकी गाड़ी रुकी. द्वारपाल सामने आया. अध्यक्षजी ने गाड़ी की बाईं तरफ का शीशा नीचे किया. रजनीगंधा का रस उदरस्थ करते हुए कहा-दरवाजा खोलो.

द्वारपाल ने मुस्कुरा दिया
सुप्रीमो के द्वारपाल ने अध्यक्षजी को पहचान लिया. सलामी देने के बाद मुस्कुराया. मानो कह रहा हो कि हे पूरी दुनिया की खबर रखने वाले नेताजी, आपको यह भी पता नहीं कि सुप्रीमो सपरिवार कल शाम से दिल्ली गमन कर गये हैं. द्वारपाल ने साफ कहा-साहब लोग कोठी में नहीं हैं. जब आयें, पता करके आ जायें. इतनी देर में कुछ यूट्यूबर भी जुट गये. माइक घुसाने ही जा रहे थे कि गाड़ी का शीशा बंद कर अध्यक्षजी की गाड़ी थोड़ा पीछे हुई. फिर बाटनीकल गार्डेन की तरफ तेज गति से निकल गयी.

नरभसाये रहते हैं
चारो दिशाओं में जहां तक यह सूचना प्रसारित हुई, लोगों के मुंह खुले के खुले रह गये. कई तरह के सवाल उछले. उन सबका सार निकालें तो मूल सवाल यह बना कि आखिर अध्यक्षजी इन दिनों क्यों इतना नरभसाये रहते हैं? राजनीति से जुड़े लोगों की यह खूबी जहजाहिर है. उन्हें अपने घर का पता हो न हो, पूरी दुनिया के बारे में सबकुछ पता रहता है. पता यह चला कि सुशासन बाबू इन दिनों ऑपरेशन अध्यक्षजी पर शोध कर रहे हैं. सुशासन बाबू चूंकि साइंस पढ़े हुए हैं, इसलिए शोध परिपक्वता (Research Maturity) की जांच भी करते हैं. इसे विज्ञान (Science) की भाषा में परीक्षण कहा जाता है. पहला प्रयोग सफल रहा.


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दे दी सीधी चुनौती
कुछ दिनों पहले सुना होगा कि सुशासन बाबू की भूंजा पार्टी के मानद सदस्य चौधरीजी ने अध्यक्षजी की सत्ता को सीधी चुनौती दे दी. भरे दरबार में सीना ठोक कर कहा कि जो करना हो, कर लीजियेगा. हम बरबीघा जायेंगे तो जायेंगे. चौधरीजी ने प्रण पूरा किया. डंके की चोट पर बरबीघा गये और अध्यक्षजी के खासमखास पार्टी विधायक को रूला कर चले आये. इस घटना से पार्टी के भीतर तक यह संदेश चला गया कि अध्यक्षजी के इस तथाकथित अपमान (Insult) में सुशासन बाबू की सहमति थी. इस घटना के बाद से ही चतुर सयाने भविष्यवाणी करने लगे हैं कि अध्यक्षजी का हश्र भी पार्टी के अन्य अध्यक्षों जैसा होने जा रहा है. इस भविष्यवाणी (Prediction) को ‘भीम संसद’ में अध्यक्षजी को किनारे रखने से भी आधार मिला.

शांत कैसे रहेंगे?
बात वाजिब है. अध्यक्षजी किसी बुरी स्थिति से बचने के लिए सुप्रीमो पर आश्रित होते जा रहे हैं. ऐसी मानसिक अवस्था (Mental State) में अध्यक्षजी को अगर सुप्रीमो के परिवार की दिल्ली यात्रा की जानकारी नहीं मिली तो इसमें बुरा लगने जैसा कुछ भी नहीं है. चुगलखोर (Sycophant) भी अध्यक्षजी का दिन-ब-दिन एक से एक उपाय कर रहे हैं. किसी बदमाश ने इतनी तेजी से यह अफवाह (Rumor) फैला दी कि अध्यक्षजी डिप्टी सीएम बनना चाहते हैं. यह तभी संभव है जब मुख्यमंत्री की कुर्सी से सुशासन बाबू की विदाई हो जाये. भला बताइये, इस अफवाह के बाद सुशासन बाबू शांत कैसे बैठे रहेंगे?

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