बायसी: बदल रही बयार… टूट जायेगा तिलिस्म !
अशोक कुमार
29 जून 2024
Purnia : तकरीबन चालीस वर्षों से दो गांवों चिरैया और बैरिया के बीच झूल रहे बायसी विधानसभा क्षेत्र (Bayasi Assembly Constituency) की सियासी फिजा इस बार कुछ बदलती दिख रही है. राजनीति महसूस कर रही है कि 2020 में एमआईएम (mim) उम्मीदवार के तौर पर निर्वाचित सैयद रूकुनुद्दीन अहमद (Syed Rukunuddin Ahmed) के शामिल होने के बाद राजद की कुंडली गडबड़ा गयी है. अब्दुस सुबहान (Abdus Subhan) राजद के धाकड़ नेता हैं. बायसी से राजद की उम्मीदवारी इन्हें ही मिलती रही है. 2020 में भी वह राजद के उम्मीदवार थे. 38 हजार 254 मतों के साथ तीसरे स्थान पर अटक अवश्य गये थे, पर मतदाताओं पर उनकी पकड़ पूरी तरह खत्म नहीं हुई है.
एमआईएम के करीब हैं…
उस चुनाव में सैयद रूकुनुद्दीन अहमद का मुकाबला भाजपा के विनोद यादव (Vinod Yadav) से हुआ था.16 हजार 373 मतों से विनोद यादव पिछड़ गये थे. सैयद रूकुनुद्दीन अहमद बैरिया गांव के रहने वाले हैं. सीटिंग होने के नाते 2025 के चुनाव में राजद की उम्मीदवारी उन्हें ही मिलेगी, यह करीब-करीब तय है. पूर्व विधायक हाजी अब्दुस सुबहान चिरैया गांव के हैं. वह भी ऐसा ही कुछ मान कर चल रहे हैं. तभी तो एमआईएम की तरफ कदम बढ़ाते नजर आ रहे हैं. चर्चा है कि इसी समझ के तहत उन्होंने संसदीय चुनाव के दौरान एमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरूल ईमान (Akhtarul Iman) का सानिध्य प्राप्त किया था. कहा जाता है कि अब वह विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) में एमआईएम की उम्मीदवारी पाने के जुगाड़ में लग गये हैं.
अलग हो गये राजद से
बायसी में शाहनवाज आलम (Shahnawaz Alam) के रूप में राजद में मजबूत युवा नेतृत्व उभर रहा था. राजद की राजनीति के बैरिया और चिरैया के बीच झूलने से खिन्न होकर शाहनवाज आलम उससे अलग हो गये. वह युवा राजद के प्रदेश महासचिव थे. उनके साथ बायसी प्रखंड राजद के अध्यक्ष सब्बीर आलम (Sabbir Alam) सहित अनेक स्थानीय नेताओं ने राजद से नाता तोड़ लिया. इससे विधायक सैयद रूकुनुद्दीन अहमद को धीरे से जोड़ का झटका लगा है. बायसी निवासी शाहनवाज आलम चुपचाप राजद से अलग नहीं हुए हैं. बजाप्ते प्रेस कान्फ्रेंस आयोजित कर उन्होंने तेजस्वी प्रसाद यादव (Tejashwi Prasad Yadav) पर निशाना साधा. कहा कि तेजस्वी प्रसाद यादव ने वायदा किया था कि सरकार में आने के बाद सबसे पहले वह सीमांचल विकास आयोग (Seemanchal Development Commission) का गठन करेंगे. लेकिन,17 महीने तक उपमुख्यमंत्री रहने के दौरान उन्होंने उस वायदे को पूरा करने में दिलचस्पी नहीं दिखायी.
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तेजस्वी पर लगाया आरोप
शाहनवाज आलम ने यह भी आरोप लगाया कि तेजस्वी प्रसाद यादव ने पार्टी हित के विपरीत व्यक्तिगत हित साधने की खातिर सीवान से हीना शहाब, बेगूसराय से कन्हैया कुमार और पूर्णिया से पप्पू यादव को महागठबंधन की उम्मीदवारी से वंचित करा दिया. शाहनवाज आलम ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि राजद से अलग होने के बाद वह किसी दूसरे दल में शामिल नहीं होंगे. पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव से मिली प्रेरणा से बायसी विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लड़ चिरैया और बैरिया गावों के साथ- साथ एमआईएम और राजद के तिलिस्म को तोड़ देंगे.
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