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चिराग पासवान : यह भी मिला है विरासत में…!

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विकास कुमार

24 अगस्त‌ 2024

Patna : लोजपा (LJP) के दिवंगत संस्थापक सुप्रीमो रामविलास पासवान (Ramvilas Paswan) ने केन्द्र की कांग्रेस (Congress) नीत संप्रग (UPA) सरकार में इस्पात मंत्री रहते अपने संसदीय क्षेत्र हाजीपुर (Hajipur) को जो हसीन सपने दिखाये थे उनमें महनार (Mahnar) में स्टील फैक्ट्री (Steel Factory) की स्थापना भी एक था, जो पूरा नहीं हो पाया. चौर के पानी में तैरता रह गया. संयोगवश 13 साल बाद इस्पात मंत्रालय ‌‌‌‌‌‌‌‌फिर बिहार के हाथ लग गया. जदयू (JDU) के रामचन्द्र प्रसाद सिंह यानी आरसीपी सिंह (RCP Singh) को इस मंत्रालय को संभालने का सौभाग्य प्राप्त हुआ. स्टील फैक्ट्री के सपने के साकार होने की उम्मीदें हरी हो उठीं.
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कोई पहल नहीं की

परन्तु, आरसीपी सिंह ने उस पर तनिक भी ध्यान नहीं दिया. अधूरे ख्वाब को हकीकत में बदलने में कोई रूचि नहीं दिखायी. उस दौर में रामविलास पासवान के ‘भरत समान’ भाई पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) हाजीपुर संसदीय क्षेत्र की उनकी विरासत संभाल रहे थे. संयोग से केन्द्र में मंत्री भी थे. उन्होंने भी कोई कारगर पहल नहीं की. वर्तमान में रामविलास पासवान के पुत्र चिराग पासवान (Chirag Paswan) हाजीपुर से सांसद हैं. पिता और चाचा की तरह केन्द्र में मंत्री भी हैं. क्षेत्र के लोगों का सवाल है कि क्या वह इस ख्वाब को पूरा करने के लिए कोई पहल करेंगे?


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लोग बाग-बाग हो उठे

तकनीकी कारणों से स्टील फैक्ट्री की स्थापना यदि वहां संभव नहीं है तो कम से कम अपने मुंह से यह बताने का साहस दिखायेंगे के चौर के पानी में स्टील फैक्ट्री की स्थापना के पीछे का मुख्य मकसद या था? गौरतलब है कि रामविलास पासवान ने 08 मार्च 2008 को हाजीपुर संसदीय क्षेत्र के महनार बाजार (Mahnar Bazar) के अंबेदकर चौक (Ambedkar Chowk) पर बाबा साहेब भीमराव अंबेदकर (Baba Saheb Bheem Rao Ambedkar) की आदमकद प्रतिमा का अनावरण करते हुए महनार में भारतीय इस्पात प्राधिकरण के नियंत्रणाधीन स्टील प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित करने की घोषणा की. लोग बाग-बाग हो उठे.

वह भी नहीं खुल सका

उनकी आंखों में टाटा स्टील फैक्ट्री या फिर बोकारो इस्पात संयत्र जैसे बड़े कारखाने का सपना बस गया. कल्पनाओं में औद्योगिक नगरी और इलाकाई समृद्धि छा गयी. ‌‌घोषणा के ठीक एक माह बाद 08 अप्रैल 2008 को महनार बाजार के पड़ोस के गांव अफजलपुर (Afzalpur) में स्टील फक्ट्री का शिलान्यास भी हो गया. उस वक्त लोगों को जमीनी हकीकत की जानकारी मिली कि वहां टाटा स्टील (Tata Steel) या बोकारो इस्पात (Bokaro Ispat Ltd.) जैसा नहीं, सरिया और शीट्स बनाने वाला छोटा-मोटा स्टील प्रोसेसिंग प्लांट खुलेगा. दुर्भाग्य देखिये की वह भी नहीं खुल सका.

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