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गहरा रही चिंता : वाकई 12 जुलाई 2038 को खत्म हो जायेगी दुनिया ?

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प्रदीप कुमार नायक
07 अक्तूबर 2024

Madhubani : यह चिंता लोगों की नींद उड़ाये हुए है कि क्या मानव जाति के पास अब सिर्फ14 साल का ही वक्त बचा है ? सवाल उठ रहा है कि 2038 में ऐसी कौन सी आफ़त (Trouble) आने वाली है कि दुनिया का अस्तित्व मिट जायेगा? आखिर, 2038 का रहस्य क्या है ? इस विनाश के बाद पृथ्वी का स्वरूप कैसा होगा? आइये, इसे विस्तार से जानते हैं. दुनिया भर में अनेक सभ्यता हैं. इसी में एक माया सभ्यता (Mayan Civilization) है. प्रसिद्ध भविष्यवक्ता नास्त्रेदम (Nostradam) की भविष्यवाणी में 2038 को अत्यंत संवेदनशील और उथल-पुथल वाला वर्ष बताया गया है. भारतीय (Indian) ज्योतिष शास्त्रियों (Astrologers) में अधिकतर नास्त्रेदम की भविष्यवाणी का समर्थन करते है.

खगोलविदों का है मानना
वर्तमान में सौर चक्र में परिवर्तन के कारण सूर्य (Sun) में भी काफी हलचल दिखाई दे रही है. खगोलविदों का मानना है कि सूर्य में भी ऊंची-ऊंची आग की लपटें उठ रही हैं, जो अनोखी खगोलीय घटना है. पिछले दिनों नासा (NASA) ने भी इस संबंध में एक वीडियो जारी किया था, जिसमें सूर्य से लपटें उठती दिख रही थी. आम जन में भी यह मान्यता प्रचलित है कि सौर घटनाओं या सूर्य के कलंक के कारण विश्व भर में अनेक प्रकार की प्राकृतिक आपदाएं आती हैं.

अधिकतर सही साबित हुईं
माया सभ्यता द्वारा बताये गये पांच हजार वर्ष पूर्व के कैलेंडर में अब तक आये सभी बड़े भूकंपों, विश्व युद्धों, क्रांतियों, बाढ़-सुनामी और महामारियों की भविष्यवाणियों (Predictions) में से अधिकतर सही साबित हुई हैं. नास्त्रेदम कहते हैं कि 12 जुलाई 2038 को दोपहर 02.25 बजे एक खतरनाक आकाशीय पिंड पृथ्वी से टकरायेगा. इससे जो विस्फोट होगा वह परमाणु बम (Atomic Bomb) से भी सौ गुना अधिक शक्तिशाली हो सकता है. इससे धरती से जीवन खत्म हो जा सकता है.


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कोई मुकम्मल तैयारी नहीं
इधर, वाशिंगटन (Washington) की अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने एक अभ्यास में पाया है कि एक विशाल आकाशीय पिंड (Celestial Body) धरती से टकरा सकता है. नासा को यह भी पता चला है कि इसके टकराने की संभावना 72 प्रतिशत है और इसे रोक पाने के लिए धरती पर कोई मुकम्मल तैयारी नहीं है. दुनिया की तबाही की भविष्यवाणी धार्मिक पुस्तकों में वर्षों पूर्व की गयी है. आज के वैज्ञानिक (Scientist) अपनी तरह से इसका अंदाजा लगा रहे हैं. धार्मिक पुस्तकों में कहा गया है कि कलयुग (Kalyug) के अंत में इंसान पूरी तरह नरभक्षी हो जायेगा. चारो ओर अधर्म और पाप का बोलबाला रहेगा. कल्कि के रूप में भगवान नारायण का दसवां अवतार होगा.

तब ‘सत्ययुग’ आ जायेगा!
भगवान कल्कि तीन दिनों के भीतर पापियों का विनाश कर पृथ्वी को पाप मुक्त कर देंगे. धर्म की पुनर्स्थापना करेंगे. फिर लगातार 12 वर्षों तक मूसलधार बारिश होगी. संपूर्ण पृथ्वी जलमग्न हो जायेगी. पृथ्वी पर कुछ नहीं बचेगा, आक्सीजन खत्म हो जायेगा, भूकंप आयेंगे, ज्वालामुखी फटेंगे, बाढ़-सुनामी में पूरा भूमंडल तबाह हो जायेगा. तब एक साथ 12 सूर्यों का उदय होगा. नयी पृथ्वी और नये युग का निर्माण होगा. उसे ‘सत्ययुग’ कहा जायेगा.

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