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चुनावी राजनीति : उर्मिला मातोंडकर के बाद माधुरी दीक्षित

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राजकिशोर सिंह
12 दिसम्बर 2023

New Delhi : 2019 के संसदीय चुनाव में पश्चिम बंगाल में छह सिने सितारे मैदान में थे. उनमें पांच ने जीत दर्ज की. एकमात्र मुनमुन सेन को मुंह की खानी पड़ गयी. नुसरत जहां, मिमी चक्रवर्ती, देव अधिकारी तथा शताब्दी रॉय तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर पर निर्वाचित हुए तो भाजपा उम्मीदवार के रूप में बाबुल सुप्रियो ने आसनसोल में मुनमुन सेन को शिकस्त दे दोबारा जीत हासिल की. बंगाली फिल्मों और टेलीविजन क्षेत्र की मशहूर अभिनेत्री मिमी चक्रवर्ती और नुसरत जहां पहली बार सांसद निर्वाचित हुईं.

मुनमुन सेन का दुर्भाग्य
तीस वर्षीया मिमी चक्रवर्ती ने पश्चिम बंगाल (West Bengal) के जादवपुर संसदीय क्षेत्र में भाजपा के अनुपम हाजरा को 2 लाख 95 हजार 239 मतों के भारी अंतर से परास्त किया. नुसरत जहां बशीहाट संसदीय क्षेत्र से चुनी गयीं. उन्होंने भाजपा उम्मीदवार सायंतन बसु को 3 लाख 50 हजार 369 मतों से शिकस्त दी. उस वक्त पश्चिम बंगाल के बड़े भाजपा (BJP) नेता के रूप में चर्चित बाबुल सुप्रियो की आसनसोल में पुनः बड़ी जीत हुई. तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने उन्हें पछाड़ने के लिए अपने जमाने की चर्चित फिल्म अभिनेत्री मुनमुन सेन को मैदान में उतारा था. लेकिन, वह उनकी राह रोक नहीं पायीं.बाद में बाबुल सुप्रियो भाजपा और लोकसभा की सदस्यता एक साथ त्याग तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गये. अप्रैल 2022 में हुए आसनसोल के उपचुनाव में शत्रुघ्न सिन्हा (Shatrughan Sinha) की जीत हुई.

पिछड़ गयीं उर्मिला मातोंडकर
हिन्दी फिल्मों की प्रसिद्ध अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर (Urmila Matondkar) को कांग्रेस ने भाजपा के गढ़ माने जाने वाले मुम्बई उत्तरी संसदीय क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया. मुकाबला भाजपा के गोपाल शेट्टी से हुआ. वहां उर्मिला मातोंडकर का जादू चल नहीं पाया और वह 4 लाख 65 हजार 247 मतों के विशाल अंतर से मात खा गयीं. 2014 में इस क्षेत्र से पूर्व सांसद संजय निरुपम कांग्रेस (Congress) के उम्मीदवार थे. गोपाल शेट्टी से वह भी 4 लाख 46 हजार मतों के भारी अंतर से पिछड़ गये थे. संजय निरूपम 2019 में इस क्षेत्र से उम्मीदवार बनने का साहस नहीं जुटा पाये.


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प्रकाश राज भी हुए निराश
संजय निरूपम मुम्बई उत्तर पश्चिम लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस का उम्मीदवार बने. वहां भी दुर्भाग्य का साथ नहीं छूटा और पराजय का ही मुंह देखना पड़ गया. 2 लाख 60 हजार 328 मतों के विशाल अंतर से वह पिछड़ गये. इस बार इन दोनों क्षेत्रों में से किसी एक से माधुरी दीक्षित (Madhuri Dixit) के उम्मीदवार बनने की चर्चा खूब हो रही है. कन्नड़ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या से आक्रोशित अभिनेता और सामाजिक कार्यकर्त्ता प्रकाश राज (Prakash Raj) अपनी घोषणा के अनुरूप कर्नाटक के बेंगलुरु सेंट्रल संसदीय क्षेत्र से निर्दलीय मैदान में उतरे. जीत उनसे दूर रह गयी.

जयप्रदा को भी मिली मायूसी
विभिन्न मुद्दों को लेकर प्रकाश राज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) के खिलाफ मुखर रहे हैं और ऐसी तमाम आवाजों को एकजुट करने के प्रयास में भी भिड़े रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ अभियान चलाने वाले शत्रुघ्न सिन्हा पटना साहिब से कांग्रेस के उम्मीदवार बने और रविशंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad) के हाथों पिट गये. कभी फिल्मों से जुड़ी रहीं उनकी पत्नी पूनम सिन्हा तत्कालीन केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के खिलाफ लखनऊ (Lucknow) से सपा की उम्मीदवार बन अपनी साख गंवा बैठीं. फतेहपुर सिकरी में राजबब्बर और रामपुर में जयाप्रदा भी इसी गति को प्राप्त हुए. जयाप्रदा भाजपा और राजबब्बर कांग्रेस के उम्मीदवार थे.

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