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ज्योतिषीय दृष्टि : जन सुराज को खतरा अपनों से

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बी.कृष्णा

06 अक्तूबर 2024

News Delhi : गौरवशाली इतिहास वाले बिहार में अनेक वायदे भरे व्यवस्था परिवर्तन का हसीन ख्वाब दिखाते हुए 02 अक्टूबर 2024 को शाम 04:02 बजे प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) की जन सुराज पार्टी (Jan Suraj Party) अस्तित्व में आयी. चुनावी रणनीतिकार (Election Strategist) प्रशांत किशोर ने अलग-अलग कई नेताओं की चुनावी राजनीति (Politics) की राह सुगम बनायी है. उनकी खुद की राजनीति की राह कितनी सुगम हो पायेगी, ज्योतिष (Astrology) के नज़रिये से जानिये. जन सुराज पार्टी का गठन अमावस्या के दिन हुआ. ब्रह्म योग एवं नाग करण के साथ कुंभ लग्न और कुंभ ही नवांश की कुंडली है.

यह है कमजोर कड़ी
कृष्ण पक्ष और दिन का जन्म, लग्न कुंडली में लग्नेश लग्न में, अष्टमेश अष्टम में तथा नवमेश नवम भाव में तथा गुरु केंद्र में होकर कुंडली को बल प्रदान कर रहे हैं. स्थिर एवं वर्गोत्तम लग्न का होना भी शुभ है. इसके बावजूद पंचम भाव में मंगल का होना, पंचमेश का अष्टम में होना, दशम भाव पर शनि की दृष्टि तथा अमावस्या जन्मकुंडली की कमजोर कड़ी है. वर्तमान में चलने वाली दशा है- चंद्र, मंगल, सूर्य की. दशानाथ चंद्र एवं प्रत्यंतर दशानाथ सूर्य अष्टम भाव में अष्टमेश के साथ हैं तथा मंगल से दृष्ट हैं. 2025 में होनेवाले विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) के समय की दशा रहेगी चंद्र, राहु की. राहु जन्म कुंडली के द्वितीय भाव में है तथा इसका राश्याधिपति गुरु चतुर्थ भाव में हैं. कुंडली में बनने वाले योग, चलनेवाली दशा के अनुसार जन सुराज पार्टी के लिए निम्न संकेत मिल रहे हैं.


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खुद बदल देंगे नीतियां
जनता को ख्वाबों की दुनिया में ले जाने में यह पूरी तरह से सक्षम है. स्वयं के द्वारा निर्धारित नीतियों में स्वयं ही फेरबदल करेंगे. नवांश में नवम भाव में राहु का होना एवं नवम भाव का शनि, मंगल से दृष्ट होने से धार्मिक उन्माद की स्थिति बनेगी. दलित एवं मुस्लिम को अपने पक्ष में करने के लिए धर्म का बखूबी इस्तेमाल इनके कार्यकर्ताओं के द्वारा किया जायेगा. राहु का राश्याधिपति गुरु का चतुर्थ भाव में बैठना शराबबंदी के मुद्दे के आधार पर लाभ मिलेगा. मंगल पंचम भाव में एवं पंचमेश अष्टम भाव में, शिक्षा व्यवस्था को विश्वस्तरीय बनाने की बात मुंगेरी लाल के हसीन सपने की तरह होगा. थोड़ी बहुत कोशिश होगी, परन्तु कोई ठोस कदम नहीं उठा पायेंगे.

सत्ता शीर्ष पर पहुंचने का संकेत नहीं
प्रशांत किशोर के साथ चलनेवाले विश्वसनीय ही उनके विरुद्ध षड्यंत्र करेंगे. विवाद उत्पन्न होगा. फिलहाल स्वयं के लिए सत्ता के शीर्ष पर पहुंचने कि संकेत तो नहीं है , परंतु कुछ जगहों पर केंद्र की मदद से राजनीति की बिसात को पलटने में कामयाब होंगे. बिहार के वर्तमान राजनीतिक माहौल को देखते हुए इनके लिए मार्ग अभी सुगम होगा.

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