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गया शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र : दिखेगा इस बार जीवन कुमार का जलवा!

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संजय वर्मा
13 नवम्बर, 2022

GAYA : बिहार विधान परिषद (Bihar Legislative Council) के गया शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र का चुनाव फरवरी-मार्च 2023 में संभावित है. चुनाव (Election) की तारीख अभी घोषित नहीं हुई है. मतदाता-सूची (Voter List) की तैयारी अंतिम चरण में है. चुनाव में ताल ठोंकने वालों के नाम सामने आने लगे हैं. कुछ की चुनावी सक्रियता दिखने लगी है. 2017 में तब के राजग के घटक रालोसपा (अब अस्तित्वविहीन) के उम्मीदवार संजीव श्याम सिंह (Sanjiv Shyam Singh) की जीत हुई थी. वर्तमान की तरह उस वक्त भी जदयू (JDU) महागठबंधन का हिस्सा था. महागठबंधन की उम्मीदवारी कांग्रेस के हृदय नारायण सिंह (Hridya Narayan Singh) को मिली थी. कालांतर में संजीव श्याम सिंह जदयू से जुड़ गये. हृदय नारायण सिंह इस बार मैदान में उतरेंगे इसकी कोई पक्की सूचना नहीं है. वैसे, कांग्रेस के पूर्व विधान पार्षद डाॉ अजय कुमार सिंह अपनी संभावना टटोल रहे हैं.

संजीव श्याम सिंह होंगे जदयू के उम्मीदवार
संजीव श्याम सिंह महागठबंधन में जदयू (JDU) के उम्मीदवार होंगे, यह करीब-करीब तय है. वैसे, 2017 की हिस्सेदारी के मद्देनजर कांग्रेस (Congress) भी दावा जता सकती है. लेकिन, महागठबंधन (Mahagathbandhan) में उसकी जो स्थिति है उसमें महत्व मिलेगा, इसकी संभावना नहीं के बराबर है. 2017 में प्रो. डी के सिंह लोजपा (LJP) के उम्मीदवार थे. अभी रालोजपा में हैं या लोजपा (रामविलास) में, इसकी जानकारी नहीं. लेकिन, क्षेत्र में चर्चा है कि वह इस बार भी चुनाव लड़ेंगे. उम्मीदवार (Candidate) किस पार्टी के होंगे, अभी नहीं कहा जा सकता. वैसे, लोजपा के दोनों धड़ों की निकटता भाजपा (BJP) से है. रालोजपा तो राजग का हिस्सा ही है. क्या होगा क्या नहीं, यह भविष्य की बात है, पर इस क्षेत्र से भाजपा के चुनाव लड़ने के प्रबल आसार हैं.

अन्य किसी में दम नहीं
चर्चा कई नामों की है. वयोवृद्ध पूर्व विधान पार्षद कृष्ण कुमार सिंह (Krishna Kumar Singh) की भी. लेकिन, ज्यादा संभावना जीवन कुमार (Jivan Kumar) की बनती दिख रही है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की पृष्ठभूमि से आने वाले जीवन कुमार पटना जिले (Patna District) के बिहटा के परेव निवासी बड़े कारोबारी हैं. विधान परिषद के चुनाव लड़ने की जो ‘पात्रता’ होती है उससे परिपूर्ण हैं. हिन्दू जागरण मंच (Hindu JagranManch) के प्रदेश संयोजक हैं. समाजसेवा से गहरे रूप से जुड़े हैं. इनकी पत्नी ज्योति सोनी (Jyoti Soni) पटना जिला परिषद (Patna Zila Parishad) की उपाध्यक्ष और फिर अध्यक्ष रह चुकी हैं. सामान्य समझ में भाजपा के संभावित उम्मीदवार के तौर पर जिन चंद नामों की चर्चा है वे सबके सब जीवन कुमार की दावेदारी के समक्ष किसी भी रूप में नहीं टिकते हैं. ऐसी चर्चा है कि जीवन कुमार को भाजपा नेतृत्व से हरी झंडी मिल गयी है. भाजपा (BJP) हर सूरत में जीत चाहती है. तदनुरूप जीवन कुमार (Jivan) को मोर्चा संभालने का संकेत दे दिया गया है. वह चुनावी मुहिम में जुट भी गये हैं.


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मुश्किलों से भरी है महागठबंधन की राह
गया (Gaya) शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र आठ जिलों में फैला हुआ है. गया, जहानाबाद, अरवल, औरंगाबाद, भोजपुर, बक्सर, रोहतास और कैमूर तक. इसके क्षेत्राधिकार में 102 प्रखंड आते हैं. जीवन कुमार तमाम जगहों पर जाकर शिक्षक मतदाताओं से व्यक्तिगत संपर्क स्थापित कर उन्हें चुनाव में उतरने के अपने मकसद से अवगत करा रहे हैं. शिक्षक मतदाताओं के आश्वासन से उनका हौसला दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है. उधर, महागठबंधन के संभावित उम्मीदवार संजीव श्याम सिंह (Sanjiv Shyam Singh) के साथ सात दलों की ताकत है और लगातार दो चुनावों में उनकी जीत हुई है. इस दृष्टि से उन्हें भी कमतर आंका नहीं जा सकता. इसके बाद भी विश्लेषकों का मानना है कि जीवन कुमार भाजपा उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतरे तो फिर संजीव श्याम सिंह की राह कठिनाइयों से भर जा सकती है. मायूसी मिल जाये तो वह भी कोई अचरज की बात नहीं होगी.

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