मिथिला राज्य के लिए पटना में लहरायेंगी एमएसयू की मुट्ठियां
विजय शंकर पांडेय
02 दिसम्बर, 2022
DARBHANGA : मिथिला के छात्र व क्षेत्र के विकास के लिए दृढ़ संकल्पित संगठन-मिथिला स्टूडेंट यूनियन (एमएसयू) 04 दिसम्बर 2022 को पटना (Patna) में अपनी शक्ति का प्रदर्शन करेगी. अलग मिथिला राज्य के लिए उस दिन गांधी मैदान (Gandhi Maidan) से राजभवन (Rajbhawan) तक मार्च निकालेगी और राज्यपाल (Governor) को मांग-पत्र सौंपेगी. एमएसयू का मानना है कि राज्य पुनर्गठन अधिनियम 1956 में यह प्रावधान है कि राज्यों की सीमाओं का निर्धारण वहां बोली जाने वाली भाषा एवं संस्कृति के आधार पर होना चाहिये. इस अधिनियम के अनुरूप 14 राज्य और छह केन्द्र शासित प्रदेश बनाये गये थे. वर्तमान में 28 राज्य और 7 केन्द्र शासित प्रदेश हैं.
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है अलग राज्य की पात्रता
एमएसयू (MSU) के मुताबिक ‘मिथिला भू-भाग’ में 22 जिला बिहार (Bihar) में और 7 जिला झारखंड (Jharkhand) राज्य में बसे हैं. उन सबकी एक भाषा, एक संस्कृति और मिलता-जुलता एक संस्कार है. कुल जनसंख्या तकरीबन 8 करोड़ है. यह भू-भाग राज्य पुनर्गठन अधिनियम के तहत अलग राज्य का दर्जा पाने की पात्रता रखता है. इसका दुर्भाग्य है कि अभी तक यह उससे वंचित है. मिथिला स्टूडेंट यूनियन (Mithila Student Union) की एक विज्ञप्ति में दावा किया गया है कि भौगोलिक, आर्थिक, ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक दृष्टि से भी मिथिला अलग राज्य का दर्जा पाने की योग्यता रखती है.
एकमात्र विकल्प
ऐसा इसलिए भी जरूरी है कि शासक वर्ग मिथिला (Mithila) की समस्याओं के समाधान के प्रति गंभीर नहीं रहता है. इस कारण स्वतंत्रता के कुछ वर्षों बाद से ही इसका आर्थिक ढांचा धीरे-धीरे नष्ट होने लगा. अब तो करीब-करीब पूरी तरह ध्वस्त ही हो गया है. बाढ़ (Flood) से कृषि चौपट होती रहती है तो नेताओं की उदासीनता की वजह से उद्योग-धंधे समाप्त हो गये हैं . इन समस्याओं के समाधान के लिए अलग मिथिला राज्य आवश्यक है. एमएसयू का स्पष्ट कहना है कि मिथिला के सर्वांगीण विकास के लिए यही एकमात्र विकल्प है.
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