वे भविष्यवाणियां जो सच साबित हुईं
RANCHI : आचार्य विनम्र विश्वास (Acharya Vinamra Vishwas) ने अक्तूबर 1999 से लेकर अब तक जो भी भविष्यवाणियां की हैं, प्रायः सभी सच साबित हुई हैं. घटित होने से पूर्व विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित और ट्वीटर पर प्रसारित इनकी भविष्यवाणियां इसके अकाट्य साक्ष्य हैं.
3 अक्तूबर 1999 : संसदीय चुनाव में भाजपा (BJP) को लगभग 200 सीटें मिलेंगी. अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) ही प्रधानमंत्री (Prime Minister) होंगे…. भाजपा को अकेले 182 सीटें मिलीं और अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री बने.
जनवरी 2000 : महाराष्ट्र (Maharastra) के मुख्यमंत्री विलास राव देशमुख (Vilas Rao Deshmukh) एवं उनकी सरकार के लिए वर्ष 2000 उथल-पुथल भरा रहेगा. विलास राव देशमुख की सरकार अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पायेगी. कल्याण सिंह (Kalyan Singh) की भाजपा में वापसी होगी और वह पुनः उच्च पद पर आसीन होंगे. दोनों भविष्यवाणियां सच निकलीं.
22 फरवरी 2000 : लालू प्रसाद (Lalu Prasad) सरकार नहीं बना पायेंगे. किशनगंज (Kishanganj) संसदीय क्षेत्र में तसलीम उद्दीन (Taslim Uddin) की जीत होगी… लालू प्रसाद सरकार नहीं बना पाये. चुनाव बाद सात दिन के लिए नीतीश कुमार (Nitish Kumar) मुख्यमंत्री बने.
उड़ीसा में सत्ता परिवर्तन
23 फरवरी 2000 : उड़ीसा (Odisa) में सत्ता परिवर्तन होगा. हरियाणा (Hariyana) में भाजपा और लोकदल (Lokdal) की सरकार फिर बनेगी. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में रामप्रकाश गुप्त (Ramprakash Gupt) की सरकार गिर जायेगी. तीनों ही राज्यों में वैसा ही हुआ.
23 फरवरी 2000 : 2005 के बाद पाकिस्तान (Pakistan) में लोकतंत्र की पुनर्स्थापना होगी. नवाज शरीफ (Nawaz Sarif) पुनः सत्ता में आयेंगे. 2005 के बाद वहां लोकतंत्र की पुनर्स्थापना हुई और 5 जून 2013 को नवाज शरीफ फिर से प्रधानमंत्री बने.
23 फरवरी 2000 : नेपाल (Nepal) में कृष्ण प्रसाद भट्टाराई (Krishna Prasad Bhattrai) की सरकार गिर जायेगी. एक महीने बाद 22 मार्च 2000 को कृष्ण प्रसाद भट्टाराई की सरकार गिर गयी.
वाजपेयी सरकार का पतन
अप्रैल 2002 : राम मंदिर (Ram Mandir) का मुद्दा अटल बिहारी वाजपेयी (Atar Bihari Vajpayee) की सरकार के पतन का कारण बन जायेगा. श्रीलंका (Srilanka) के राष्ट्रपति (President) की सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त करनी होगी अन्यथा उनकी हत्या हो सकती है. पाकिस्तान के राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ (Parvez Mussarraf) को 2004 के बाद भारी असंतोष का सामना करना पड़ सकता है. सत्ता से बेदखल होकर पाकिस्तान भी छोड़ना पड़ सकता है. ये तमाम बातें सत्य साबित हुईं.
जनवरी 2003 : बर्खास्त मंत्री डा. सी पी ठाकुर (Dr. C.P. Thakur) को संकल्प लेकर अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में पुनः केन्द्रीय मंत्री बनवाया.
दिसम्बर 2003 : डा. रमण सिंह (Dr Raman Singh) को संकल्प लेकर छत्तीसगढ़ (Chhatisgarh) का मुख्यमंत्री बनवाया.
नीतीश कुमार की हार
25 अप्रैल 2004 : 2004 के लोकसभा चुनाव (Parliament Election) में नीतीश कुमार (Nitish Kumar) बाढ़ (Barh) से चुनाव हार जायेंगे, नालंदा (Nalanda) से जीत जायेंगे. डा. सी पी ठाकुर के लिए भी इस बार पटना (Patna) की सीट बचाना लोहे के चने चबाने जैसा होगा. अप्रत्याशित हार का सामना करना पड़ेगा…. सब कुछ वैसा ही हुआ.
अप्रैल 2004 : पवन चामलिंग (Pawan Chamling) सिक्किम (Sikkim) में जीत की हैट्रिक लगायेंगे.
अक्तूबर 2005 : ममता बनर्जी (Mamta Banarjee) की मेहनत लायेगी रंग. आने वाले वक्त में पश्चिम बंगाल (West Bengal) में माकपा का साम्राज्य ढह जायेगा. ममता बनर्जी (Mamta Banarjee) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री (Chief Minister) बनेंगी. 20 मई 2011 को ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बनीं.
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शिबू सोरेन मुख्यमंत्री बने
अगस्त 2008 : शिबू सोरेन (Sibu Soren) को संकल्प लेकर झारखंड (Jharkhand) का मुख्यमंत्री बनवाया.
मार्च 2009 : लोकसभा चुनाव से पूर्व लालकृष्ण आडवाणी (Lalkrishna Advani) के प्रधानमंत्री बनने के सवाल पर कहा था, ‘भूतो न भविष्यतिः’ हुआ भी वैसा ही.
मार्च 2009 : लोकसभा चुनाव में रामविलास पासवान (Rambilash Paswan) हाजीपुर (Hajipur) में हार जायेंगे. हार गये.
सितम्बर 2010 : अर्जुन मुंडा (Arjun Munda) को संकल्प लेकर झारखंड का मुख्यमंत्री बनवाया.
फरवरी 2011 : 2010 के बिहार विधानसभा चुनाव में राजद 22 सीटों में सिमट गयीं. लालू प्रसाद की राजनीति के अंत के कयास लगाये जाने लगे. पर, आचार्य विनम्र विश्वास (Acharya Vinamra Vishwas) ने कहा था कि अस्त होने के उपरांत सूर्य पुनः उदयमान होता है. उसी प्रकार आने वाले समय में लालू प्रसाद (Lalu Prasad) की राजनीति भी चमकेगी. वह पुनः सत्ता के केन्द्र में आयेंगे. 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में राजद (RJD) सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरा और लालू प्रसाद फिर से सत्ता के केन्द्र में आ गये.
भारत का होगा विश्वकप
31 मार्च 2011 : इस बार भारत (India) का ही होगा विश्वकप (World Cup). महेन्द्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) निभायेंगे जीत में बड़ी भूमिका. वैसा ही हुआ.
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