बड़ा सवाल : तिरंगा रैली में धार्मिक उन्माद क्यों?
तापमान लाइव ब्यूरो
03 नवम्बर 2024
Mumbai : भारत की आर्थिक राजधानी मुम्बई में हाल में एक अजीब रैली हुई. एमआईएम (MIM) के पूर्व सांसद इम्तियाज जलील और वारिस पठान जैसे नेताओं की अगुआई में रैली निकली. नाम था संविधान रैली (Constitution Rally). रैली में तिरंगा (Tiranga) लिये हुए प्रदर्शनकारी (Demonstrator) थे, कई सारे ऐसे तत्व भी थे जो राजनीतिक नारे लगाने के बजाय ‘सिर तन से जुदा’ (Separated from the body) जैसे असंवैधानिक और आपराधिक नारे भी लगा रहे थे. थी तो यह राजनीतिक रैली, पर हाथ में तिरंगा (Tiranga in hand) और होठों पर हत्या (Murder on lips) करने के नारे के साथ मुसलमानों को एकजुट करने के लिए धार्मिक उन्माद (Religious Frenzy) भरे नारे भी लगाये गये. यह बात समझ से परे है कि एक राजनीतिक रैली (Political rally) में धार्मिक उन्माद क्यों पैदा किया जा रहा था?
इरादा काफी खतरनाक था
रैली के आयोजकों का कहना था कि वे राम गिरी महाराज और भाजपा विधायक नीतेश राणे के तथाकथित मुस्लिम विरोधी (Anti muslim) बयानों का विरोध करते हैं. लेकिन, जिस तरह से संविधान रैली या तिरंगा रैली निकाली गयी उससे यह स्पष्ट हो गया कि आयोजकों का इरादा न केवल राजनीतिक था, बल्कि धार्मिक उन्माद को बढ़ावा देना भी था. वे जानबूझकर ऐसे धार्मिक नारे लगा रहे थे कि उत्तेजना फैले, जबकि रैली के आयोजक खुद कह रहे थे कि नीतेश राणे ने ऐसे बयान दिये हैं, जिससे हिन्दू-मुस्लिम एकता में दरार पड़ी है और वह हिंसा भड़काना चाहते हैं. नीतेश राणे ने कहा था कि 24 घंटे के लिए पुलिस को छुट्टी पर भेज दो तो फिर हिन्दू अपनी ताकत दिखा देंगे.
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तब कहां निकाली गयी थी कोई रैली?
यह हर कोई कहेगा कि उन्हें ऐसा बयान नहीं देना चाहिये था. परन्तु, एमआईएम सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी के बड़बोले भाई अकबरुद्दीन ओवैसी ने भी तो कुछ समय पूर्व कहा था कि अगर 15 मिनट के लिए पुलिस हटा दी जाये तो 25 करोड़ मुस्लिम एक सौ करोड़ हिन्दुओं का सफाया कर देंगे. हालांकि, इस मामले में वह अदालत से बरी हो गये हैं. पर सवाल तो बनता ही है कि अकबरुद्दीन ओवैसी के इस आपत्तिजनक बयान के विरोध में कहां कोई रैली निकाली गयी थी?
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