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सर्वे की विसंगतियां : भूमि सुधार मंत्री ने दिया कार्रवाई का आश्वासन

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अश्विनी कुमार आलोक
13 अगस्त 2024

Samastipur : जिले के मोहनपुर प्रखंड के किसानों का चार सदस्यीय शिष्टमंडल (Delegation) ने भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री डा.दिलीप जायसवाल (Dr. Dilip Jaiswal) से भेंट की. सरकार द्वारा कराये जा रहे सर्वे पर आपत्ति प्रकट की. लिखित ज्ञापन देकर सर्वे की नीतियों में बदलाव करने का अनुरोध किया. भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री ने किसानों को आश्वस्त किया कि उनके हित में पंद्रह दिनों के भीतर कोई निर्णय ले लिया जायेगा. उन्होंने शिष्टमंडल के सभी सदस्यों को चादर देकर सम्मानित भी किया.

अधिग्रहण से हैं नाराज

उल्लेखनीय है कि करीब दो दशक पूर्व प्रखंड के किसानों के घर गंगा नदी (Ganga River) के कटाव की भेंट चढ़ गये थे. सैंकड़ों एकड़ कृषि और जमीन अधिग्रहण (Land Acquisition) गृहभूमि बालू और पानी के क्षेत्र में परिणत हो गयी थी. बिहार सरकार (Bihar Government) के भूमि सुधार विभाग ने अपनी नीति के अनुसार बालू और पानी के अधिग्रहण क्षेत्र को सरकारी भूमि के रूप में मान लिया,जिससे किसानों के सामने जीविका का संकट उत्पन्न हो गया है. किसान निजी जमीन के सरकारीकरण (Governmentalization) से बेहद नाराज़ हैं और अपनी जमीनें वापस लेने के लिए मांग कर रहे हैं. दियारा क्षेत्र में वर्षा ऋतु से गंगा नदी का परिक्षेत्र विस्तृत हो जाता है. इस समय कृषि भूमि जलमग्न है. सरकार के भूमि सुधार विभाग की ओर से सर्वे का काम चल रहा है,जिसकी नीतियों के कारण छोटे एवं मंझोले किसान पूरी तरह भूमिहीन (Landless) हो जायेंगे.


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ये सब थे शिष्टमंडल में

शिष्टमंडल में साहित्यकार और उद्घोषक बैद्यनाथ पंडित प्रभाकर, पूर्व जिला पार्षद अशोक कुमार राय,धरनी पट्टी पश्चिमी पंचायत के मुखिया डा. सुरेंद्र कुमार राय और भाजपा नेता प्रियरंजन दास शामिल थे. शिष्टमंडल ने हरपुर शैदाबाद, धरनी पट्टी और मोहनपुर प्रखंड के अन्य गांवों में कृषि भूमि के सरकारी अधिग्रहण के लिए अलग से नीतियां बनाने का अनुरोध किया. ‌मंत्री ने नीति पर पुनर्विचार (Reconsideration) करने का आश्वासन दिया.

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