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बच गये तेजस्वी : हो जाता तब सब गुर गोबर!

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विकास कुमार
05 सितम्बर 2024

Patna : राजद की एक महिला नेता हैं. राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद (Lalu Prasad) और पार्टी के अघोषित सुप्रीमो तेजस्वी प्रसाद यादव (Tejashwi Prasad Yadav) उन्हें अन्य की तुलना में कुछ अधिक काबिल मानते हैं. सामान्य समझ में राजद के मूल राजनीतिक चरित्र (Political Character) की वह प्रखर प्रवक्ता हैं इसलिए भी पार्टी नेतृत्व की अतिविश्वसनीय‌ (Highly Reliable) हैं. इतना कि उनके बारे में उल्टा -पुल्टा कुछ भी उसे बर्दाश्त नहीं होता है . ऐसा कहीं कुछ हुआ, तो कार्रवाई में तनिक भी विलम्ब नहीं किया जाता है. हाल में ऐसा एक मामला काफी सुर्खियों में रहा. स्थानीय नेताओं के एक तबके ने उन्हें कथित रूप से अपमानित कर दिया. राजद नेतृत्व ने मामले को गंभीरता से लिया और वैसे अनुशासनहीन नेताओं को तत्काल पार्टी से निकाल दिया.

भद पिट जाती राजद की
महिला नेता काबिल हैं इससे इनकार नहीं किया जा सकता. पर, उनकी इसी काबिलियत से सोमवार को तेजस्वी प्रसाद यादव और राजद की भद पिट जाती. पता नहीं कैसे और किसके संज्ञान में यह बात आ गयी और वैसा होने से बाल – बाल बच गया. कैसे, यहां बताते हैं. हर कोई जानता है कि महागठबंधन की सरकार के पतन के बाद से तेजस्वी प्रसाद यादव रट लगाते थक नहीं रहे हैं कि उस शासनकाल में शिक्षकों की बड़ी संख्या में जो बहाली हुई वह उन्होंने करायी. आधार यह कि उस दौरान वह उपमुख्यमंत्री थे और शिक्षा विभाग (Education Department) राजद के जिम्मे था. उनके दावे में शिक्षक बहाली का संपूर्ण श्रेय उन्हीं को जाता‌ ‌‌‌ है. ‌मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को नहीं.

बेसुरा हो जाता वह राग
तेजस्वी प्रसाद यादव के इस सुर में राजद के अन्य नेताओं के सुर भी मिल रहे थे. अब भी मिल रहे हैं. पर, जातीय गणना के संदर्भ में उक्त महिला नेता का जो बयान आया वह उसी रूप में बना रहता तो निश्चय ही शिक्षक बहाली संबंधित सुर बेसुरा बन जाता. बात यह है कि जदयू बिहार में जाति आधारित गणना में राजद और तेजस्वी प्रसाद यादव की भूमिका को सीधे तौर पर नकार रहा है. उसे नीतीश कुमार की उपलब्धि के तौर पर गिना रहा है. राजद और तेजस्वी प्रसाद यादव का उसमें किसी भी रूप में कोई योगदान नहीं रहने की बात कह रहा है.


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मुद्दा जातीय गणना का
तेजस्वी प्रसाद यादव की राजनीति (Politics) की मिट्टी पलीद कर देने जैसा महिला नेता का बयान इसी संदर्भ में आया. एक न्यूज चैनल के इससे जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि जाति आधारित गणना का निर्णय महागठबंधन सरकार का था. ‌ उसी शासनकाल में जाति आधारित गणना (Caste Based Calculation) हुई. स्वाभाविक श्रेय महागठबंधन में शामिल सभी दलों का है. उनके इस बयान पर सवाल अवश्य खड़ा होता.इस रूप में कि जातीय गणना का श्रेय सामूहिक है तो फिर शिक्षक बहाली का श्रेय अकेले राजद और तेजस्वी प्रसाद यादव क्यों ले रहे हैं?

लग गया होगा अंदाज
इस सवाल पर सियासत में बवाल खड़ा होना ही था. राजद में कुछ ज्यादा होता. लेकिन, अब वैसा नहीं होगा. इसलिए कि महिला नेता का हैरान करने वाला इंटरव्यू कुछ समय तक ही उक्त न्यूज़ चैनल पर चला. फिर अचानक (Suddenly) अलोपित हो गया. ‌‌ऐसा क्यों हुआ, यह संबद्ध न्यूज चैनल का मामला है. बहरहाल, तेजस्वी प्रसाद यादव ने संयोगवश (Coincidentally) इसे देखा – सुना होगा तो महिला नेता की काबिलियत (Capability) का अंदाज उन्हें जरूर लग गया होगा. नहीं देखा- सुना होगा तब तो कोई बात नहीं.

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