तापमान लाइव

ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल

झारखंड : बनी रहेगी अभी चंपई की चमक !

शेयर करें:

विजय कुमार राय

29 जून 2024

Deoghar : क्या फर्क पड़ेगा? पांच माह के जेल प्रवास के दौरान सत्ता का संचालन अप्रत्यक्ष रूप से होटवार जेल (Hotwar Jail) से हो रहा था, अब उनके आवास से होगा. चार-पांच महीने की ही तो बात है. नये चुनाव के बाद नयी सत्ता मिलने तक चम्पई सोरेन (Champai Soren) ही मुख्यमंत्री रहेंगे तो हेमंत सोरेन (Hemant Soren) का महत्व कम तो नहीं हो जायेगा. झामुमो (JMM) के वह कार्यकारी अध्यक्ष हैं. पार्टी सुप्रीमो शिबू सोरेन (Shibu Soren) के बाद वही सर्वशक्तिमान हैं. संगठन और सरकार, सब उनके मन के मुताबिक चलते हैं और चलेंगे, तो फिर सत्ता में वापसी की हड़बड़ाहट किसलिए?

बहस का मुद्दा

हड़बड़ाहट से आम लोगों में यह संदेश जा सकता है कि नवम्बर 2024 में होने वाले विधानसभा (Assembly) के चुनाव  में जीत के प्रति झामुमो आश्वस्त नहीं है. इससे महागठबंधन (grand alliance) की चुनावी रणनीति प्रभावित हो सकती है. हेमंत सोरेन के शुक्रवार को बहुचर्चित जमीन घोटाले (land scam) में जमानत पर जेल से बाहर आने के बाद झारखंड (Jharkhand) में यही सब आम राजनीतिक बहस का मुद्दा बना हुआ है. ऐसा माना जाता है कि झामुमो (JMM) और कांग्रेस (Congress) के रणनीतिकारों की समझ भी बहुत कुछ ऐसी ही है. इसलिए जमानत पर जश्न के अलावा झारखंड की सत्ता राजनीति में फिलहाल कोई खास बदलाव की संभावना बनती नहीं दिख रही है.

हो सकता है यह काम

परिवर्तन कुछ इस रूप में हो सकता है कि चम्पई सोरेन मंत्रिमंडल का प्रतीक्षित विस्तार और कांग्रेस विधायक दल के नये नेता के चयन की प्रक्रिया पूरी की जा सकती है. कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम (Alamgir Alam) की गिरफ्तारी के बाद नये नेता का चयन आवश्यक हो गया है. आलमगीर आलम ग्रामीण विकास, पंचायती राज और संसदीय कार्य विभाग के मंत्री का पद भी संभाल रहे थे. चंपई सोरेन सरकार में उन्हें मुख्यमंत्री के बाद वाली हैसियत मिली हुई थी. राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि आलमगीर आलम की जगह मुस्लिम समुदाय के ही जामताड़ा (jamtara) के कांग्रेस विधायक डा. इरफान अंसारी (Dr. Irfan Ansari) को मंत्री बनाया जा सकता है.


ये भी पढें :

बायसी: बदल रही बयार… टूट जायेगा तिलिस्म !

किस्मत इन्हें कहां ले आयी…आगे कुआं,पीछे खाई!

कमाल के हैं… इनके मानस पुत्र !


दीपिका पांडेय सिंह

चर्चा में दूसरा नाम महागामा की कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय सिंह (Deepika Pandey Singh) का है. तर्क यह कि लोकसभा (Lok Sabha) के चुनाव में उन्हें गोड्डा से कांग्रेस की उम्मीदवारी देकर छीन ली गयी थी. उस गम को मिटाने के लिए उन्हें मंत्री का पद दिया जा सकता है. चर्चा यह भी है कि एक साथ दोनों को मंत्री बनाया जा सकता है. जहां तक कांग्रेस विधायक दल के नेता पद की बात है तो यह अवसर कद्दावर विधायक बन्ना गुप्ता (Banna Gupta) को उपलब्ध कराया जा सकता है. वैसे, वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव (Rameshwar Oraon) भी प्रबल दावेदार हैं. ऐसी संभावना है कि यह सब एक -दो दिनों के अंदर हो जा सकता है.

#tapmanlive

अपनी राय दें