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बोचहां में ‘हीरा-पन्ना’ तराश रहे भाजपा के जौहरी

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विभेष त्रिवेदी
03 अप्रैल, 2022

Muzaffarpur : बोचहां विधानसभा क्षेत्र में ‘हीरा-पन्ना’ तराशने वाले जौहरी पहुंच रहे हैं. इस कारीगरी की बदौलत गुजरात आज बुलंदियां छू रहा है. जब से गुजरात (Gujrat) में ‘हीरा-पन्ना’ व अन्य रत्नों को तराशने का काम व्यापक पैमाने पर शुरू हुआ, सूरत (Surat) समेत गुजरात के कई शहरों के नाम देश-दुनिया में चमक उठे. वहां सिर्फ हीरे तराशने का ही काम नहीं होता है, वहां के जौहरी में हीरे पहचानने की विलक्षणता होती है. यहां गुजरात के ऐसे जौहरी की बात की जा रही है जिनकी बदौलत भाजपा (BJP) का सियासी कारोबार चल पड़ा. भाजपा इतनी ताकतवर बन कर निकली कि पूरे देश में छा गयी!

इस जौहरी का नाम है भीखू भाई दलसानिया (Bhikhu Bhai Dalsaniya). इन्होंने करीब डेढ़ दशक तक गुजरात में भाजपा कार्यकर्ताओं को हीरे की तरह तराशा. पिछले सप्ताह बिहार प्रदेश भाजपा के संगठन महामंत्री भीखू भाई दलसानिया बोचहां (Bochaha) विधानसभा क्षेत्र के मुशहरी प्रखंड में दलीय कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित करते हुए लगातार ‘पन्ना’ (पन्ना प्रमुख) तलाशने- तराशने पर बल देते रहे. ‘पन्ना प्रमुख’ भाजपा की चुनावी लामबंदी में नवीनतम शब्दावली है. संगठन को जिला व मंडलों से आगे पंचायतों व बूथों तक पहुंचा चुकी भाजपा अब मतदाता सूची के प्रत्येक पृष्ठ (पन्ना) के लिए एक प्रमुख कार्यकर्ता की तैनाती कर रही है.


बिहार प्रदेश भाजपा के संगठन महामंत्री भीखू भाई दलसानिया बोचहां (Bochaha) विधानसभा क्षेत्र के मुशहरी प्रखंड में दलीय कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित करते हुए लगातार ‘पन्ना’ (पन्ना प्रमुख) तलाशने- तराशने पर बल देते रहे.


पन्ना प्रमुखों पर भरोसा
एक पन्ना पर 30 वोटरों के नाम होते हैं. भाजपा अब 30 वोटरों के लिए एक पन्ना प्रमुख की तैनाती करेगी, जो सभी 30 वोटरों को बूथ तक पहुंचाने में प्रेरक का काम करेंगे. कहा तो यह भी जा रहा है कि जब गुजरात के पिछले विधानसभा चुनाव में विपक्षी दलों से सघन चुनौती मिलने लगी तो भीखू भाई दलसानिया ने मतदाता सूची के प्रत्येक पृष्ठ के लिए ‘पन्ना कमेटी’ बनवा डाली. बिहार भाजपा के महामंत्री देवेश कुमार (Devesh Kumar) ने भी शर्फुद्दीनपुर (बोचहां) की मीटिंग में पन्ना प्रमुख बनाने पर बल दिया .

बिहार भाजपा तकनीकी मंच के पूर्व महामंत्री अमिताभ कुमार (Amitabh Kumar) का दावा है कि भाजपा के कार्यकर्ता तराशे हुए हीरे हैं. इनकी बदौलत पार्टी बड़ी जीत की ओर अग्रसर है. भाजपा के जौहरियों की कवायद से पता चलता है कि पार्टी का चुनावी भविष्य ‘हीरा-पन्ना’ की चमक, चपलता और चतुराई पर निर्भर करेगा. सवाल उठ रहा है कि विश्व की सबसे बड़ी कैडर वाली पार्टी होने का दावा कर रही भाजपा के पास ‘हीरा-पन्ना’ का कितना बड़ा भंडार है?


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ऑनलाइन तलाशे गये ‘हीरे’
बाजार में हीरे (रत्न) की 6 किस्में आसानी से सुलभ हैं, नीला-सफेद, सफेद, हलकाकेप, गहराकेप, हलका भूरा और गहरा भूरा. लेकिन, हम यहां भाजपाई हीरे की बात कर रहे हैं. भाजपा (BJP) के पास कितने प्रकार के हीरे हैं? क्या भाजपा सिर्फ वैश्य और भूमिहार समाज के हीरों (कार्यकताओं) के भरोसे है या यादव, मल्लाह, पासवान, चमार, कुर्मी-कोइरी समाज से भी ‘हीरा-पन्ना’ तराशे जा रहे हैं? भाजपा नेता पहले घर-घर जाकर प्राथमिक सदस्य और सक्रिय सदस्य बनाया करते थे. जब सदस्यता अभियान का लक्ष्य बढ़ने लगा तो आनलाइन सदस्यता दी जाने लगी. सबकुछ कागज और कंप्यूटर (Computer) पर तैयार होने लगा.

इस चुनावी जंग का परिणाम इस बात पर निर्भर करेगा कि जमीन पर किस दल के पास ‘हीरा-पन्ना’ की कितनी बड़ी संख्या है. सेनापति अपने सैनिकों का हौसला बढ़ाने के लिए बड़ी फौज का दावा कर रहे हैं. यादव-मुस्लिम-पासवान, मल्लाह-चमार, भूमिहार, वैश्य, कुर्मी-कोइरी वोटरों की संख्या को रणनीति के तहत बढ़ा-घटाकर प्रचारित किया जा रहा है. एक पार्टी के कार्यकर्ताओं के मोबाइल पर कुल 290,764 वोटरों को जातीय टेबल में सजाकर प्रसारित किया गया है.

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