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वास्तु शास्त्र : घर में इस जगह करें अनाज का भंडारण!

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तापमान लाइव ब्यूरो
24 अगस्त 2023

Patna : वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) में जिन लोगों की आस्था और विश्वास है, उनके जीवन में इसका बहुत महत्व है. इसके नियमों एवं सुझावों पर अमल कर वे घर में नकारात्मक ऊर्जा (Negative Energy) को दूर कर सकारात्मक ऊर्जा (Positive Energy) का संचार कर माहौल खुशनुमा बनाने का प्रयास करते रहते हैं. वास्तु शास्त्र में घर के कमरे से लेकर उसके कोने-कोने तक के लिए उपाय बताये गये हैं. घर में आनाज कहां रखना चाहिए यह भी बताया गया है. ऐसा देखा जाता है कि ज्यादातर लोग पूर्व दिशा में ही अनाज रखते है. ऐसा इसलिए कि इस दिशा को वास्तु शास्त्र में सबसे उत्तम माना जाता है. कहा जाता है कि इस दिशा में जो भी कार्य किया जाता है वह सफल होता है.

बरकत में बाधक
लेकिन, अनाज के मामले में ऐसी बात नहीं है. वास्तु शास्त्र का मानना है कि पूर्व दिशा (East Direction) में रखा अनाज घर की बरकत में बाधा भी बन सकता है. उसके मुताबिक पूर्व दिशा सूर्य ग्रह की है. सूर्य ग्रह की दिशा में अनाज की खपत अधिक होती है. सूर्य का ताप अनाज को नष्ट करता है. ऐसे में अनाज का भंडार जल्दी-जल्दी खाली होने लगता है. वास्तु शास्त्र के मुताबिक घर में अनाज भूलकर भी पूर्व-पश्चिम (East-West) और उत्तर-दक्षिण (North-South) दिशा में नहीं रखना चाहिए. ऐसी मान्यता है कि इस दिशा में अनाज रखने से वैवाहिक जीवन (Married Life) तनावग्रस्त रहता है. ऐसा इसलिए क्योंकि सूर्य (Sun) के साथ शुक्र (Vesper) रहते हैं जो विवाह के कारक माने जाते है.


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उत्तर-पश्चिम दिशा उपयुक्त
ऐसे में इस दिशा में रखे अनाज का सेवन करने से मांगलिक कार्यों में रुकावट से साथ बुद्धि कमजोर हो सकती है. वास्तु नियम के अनुसार उत्तर-पश्चिम दिशा (north-west direction) यानी वायव्य कोण में अनाज रखने से घर में किसी भी चीज की कोई कमी नहीं होगी. वास्तु शास्त्र का कहना है कि खाने-पीने की जिस भी चीज को लंबे वक्त के लिए रखना है तो उसे नैत्रत्य कोण यानी कमरे के दक्षिण-पश्चिम (South-west) के मध्य स्थान में रखना शुभ माना जाता है.

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