तो यह कारण रहा सहनी जी के शांत पड़ जाने का
राजनीतिक विश्लेषक
10 सितम्बर, 2021
PATNA. यह एक ऐसा सवाल है, जिसके बारे में जानने की जिज्ञासा राज्य के हर उस आदमी के मन में है, जिनकी राजनीति में थोड़ी दिलचस्पी है. क्योंकि अधिकारियों के तबादले के मौसम में सहनी जी ने ऐसा समां बांधा था कि लोगों को लगने लगा कि सरकार अब गयी, तब गयी.
पांच दिनों तक बड़ा सस्पेंस रहा. सहनीजी ने रिजाइन किया. हैरत की बात थी. महंगाई और कोरोना के कारण बिगड़ती जा रही अर्थव्यवस्था के इस बुरे दौर में कोई आदमी मंत्री (Minister) पद छोड़ने की पेशकश करे तो हर किसी को हैरत होगी. सस्पेंस को थोड़ा और आगे बढ़ाने के लिए वह दिल्ली कूच कर गये.
डिप्टी सीएम (Deputy CM) की बात उड़ी
संदेश यह फैला कि वह सुप्रीमो के दरबार में गये हैं. सरकार गिरने जा रही है. नयी सरकार में उन्हें डिप्टी सीएम बनाया जायेगा. दो दिन यही सब चलता रहा.
तीसरे दिन खबर आयी कि काहे को दिल्ली जायेंगे सहनी जी. उन्हें तो दिल्ली हवाई अड्डे (Airport) से ही महतो जी अपने घर पर उठाकर ले गये. नाश्ता-पानी के बाद कहा कि क्यों न देवभूमि की सैर कर लें. सहनीजी इसके लिए राजी हो गये. बस, वहां से ऋषिकेश पहुंचे. स्नान ध्यान के बाद महतो जी ने उन्हें एक पहुंचे हुए ज्योतिष से मिलवाया.
ललाट देखकर बता दिया
ज्योतिष सचमुच के पहुंचे हुए निकले. कुंडली के बदले ललाट देख कर ही बता दिया कि बच्चा, यह समय बड़ी नौकरी पाने की उम्मीद पालने का नहीं है, जो है, वह भी बच जाये तो समझ लो भगवान की बड़ी कृपा है. ज्योतिष के ऐसे वचन सुनकर सहनीजी थोड़ा निराश हुए.
इन्हीं नाजुक क्षणों में महतो जी ने उनका हाथ दबाया. कान में कहा कि निकल लीजिये. अभी वक्त हाथ से निकला नहीं है. हमने साहब से बात कर ली है. वह माफी देने को तैयार हैं. चलिये. निकलिये यहां से, बैठे रहे तो कुछ और बता देगा. ज्योतिष के यहां से निकलने के समय सहनीजी का मन उदास था. थोड़ा विचलित भी थे.
महतो जी ने भरोसा दिया
ऐसे में महतो जी ने उन्हें भरोसा दिया कि आपकी नौकरी कायम है. चलिये, दिल्ली. वहां से जायेंगे पटना. सब बात फाइनल है. साथ चल रहे लोगों का कहना था कि ज्योतिष से मुलाकात के बाद सहनीजी उस ज्योतिष को कोसने लगे, जिसने कहा था कि उत्तम राजयोग चरचरा रहा है.
खैर, वह दिल्ली (Delhi) आये. वहां से राजा से संपर्क किया. फोन पर अपने आने और मिलने का समय मांगा. पहले दिन समय नहीं मिला. दूसरे दिन मुलाकात हुई. बताते हैं कि यहां का सीन और दर्दनाक था.
राजा ने हड़का दिया
सहनीजी कुछ बोलते उससे पहले राजा ने हड़काना शुरू कर दिया. एक फाइल की ओर इशारा किया. पूछा-देख रहे हैं न. आपका ही है. सिविल सप्लाई मिनिस्ट्रिी के दिनों की फाइल है. दस्तखत के लिए आया था. हम अब तक रोके हुए थे. जल्दी से आप इस्तीफा वाली चिट्ठी पर साइन कीजिये. हम इस फाइल पर साइन कर देते हैं.
बताने की जरूरत नहीं है कि इसके बाद क्या हुआ. सब तो ठीक ही चल रहा है. सहनीजी आफिस जाते हैं. भूल से भी फाइल (File) की मांग नहीं करते हैं.