तापमान लाइव

ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल

संजीव हंस : यहां से शुरू हुई अनैतिकता की कहानी !

शेयर करें:

विष्णुकांत मिश्र

29 जुलाई 2024

Patna : बिहार (Bihar) में पदस्थापित भारतीय प्रशासनिक सेवा (Indian Administrative Service) के बड़े अधिकारी संजीव हंस (Sanjeev Hans) और पूर्व विधायक गुलाब यादव (Gulab Yadav) इन दिनों फिर से सुर्खियों में हैं. सत्कर्मों को लेकर नहीं, यौन उत्पीड़न एवं वैध-अवैध तरीकों से अकूत धन अर्जित करने के आरोपों को लेकर. दोनों की अनैतिकताओं की जुगलबंदी में कथित रूप से हुए कर्मों-कुकर्मों के आरोप पहली बार नहीं उछले हैं, पिछले छह-सात वर्षों के दरमियान अक्सर उछलते ही रहे हैं. इसमें घ्नयापन इतना है कि ईडी (Ed) यानी प्रवर्तन निदेशालय ने संजीव हंस और गुलाब यादव के कई ठिकानों पर एक साथ छापेमारी कर आरोपों को मजबूत आधार दे दिया है.

कैसे हो गये इतने करीब

लोग यह जानना जरूर चाहेंगे कि पंजाब (Punjab) के रहने वाले संजीव हंस और बिहार के मधुबनी (Madhubani) जिले के झंझारपुर (Jhanjharpur) थाना क्षेत्र के सुदूरवर्ती गांव गंगापुर के निवासी गुलाब यादव में ऐसी गहमगट दोस्ती कैसे हो गयी कि कथित रूप से दोनों साथ-साथ वह सब भी करने लग गये जिसे सभ्य समाज अनैतिक मानता है? इस सवाल का जवाब जानने के लिए थोड़ा अतीत में चलना पड़ेगा. संजीव हंस बिहार कैडर के 1997 बैच के आईएएस अधिकारी (IAS officer) हैं.1998 में यहां उनकी पहली पदस्थापना हुई थी. बांका के एसडीएम (SDM)  के पद पर. जानकारों के मुताबिक तकरीबन दो दशक पहले वह मधुबनी के उपविकास आयुक्त (Deputy Development Commissioner) बनाये गये थे.

खूब लाभ उठाया

बताया जाता है कि उसी दौरान गुलाब यादव उनके करीब हुए थे. तब गुलाब यादव की अपनी कोई हैसियत नहीं थी. ऐसा कहा जाता है कि तेजस्वी प्रसाद यादव (Tejashwi Prasad Yadav) के चर्चित पूर्व सांसद मामा सुभाष यादव (Subhash Yadav) की टोली के वह एक किरदार भर थे. मधुबनी में संजीव हंस से उनकी निकटता संभवतः सुभाष यादव के जरिये ही हुई थी. मोहक अंदाज ऐसा कि बहुत जल्द वह निकटता दोस्ती में बदल गयी. आपसी संबंधों में गुलाबी प्रगाढ़ता आ गयी. ऐसी कि एक-दूसरे के हमराज़ हो गये. फिर नैतिक-अनैतिक कारनामों के किस्से-दर-किस्से सामने आने लगे. लोग कहते हैं कि गुलाब यादव ने संजीव हंस के प्रभाव का खूब लाभ उठाया. फिर संजीव हंस को भी लाभ पहुंचवाया.


ये भी पढ़ें :

सम्राट चौधरी : इस वजह से हुई अध्यक्ष पद से विदाई

कांवर यात्रा : अर्पण के लिए जल कांवर में ही क्यों ?

कौन दारू पिलाकर ले रहा युवकों की जान?


जम गये राजनीति में

बाद के दिनों में एक-दूसरे के सहयोग से आर्थिक साम्राज्य खड़ा कर लिया. समृद्धि आयी तो गुलाब यादव ने मधुबनी की राजनीति में भी पांव जमा लिया. खुद एक बार झंझारपुर से राजद के विधायक (Vidhayak) निर्वाचित हुए. पत्नी अम्बिका गुलाब यादव (Ambika Gulab Yadav) विधान पार्षद (Vidhan Parshad) हैं तो पुत्री बिंदु गुलाब यादव (Bindu Gulab Yadav) मधुबनी जिला परिषद (Jila Parishad) की अध्यक्ष हैं. यह सब किन परिस्थितियों में कैसे और किस तरह के साधनों के इस्तेमाल से संभव हुआ, प्रवर्तन निदेशालय  इसकी भी छानबीन कर रहा है. ऐसा इनकी गतिविधियों पर नजर रखने वालों का मानना है.

#tapmanlive

अपनी राय दें